
दिव्यांगजनों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए उनके साथ खड़े रहें: ऊर्जा मंत्री
ऑनलाइन डेस्क, 06 फरवरी 2024: जो लोग समाज में पिछड़े हैं उन्हें आगे लाना होगा सबके विकास के बिना श्रेष्ठ भारत का निर्माण नहीं हो सकता दिव्यांगजनों को भी आत्मनिर्भर बनने के लिए उनके साथ खड़े होने की जरूरत है इसी लक्ष्य को ध्यान में रखते हुए केंद्र और राज्य सरकारें विभिन्न योजनाएं लागू कर रही हैं ऊर्जा मंत्री रतनलाल नाथ ने आज दोपहर शिशु उद्यान में आयोजित दिव्य कला मेले का उद्घाटन करते हुए यह बात कही।
सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय की पहल पर शिशु उद्यान में 6 दिनों के लिए इस मेले का आयोजन किया गया है मेले में विभिन्न राज्यों से आये दिव्यांगजन कलाकारों ने अपने उत्पादों के साथ भाग लिया। उनके उत्पादों के विपणन और उन्हें प्रोत्साहित करने के लिए देश के विभिन्न शहरों में ऐसे मेलों का आयोजन किया जा रहा है।
मेले का उद्घाटन करते हुए बिजली मंत्री रतनलाल नाथ ने कहा कि इस तरह के मेले के आयोजन के बारे में पहले किसी ने नहीं सोचा था। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सोच के तहत इस तरह के मेले का आयोजन किया जा रहा है। हम हमेशा कहते हैं सबका साथ सबका विकास। सिर्फ कुछ लोगों के विकास करने से देश का विकास नहीं होगा।
सभी लोगों को सुधार करना होगा बिजली मंत्री ने कहा, इस तरह का प्रयास दिव्यांगजनों में उद्यमशील, कुशल कलाकार और आत्मनिर्भर लोगों का विकास करना है। बोलते हुए उन्होंने दिव्यांगजनों के कल्याण के लिए राज्य सरकार की विभिन्न योजनाओं पर भी प्रकाश डाला उन्होंने आशा व्यक्त की कि सभी के सहयोग से बेहतर त्रिपुरा और आत्मनिर्भर भारत का निर्माण संभव होगा इस मौके पर समाज कल्याण एवं सामाजिक शिक्षा मंत्री टिंकू रॉय ने कहा कि नरेंद्र मोदी के प्रधानमंत्री बनने के बाद देश में विभिन्न क्षेत्रों में बड़ा बदलाव आया है।
भारत कई मामलों में दुनिया में शीर्ष पर है उन्होंने समाज कल्याण एवं सामाजिक शिक्षा विभाग में विभिन्न विकासात्मक कार्यों तथा दिव्यांगों के कल्याण के लिए राज्य सरकार के विभिन्न कार्यक्रमों की जानकारी पर प्रकाश डाला। इस अवसर पर अतिथियों ने चयनित दिव्यांगजनों को विभिन्न सहायक सामग्रियां वितरित कीं।
उद्घाटन समारोह में एनडीएफडीसी के सीएमडी नवीन शाह ने सभी का स्वागत किया एनडीएफडीसी के एजीएम अरुण कुमार ने धन्यवाद ज्ञापन किया। कार्य विभाग के उपायुक्त अचिंतम किलिकडर, एनआईएलडी कोलकाता के निदेशक ललित नारायण, परोपकारी राजीव घोष और अन्य उपस्थित थे।