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वर्तमान राज्य सरकार समय के अनुरूप आदिवासियों के विकास हेतु विभिन्न योजनाओं का क्रियान्वयन कर रही है : मुख्यमंत्री

ऑनलाइन डेस्क, 4 नवंबर, 2025 : वर्तमान राज्य सरकार समय के अनुरूप आदिवासियों के विकास हेतु विभिन्न योजनाओं का क्रियान्वयन कर रही है। वर्तमान सरकार ने राज्य के आदिवासियों और राजपरिवार को उचित सम्मान दिया है। राज्य सरकार केवल कथनी से ही नहीं, बल्कि कर्म से भी जनकल्याण के लिए इस राज्य को आगे ले जाना चाहती है। आज मुख्यमंत्री प्रोफेसर (डॉ.) माणिक साहा ने रवींद्र शताब्दी भवन में आदिवासी महिलाओं के बीच रिया और पाशरा बुनाई हेतु सूत वितरण कार्यक्रम का उद्घाटन करते हुए यह बात कही। मुख्यमंत्री और अतिथियों ने कार्यक्रम के मंच पर 25 लोगों को औपचारिक रूप से सूत सौंपा।

आज रवींद्र भवन में 2,000 आदिवासी महिलाओं को सूत वितरित किया गया। हथकरघा, हस्तशिल्प और रेशम उत्पादन विभाग द्वारा शुरू किए गए मुख्यमंत्री आदिवासी महिला बुनकर विकास कार्यक्रम ने चालू वित्त वर्ष में राज्य भर में 20,000 आदिवासी महिलाओं को धागा उपलब्ध कराने का लक्ष्य रखा है। इस अवसर पर बोलते हुए, मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री के रूप में कार्यभार संभालने के बाद, नरेंद्र मोदी देश भर में आदिवासियों के विकास के लिए सही कदम उठाते हुए विभिन्न परियोजनाओं को लागू कर रहे हैं। इसका एक उदाहरण धरती आबा जनजाति ग्राम उत्कर्ष अभियान है। इस परियोजना को लागू करने में उल्लेखनीय सफलता के लिए त्रिपुरा को पहले ही 3 राष्ट्रीय पुरस्कार मिल चुके हैं।

शिक्षा, स्वास्थ्य, संचार प्रणालियों आदि के विकास के लिए राज्य के आदिवासी बहुल ब्लॉक क्षेत्रों में 1400 करोड़ रुपये की लागत से विभिन्न परियोजनाएं कार्यान्वित की जा रही हैं। राज्य में रहने वाले आदिवासियों में, ब्रा या रयान मूल आदिवासी समूहों में से एक हैं। उनके जीवन स्तर में सुधार के लिए, राज्य सरकार ने विभिन्न विभागों के माध्यम से पिछले 1 वर्ष में 322 करोड़ रुपये की लागत से विभिन्न परियोजनाओं को लागू किया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार न केवल राज्य के 19 जनजातीय समूहों, बल्कि जनजातीय उप-समूहों के विकास के लिए भी समान रूप से काम कर रही है। वर्तमान सरकार एक आदिवासी हितैषी सरकार है।

राजा सरकार ने आदिवासी समुदाय के नेताओं के भत्ते में 5 हजार रुपये की वृद्धि की है। आदिवासी कृषि और संस्कृति के विकास के लिए विभिन्न योजनाएं कार्यान्वित की जा रही हैं। अब तक, 9,325 लोगों को मुख्यमंत्री जनजाति विकास योजना के तहत 25-25 हजार रुपये की वित्तीय सहायता दी गई है। संयोग से, उन्होंने कहा कि आदिवासी महिलाओं द्वारा बनाए गए रिया और पचरा अब विभिन्न राज्यों में निर्यात किए जा रहे हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य के आदिवासी वर्ग के लोगों के एकजुट प्रयासों से ही त्रिपुरा को आगे ले जाना संभव होगा। इसलिए, हर जगह शांति और सद्भाव बनाए रखना चाहिए। नशा मुक्त समाज। इसे बनाने के लिए सभी को आगे आना होगा।

कई आदिवासी महिलाएँ पहले ही आत्मनिर्भर बन चुकी हैं। उन्होंने कहा कि अपने और आने वाली पीढ़ियों के विकास के लिए राज्य के सभी लोगों को एकजुट होकर वर्तमान सरकार का साथ देना चाहिए। कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि अगरतला नगर निगम के महापौर और विधायक दीपक मजूमदार थे। स्वागत भाषण हथकरघा, हस्तशिल्प एवं रेशम उत्पादन विभाग के निदेशक अजीत शूरदास ने दिया।

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