
मानसून की तैयारी पर राज्य स्तरीय बैठक, विपरीत समय से सीख लेकर हमेशा तैयार रहना चाहिए: मुख्यमंत्री
ऑनलाइन डेस्क, 4 जून, 2025: राज्य में पिछले दिनों और पिछले वर्ष आई भीषण बाढ़ से हमें सीख लेनी चाहिए। सभी को यह याद रखना चाहिए कि आपदा के समय लोगों को बचाना और उनके साथ खड़ा होना केवल सरकारी काम नहीं है, यह हमारी सामाजिक जिम्मेदारी है। मुख्यमंत्री प्रोफेसर (डॉ.) माणिक साहा ने यह बात आज सचिवालय में दक्षिण-पश्चिम मानसून के प्रभाव के चलते मानसून की पूर्व तैयारी पर राज्य स्तरीय बैठक में उपस्थित विभिन्न विभागों के अधिकारियों से कही।
मुख्यमंत्री ने कहा कि आपदा या विपरीत समय से बाहर आने के लिए विभागों को समन्वय पर जोर देना चाहिए। हमें पिछले दिनों के अनुभव का उपयोग करते हुए आगे बढ़ना चाहिए और यह पहचान करनी चाहिए कि कहां कमी है। तभी आपदाओं के दौरान नागरिक समाज को उचित सेवाएं प्रदान करना संभव होगा। इस संबंध में उन्होंने समाज के विभिन्न क्लबों को आगे आने की सलाह दी। उन्होंने सरकारी अधिकारियों और जिलाधिकारियों को भी क्लबों के साथ संवाद बनाए रखने की सलाह दी।
मुख्यमंत्री ने जिलाधिकारियों से कहा कि लोगों को पहले से ही जागरूक करने की जरूरत है, ताकि वे जरूरी कागजात, किताबें, दस्तावेज, रुपये-पैसे सुरक्षित स्थान पर रखें। मुख्यमंत्री ने अस्पतालों में जरूरी दवाएं, एंटीवेनम इंजेक्शन, ब्लीचिंग पाउडर, हैलोजन पाउडर आदि सही मात्रा में रखने पर भी जोर दिया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राहत शिविरों में पहुंचकर नागरिकों की संपत्ति की सुरक्षा पर भी जोर दिया जाए। जरूरत पड़ने पर ड्रोन से निगरानी पर भी विचार किया जाए। मुख्यमंत्री ने कहा कि आपदाओं के दौरान संचार व्यवस्था बाधित होना आम बात है। इसलिए उन्होंने अधिकाधिक हैम रेडियो उपलब्ध कराने पर जोर दिया।
इस बात पर भी ध्यान दिया जाए कि विभिन्न बांधों के स्विच गेट ठीक से काम कर रहे हैं या नहीं। मुख्यमंत्री ने पैदल पुलों की मरम्मत और उन्हें चालू रखने पर जोर दिया। मुख्यमंत्री ने बैठक में यह भी कहा कि आपदाओं से पहले मेडिकल टीम का गठन कर लिया जाए। इससे विपरीत समय में टीमों को शीघ्र भेजा जा सकेगा।
मुख्यमंत्री ने जिलाधिकारियों से राज्य के बांधों की वर्तमान स्थिति के बारे में जानकारी प्राप्त की। उन्होंने बांधों की प्रतिदिन निगरानी करने पर भी जोर दिया। मुख्यमंत्री ने कहा कि हमें मनुष्यों के साथ-साथ पशुओं की सुरक्षा एवं बचाव के प्रति भी सजग रहना चाहिए। उन्होंने कहा कि आपदाओं के दौरान शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराना कठिन हो जाता है। इसलिए लोगों को शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराने में सदैव सजग रहना चाहिए।
इसके साथ ही आश्रय गृहों में उचित मात्रा में भोजन, पेयजल उपचार एवं विद्युत सेवा सुनिश्चित करने पर बल दिया जाना चाहिए। उन्होंने जिलाधिकारियों से कहा कि जोखिम वाले स्थानों को पहले से ही चिन्हित कर लिया जाए। उन स्थानों के निकट आश्रय गृह स्थापित करने की पूर्व तैयारी कर ली जाए।
इसके साथ ही मुख्यमंत्री ने कहा कि संबंधित स्थानों के लोगों को आपदा के समय सरकार के साथ खड़े रहने एवं सहयोग करने के लिए पहले से ही जागरूक करना आवश्यक है। इस संदर्भ में मुख्यमंत्री ने जागरूकता शिविर लगाने का सुझाव दिया। मुख्यमंत्री ने आपदाओं के दौरान नजदीकी संबंधित थानों को अधिक सतर्क रहने की सलाह देते हुए कहा कि आपदाओं में क्षति की मात्रा की निगरानी का कार्य भी शीघ्रता से पूरा किया जाए।
उन्होंने कहा कि विपरीत समय से सीख लेकर हमें सदैव तैयार रहना चाहिए। बैठक में मुख्य सचिव जे.के. सिन्हा ने कहा कि हमें अतीत के अनुभवों का उपयोग करते हुए आगे बढ़ना चाहिए। संबंधित विभाग सतर्क रहें। हेल्पलाइन सेंटर पूरी तरह सक्रिय रहें। जिलाधिकारी मॉनिटरिंग पर जोर दें। फूड पैकेट वितरण, बिजली व्यवस्था, बांधों की स्थिति, स्वास्थ्य सेवाएं, बचाव कार्य समेत सभी पहलुओं पर पैनी नजर रखी जाए।
आज की बैठक की शुरुआत में सबसे पहले राजस्व विभाग के सचिव बृजेश पांडेय समेत ऊर्जा, निर्माण, शिक्षा, स्वास्थ्य, आपदा प्रबंधन, खाद्य, वन, पंचायत, समाज कल्याण एवं सामाजिक शिक्षा, कृषि, नगर विकास आदि विभागों के सचिवों ने अपने विभागों की भूमिका से मुख्यमंत्री को अवगत कराया। साथ ही बैठक में पुलिस महानिदेशक अनुराग समेत विभिन्न जिलों से आए जिलाधिकारियों और समाहर्ताओं ने मुख्यमंत्री के समक्ष मानसून की तैयारियों के बारे में विस्तृत जानकारी प्रस्तुत की।