
पंचायती राज समारोह में मुख्यमंत्री ने कहा कि पंचायती राज व्यवस्था भारत में ग्रामीण प्रशासन का एक महत्वपूर्ण स्तंभ है
ऑनलाइन डेस्क, 3 मई 2025: देश के समग्र विकास में पंचायती राज व्यवस्था महत्वपूर्ण भूमिका निभाती रही है। वर्तमान में राज्य पंचायती राज व्यवस्था पूरे देश में महत्वपूर्ण स्थान बना चुकी है। उनके कार्यों को मान्यता देते हुए, राज्य के गोमती जिले और धलाई जिले के गंगानगर ब्लॉक को हाल ही में 2024 के लोक प्रशासन उत्कृष्टता के लिए प्रधानमंत्री पुरस्कार से सम्मानित किया गया। त्रिपुरा को पंचायत स्तर पर अपने महत्वपूर्ण कार्यों के लिए 7 राष्ट्रीय पंचायती राज पुरस्कार मिले हैं।
चूंकि राज्य का विकास सही दिशा में आगे बढ़ रहा है, इसलिए देश की लगभग ढाई लाख पंचायतों में से राज्य की विभिन्न पंचायतों को राष्ट्रीय स्तर पर पुरस्कृत किया जा रहा है। यह काम में ईमानदारी, समर्पण, अनुशासन और पारदर्शिता के कारण संभव हुआ है। यह उपलब्धि सभी की है। मुख्यमंत्री प्रोफेसर (डॉ) माणिक साहा ने आज अरुंधतिनगर स्थित राज्य पंचायत संसाधन केंद्र के ग्राम स्वराज भवन में पंचायती राज दिवस मनाने के लिए आयोजित राज्यव्यापी कार्यक्रम का उद्घाटन करते हुए यह बात कही। उन्होंने कहा कि पंचायती राज प्रणाली भारत में ग्रामीण प्रशासन का एक महत्वपूर्ण स्तंभ है।
यह प्रणाली लोकतंत्र को मजबूत बनाती है। क्योंकि स्थानीय लोग इसमें प्रत्यक्ष रूप से शामिल होते हैं तथा ग्राम स्तर पर स्वास्थ्य, शिक्षा, पेयजल, सड़क आदि विभिन्न विकास कार्यों की रूपरेखा तैयार करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि 2014 में नरेन्द्र मोदी ने देश के प्रधानमंत्री के रूप में कार्यभार संभालने के बाद ग्रामीण विकास को सर्वोच्च प्राथमिकता देते हुए अनेक कदम उठाए हैं। उन्होंने हमेशा कहा कि गांवों के विकास के बिना देश और राज्य का समग्र विकास संभव नहीं है।
इस अवसर पर बोलते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में पंचायतों के बुनियादी ढांचे में सुधार के लिए पिछले दो वर्षों में 44 नए पंचायत भवन, 4 जिला पंचायत संसाधन केंद्र और 8 पंचायत लर्निंग सेंटर बनाए गए हैं। 15 पंचायतों सहित 25 संस्थानों को अंतर्राष्ट्रीय मानक आईएसओ का दर्जा देने के लिए पहल की गई है।
डिजिटल प्रौद्योगिकी के प्रसार के साथ ही राज्य के प्रत्येक स्तर पर ई-ऑफिस शुरू कर दिए गए हैं। हर पंचायत में ऑनलाइन लेनदेन और यूपीआई भुगतान प्रणाली लागू है, जो न केवल समयानुकूल कदम है, बल्कि पारदर्शिता और जवाबदेही का भी प्रतीक है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लोगों की समस्याओं के समाधान के लिए राज्य में शुरू किए गए ‘अमर सरकार’ पोर्टल की जमकर सराहना की है। पंचायतों को आदर्श पंचायत के रूप में विकसित करने के लिए मुख्यमंत्री आदर्श ग्राम योजना के माध्यम से सहायता प्रदान की जा रही है।
केंद्र सरकार द्वारा प्रकाशित पंचायत हस्तांतरण सूचकांक के अनुसार, त्रिपुरा देश में सातवें स्थान पर है। जबकि 2015 में त्रिपुरा 13वें स्थान पर था। पंचायत विकास सूचकांक में राज्य की 36 प्रतिशत पंचायतें ए श्रेणी में हैं। पंचायत व्यवस्था को और बेहतर बनाने के लिए पंचायत प्रतिनिधियों और कर्मचारियों के कौशल को बढ़ाने के लिए प्रशिक्षण दिया जा रहा है। मुख्यमंत्री ने जनप्रतिनिधियों सहित सभी लोगों से यथार्थवादी और वैज्ञानिक योजना के माध्यम से पंचायत को आकार देने और स्थायी परिसंपत्तियों के निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने का आह्वान किया।
इस कारण, उन्होंने एक विशिष्ट रोडमैप बनाने और समन्वय से काम करने के महत्व पर बल दिया। कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने कहा कि इस वर्ष के बजट में 3,500 स्वयं सहायता समूहों को सुदृढ़ करने के लिए रिवाल्विंग फंड तथा 4,500 स्वयं सहायता समूहों को सुदृढ़ करने के लिए सामुदायिक निवेश फंड उपलब्ध कराने के लिए धनराशि आवंटित की गई है। इसके अलावा, बजट में 2 करोड़ रुपये की लागत से आरजीएसए के तहत पश्चिम त्रिपुरा जिले में जिला पंचायत संसाधन केंद्र की स्थापना भी शामिल है।
राज्य की 27 पंचायतों में से प्रत्येक में एक पंचायत लर्निंग सेंटर और 61 पंचायत भवन बनाए जाएंगे। कार्यक्रम में राज्य के 8 जिलों के जिला प्रमुख उपस्थित थे। भारतीय प्रबंधन संस्थान शिलांग की निदेशक प्रोफेसर नलिनी प्रभा त्रिपाठी ने इस कार्यक्रम में बात की। ग्रामीण विकास (पंचायत) विभाग के सचिव अभिषेक सिंह ने स्वागत भाषण दिया। धन्यवाद ज्ञापन विभाग के निदेशक प्रसून डे ने दिया।
इस कार्यक्रम में पंचायत विभाग के लिए प्रशिक्षण पर भारतीय प्रबंधन संस्थान, शिलांग के साथ एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए। समझौता ज्ञापन पर भारतीय प्रबंधन संस्थान, शिलांग की ओर से निदेशक तथा राज्य सरकार की ओर से ग्रामीण विकास (पंचायत) विभाग के सचिव ने हस्ताक्षर किए।
कार्यक्रम में मुख्यमंत्री एवं अन्य अतिथियों ने राज्य पंचायत संसाधन केन्द्र के स्मार्ट कार्यालय, मासिक पुस्तिका ग्रामीण सृजन तथा विभाग की वार्षिक पुस्तिका के कवर का अनावरण किया। इसके अलावा, इस दिन राज्य की सभी पंचायतों को दिव्यांगजन अनुकूल पंचायत घोषित किया गया। इस आयोजन के अंतर्गत विभिन्न क्षेत्रों में उल्लेखनीय कार्य के लिए पुरस्कार प्रदान किए जाते हैं।
राज्य स्तर पर उत्कृष्ट कार्य के लिए शीर्ष तीन प्रखंडों में राजनगर को प्रथम स्थान, हेजामारा को द्वितीय स्थान तथा अमरपुर प्रखंड को तृतीय स्थान प्राप्त हुआ। इसके अतिरिक्त, शीर्ष तीन पंचायतों में हेजामारा ब्लॉक की पूर्वी तमकारी ग्राम समिति पहले स्थान पर रही, पद्मबिल ब्लॉक की मारे हाडुक ग्राम समिति दूसरे स्थान पर रही और अमरपुर ब्लॉक की पश्चिमी दालक ग्राम पंचायत तीसरे स्थान पर रही।
इस अवसर पर जलवायु मुद्दों और आत्मनिर्भरता की विशेष श्रेणियों में शीर्ष तीन पंचायतों और शीर्ष तीन अधिकारियों को भी पुरस्कृत किया गया। जिरानिया ब्लॉक के पश्चिमी मजलिशपुर ग्राम पंचायत ने ई-गवर्नेंस श्रेणी में पुरस्कार जीता। मुख्यमंत्री एवं अन्य अतिथियों ने संबंधित व्यक्तियों को पुरस्कार प्रदान किए।