
राष्ट्र के लिए मध्यस्थता से राज्य में 169 मामलों का निपटारा
ऑनलाइन डेस्क, 7 अक्टूबर, 2025: देश के बाकी हिस्सों की तरह, त्रिपुरा में भी 1 जुलाई, 2025 से 90-दिवसीय ‘राष्ट्र के लिए मध्यस्थता’ विशेष अभियान कार्यक्रम शुरू किया गया। सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश, राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण के कार्यकारी अध्यक्ष और मध्यस्थता एवं सुलह परियोजना समिति के अध्यक्ष ने इस विशेष अभियान का शुभारंभ किया। इस विशेष अभियान में मध्यस्थता के माध्यम से राज्य में कुल 169 मामलों का निपटारा किया गया है।
इसके लिए त्रिपुरा उच्च न्यायालय सहित राज्य के 8 जिलों में कुल 9 मध्यस्थता केंद्र खोले गए। त्रिपुरा राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण ने इस अभियान को बढ़ावा देने और विस्तार देने के लिए कई पहल की हैं। इनमें प्रत्येक जिले में रैलियां आयोजित करना और पर्चे वितरित करना शामिल है। मध्यस्थता विवाद समाधान का एक वैकल्पिक तरीका है। इसके माध्यम से दोनों पक्षों को एक ही मेज पर बैठाया जाता है और मध्यस्थ के माध्यम से विवाद का समाधान किया जाता है।
मध्यस्थता के माध्यम से सुलझाए गए मामलों में उल्लेखनीय हैं वैवाहिक विवाद, दुर्घटना मुआवजा दावे, घरेलू हिंसा मामले, चेक बाउंस, व्यावसायिक विवाद, रोजगार संबंधी मामले, आपराधिक मुआवजा योग्य मामले, उपभोक्ता विवाद, ऋण वसूली, संपत्ति वितरण, बेदखली के मामले, भूमि अधिग्रहण और अन्य मामले। इस विशेष अभियान के दौरान, राज्य के विभिन्न न्यायालयों से कुल 1607 मामले मध्यस्थता केंद्र में भेजे गए थे। इनमें से 169 मामलों का निपटारा किया जा चुका है।
इनमें त्रिपुरा उच्च न्यायालय मध्यस्थता केंद्र में 4 मामले, दक्षिण त्रिपुरा जिला मध्यस्थता केंद्र में 24 मामले, धलाई जिला मध्यस्थता केंद्र में 11 मामले, पश्चिम त्रिपुरा जिला मध्यस्थता केंद्र में 33 मामले, उनकोटी जिला मध्यस्थता केंद्र में 12 मामले, खोवाई जिला मध्यस्थता केंद्र में 10 मामले, उत्तर त्रिपुरा जिला मध्यस्थता केंद्र में 17 मामले, सिपाहीजला जिला मध्यस्थता केंद्र में 7 मामले और गोमती जिला मध्यस्थता केंद्र में 51 मामले निपटाए गए हैं। राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण की सदस्य सचिव झूमा दत्ता चौधरी ने इस अभियान को सफल बनाने के लिए सभी संबंधित पक्षों का आभार व्यक्त किया। त्रिपुरा राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा जारी एक प्रेस विज्ञप्ति में यह जानकारी दी गई।








