
भारतीय ध्वज संहिता, गृह मंत्रालय के दिशानिर्देश
ऑनलाइन डेस्क, 12 फरवरी 2024: भारत सरकार के गृह मंत्रालय द्वारा ‘भारतीय ध्वज संहिता’ के अनुसार राष्ट्रीय ध्वज के उपयोग के संबंध में कुछ दिशानिर्देश जारी किए गए हैं।
भारत सरकार के उप सचिव पांडे प्रदीप कुमार ने राज्य सरकार से यह सुनिश्चित करने को कहा है कि विशेष रूप से राष्ट्रीय त्योहारों, सांस्कृतिक, खेल आयोजनों के दौरान इस्तेमाल किए जाने वाले कागज के राष्ट्रीय झंडों को कार्यक्रम के बाद जमीन पर न फेंका जाए और उचित सम्मान के साथ उनका निपटान किया जाए।
इसके अलावा, ‘भारतीय ध्वज संहिता 2002’ (जिसे 30 दिसंबर, 2021 को संशोधित किया गया था) के अनुसार, हाथ से बुना या मशीन से बनाया गया कोई भी राष्ट्रीय ध्वज कपास/पॉलिएस्टर/ऊन/रेशम/खादी आदि से बना होना चाहिए।
उपयुक्त स्थिति वाला कोई भी व्यक्ति/गैर-सरकारी संगठन/शैक्षणिक संस्थान प्रतिदिन या विशेष दिनों/अवसरों पर राष्ट्रीय ध्वज फहरा सकता है।
फिर 20 जुलाई 2022 को संशोधन के बाद कहा गया है कि ‘अगर राष्ट्रीय ध्वज किसी खुले स्थान पर या किसी के घर पर फहराया जाता है तो उसे दिन-रात हर समय फहराया जा सकता है।’ राष्ट्रीय ध्वज का आकार आयताकार होगा और लंबाई-चौड़ाई का अनुपात 3:2 होगा।
क्षतिग्रस्त या फटा हुआ राष्ट्रीय ध्वज नहीं फहराया जाएगा और केवल उस उद्देश्य के लिए उपयोग किए गए मस्तूल से ही उपयुक्त स्थान पर प्रदर्शित किया जाएगा, और किसी अन्य ध्वज के साथ उसी मस्तूल पर नहीं फहराया जाएगा।
जैसा कि ध्वज संहिता की धारा IX (भाग III) में उल्लिखित है, राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति, प्रधान मंत्री, राज्यपाल को छोड़कर किसी भी व्यक्ति के निवास पर राष्ट्रीय ध्वज का उपयोग नहीं किया जाएगा।
राष्ट्रीय ध्वज के बगल में या ऊपर कोई अन्य ध्वज या प्रतीक चिन्ह प्रदर्शित नहीं किया जा सकता है। इस संबंध में विस्तृत जानकारी गृह मंत्रालय की वेबसाइट www.mha.gov.in पर उपलब्ध है।