
एमबीबी. विश्वविद्यालय का पहला दीक्षांत समारोह, तकनीक को सावधानी और जागरूकता के साथ स्वीकार करना होगा: राज्यपाल,
हमें हर चुनौती का सक्षमता और कुशलता से सामना कर आगे बढ़ना होगा: मुख्यमंत्री
ऑनलाइन डेस्क, 29 मई, 2025: वर्तमान में तकनीक के विकास की गति अभूतपूर्व है। जो हर पल हमारे जीवन का स्वरूप बदल रही है। लेकिन हमें इन तकनीकों को सावधानी और जागरूकता के साथ स्वीकार करना होगा। राज्यपाल इंद्रसेन रेड्डी नन्नू ने यह बात आज रवींद्र शताब्दी भवन में महाराजा बीर बिक्रम विश्वविद्यालय के पहले दीक्षांत समारोह में कही। इस अवसर पर मुख्यमंत्री प्रोफेसर (डॉ.) माणिक साहा भी उपस्थित थे और उन्होंने अपने विचार रखे। दीक्षांत समारोह में त्रिपुरा उच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति टी. अमरनाथ गौड़ा को साहित्य की मानद उपाधि (ऑनोरिस कॉसा) प्रदान की गई।
कार्यक्रम में राज्यपाल ने विद्यार्थियों से कहा कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के युग में भी मानवतावाद, सहानुभूति, रचनात्मकता, आलोचनात्मक सोच और बदलाव के अनुकूल होने की क्षमता एक छात्र को समाज के लिए अमूल्य बनाती है। उन्होंने कहा कि समय के साथ तकनीक बदलती रहती है। लेकिन सीखने का कौशल और मूल्य शाश्वत रहते हैं। राज्यपाल ने सभी से राज्य के विकास के लिए भावना, दृढ़ संकल्प, समृद्ध विविधता और संस्कृति के साथ काम करने का आह्वान किया।
कार्यक्रम में बोलते हुए मुख्यमंत्री प्रोफेसर (डॉ.) माणिक साहा ने कहा कि राज्य सरकार ने महाराजा बीर बिक्रम विश्वविद्यालय को समग्र गुणवत्ता के साथ एक उन्नत विश्वविद्यालय के रूप में विकसित करने की पहल की है। इस संबंध में सरकार दूरगामी योजना के साथ आगे बढ़ रही है। उन्होंने कहा कि दीक्षांत समारोह डिग्री प्राप्त करने वाले छात्रों के जीवन का एक विशेष क्षण होता है। हमारे देश में प्राचीन काल से ही शिक्षा प्रणाली की परंपरा रही है। पहले हमारे देश के नालंदा विश्वविद्यालय में विदेश से छात्र पढ़ने आते थे।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शिक्षा की इस परंपरा को पुनर्जीवित करने के लिए लगातार प्रयास कर रहे हैं प्रदेश के शिक्षण संस्थानों में नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति का क्रियान्वयन भी किया जा रहा है। गणित, विज्ञान, योग और दर्शन में भारत के योगदान को आज भी विश्वभर में मान्यता प्राप्त है। नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 ने इस गौरवशाली परंपरा को आधुनिक पाठ्यक्रम में समाहित किया है। इसी विजन के अनुरूप एमबीबी विश्वविद्यालय में भारतीय ज्ञान प्रणाली पर पाठ्यक्रम शुरू किया गया है।
विद्यार्थियों के कॅरियर के अवसरों को और अधिक विस्तारित करने के लिए मुख्यमंत्री ने एमबीबी विश्वविद्यालय में बायोटेक्नोलॉजी में बीबीए, एमबीए, बीसीए, एमसीए, बीएससी और एमएससी पाठ्यक्रम शुरू करने की योजना का भी उल्लेख किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) जैसी तकनीक के उपयोग से शिक्षा अधिक प्रभावी और सुलभ हुई है। कॉलेजों में असिस्टेंट प्रोफेसरों की नियुक्ति पहले ही की जा चुकी है। सरकारी पहल के तहत नए कॉलेज खोले जा रहे हैं। छात्राओं की ट्यूशन फीस माफ की गई है।
मुख्यमंत्री कन्या आत्मनिर्भर योजना और मुख्यमंत्री युवा संपत्त योजना जैसी योजनाएं भी शुरू की गई हैं। पात्र छात्राओं को निशुल्क स्कूटी वितरित की जा रही है। मुख्यमंत्री ने डिग्री धारकों से कहा कि जैसे ही वे जीवन के अगले पड़ाव में कदम रखेंगे, उन्हें विभिन्न चुनौतियों का सामना करना पड़ेगा। हालांकि, उन्हें हर चुनौती का सक्षमता और कौशल के साथ सामना करना है और जीवन में आगे बढ़ना है। उन्होंने छात्रों से विनम्र होने के साथ-साथ सभी के प्रति सम्मान का भाव रखने का आग्रह किया।
मुख्यमंत्री ने विश्वविद्यालय के सभी डिग्री धारकों के भविष्य के जीवन और प्रयासों में सफलता की कामना की। स्वागत भाषण एमबीबी विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ बिवास देब ने दिया। साथ ही शिक्षा विभाग के विशेष सचिव रावल हेमेंद्र कुमार, एमबीबी विश्वविद्यालय के रजिस्ट्रार डॉ सुमंत चक्रवर्ती मौजूद थे। इसके अलावा, पीएचडी, स्नातकोत्तर, स्नातक डिग्री और स्नातकोत्तर डिप्लोमा प्राप्त करने वाले छात्रों को उत्तीर्ण होने का प्रमाण पत्र दिया गया। 135 मेधावी छात्रों को शैक्षणिक उत्कृष्टता के लिए पदक से सम्मानित किया गया। राज्यपाल इंद्रसेन रेड्डी नन्नू, मुख्यमंत्री प्रो. (डॉ.) माणिक साहा और अन्य अतिथियों ने उन्हें प्रमाण पत्र और पदक प्रदान किए।