♦इस खबर को आगे शेयर जरूर करें ♦

मीण क्षेत्रों में आर्थिक रूप से कमजोर पशुपालकों को पशुपालन के लिए प्रोत्साहित करने की पहल की गई: पशु संसाधन विकास मंत्री

ऑनलाइन डेस्क, 13 दिसंबर 2023: राज्य के ग्रामीण क्षेत्रों में आर्थिक रूप से कमजोर पशुपालकों को पशुपालन के लिए प्रोत्साहित करने की पहल की गई है। ग्रामीण अर्थव्यवस्था को विकसित करने और पशुपालकों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए मुख्यमंत्री सवयसंपद विकास योजना के तहत मुख्यमंत्री सवयपालक सम्माननिधि योजना नामक एक नई योजना शुरू की गई है।

इस परियोजना के लाभार्थियों को 6 हजार रुपये की एकमुश्त वित्तीय सहायता दी जाएगी। पशु संसाधन विकास मंत्री सुधांशु दास ने आज रवीन्द्र शताब्दी भवन में मुख्यमंत्री पशुपालन पुरस्कार योजना का उद्घाटन करते हुए यह बात कही।

बता दें कि जिन पशुपालकों की वार्षिक आय 2 लाख रुपये से कम है और उनके पास कम से कम एक डेयरी गाय या 10 बकरियां या उन्नत नस्ल का सुअर है, उन्हें इसके तहत 6 हजार रुपये की एकमुश्त वित्तीय सहायता दी जाएगी. योजना। पहले चरण में राज्य के 2900 चिन्हित पशुपालकों को सहायता दी जायेगी. इस पर कुल लागत 1 करोड़ 74 लाख रुपये आएगी।

पशु संसाधन विकास मंत्री सुधांशु दास ने इस अवसर पर कहा कि राज्य सरकार केंद्र और राज्य सरकार की विभिन्न परियोजनाओं को ईमानदारी, पारदर्शिता और समय के साथ लागू करने को महत्व दे रही है।

सरकार 2018 से राज्य के लोगों में स्वउद्यमिता की मानसिकता पैदा करने की कोशिश कर रही है लेकिन इस मामले में सफलता पाने के लिए उद्यमियों के पास दृढ़ निश्चय और कड़ी मेहनत की मानसिकता होनी चाहिए उन्होंने कहा कि राज्य में अंडे और मांस की कमी को पूरा करने के लिए मुख्यमंत्री पशुधन विकास योजना के तहत मुर्गी मुर्गा और बत्तख पालन के लिए 36,000 से अधिक परिवारों को 1,300 रुपये की सहायता दी जाएगी।

काफ ग्रोथ मिल योजना के तहत लिंग-छांटित वीर्य से जन्मे उन्नत नस्ल के बछड़ों को 3-12 महीने की उम्र तक पोषण और आहार के लिए सब्सिडी वाला चारा खिलाया जाएगा। इसके अलावा, वित्तीय रूप से बर्बाद अनुभाग योजना में पशुधन और पक्षियों के नुकसान के लिए मुआवजे में, घरेलू जानवरों या पक्षियों की असामान्य मौत के बाद गरीब परिवारों को अधिकतम 20,000 रुपये की वित्तीय सहायता दी जाएगी।

साथ ही मिनी हैचरी योजना, राष्ट्रीय पशुधन मिशन और विभिन्न अन्य योजनाओं के माध्यम से राज्य में पशुपालन की सामाजिक-आर्थिक व्यवस्था में सुधार के लिए कदम उठाए जा रहे हैं। उन्होंने कहा, हमारे देश में कृषि संबद्ध क्षेत्र देश की जीडीपी में 19-20 प्रतिशत योगदान करते हैं। अतः कृषि, पशुपालन एवं मत्स्य पालन के समग्र विकास से अपने राज्य को विकास के शिखर पर ले जाना संभव है।

इस अवसर पर बोलते हुए, अगरतला के मेयर पूर्णिगम दीपक मजूमदार ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के निर्देशन में मुख्यमंत्री प्रोफेसर (डॉ.) माणिक सहर के कुशल प्रबंधन ने राज्य के विकास में आमूल-चूल परिवर्तन लाया है। 2018 से जन कल्याण हेतु विभिन्न कार्यक्रम चलाये जा रहे हैं।

इसके अलावा पश्चिम त्रिपुरा जिला परिषद के कार्यवाहक अध्यक्ष हरिदुलाल आचार्य, मुख्य सचिव बीएस मिश्रा और पशु संसाधन विकास विभाग के निदेशक डॉ. नीरज कुमार चंचल. कार्यक्रम के दौरान अतिथियों ने लाभार्थियों को चेक और विभिन्न सामान सौंपे।

व्हाट्सप्प आइकान को दबा कर इस खबर को शेयर जरूर करें


स्वतंत्र और सच्ची पत्रकारिता के लिए ज़रूरी है कि वो कॉरपोरेट और राजनैतिक नियंत्रण से मुक्त हो। ऐसा तभी संभव है जब जनता आगे आए और सहयोग करे
Donate Now
               
हमारे  नए ऐप से अपने फोन पर पाएं रियल टाइम अलर्ट , और सभी खबरें डाउनलोड करें
डाउनलोड करें

जवाब जरूर दे 

आप अपने सहर के वर्तमान बिधायक के कार्यों से कितना संतुष्ट है ?

View Results

Loading ... Loading ...


Related Articles

Close
Close
Website Design By Bootalpha.com +91 84482 65129