
मुख्यमंत्री ने 5 स्कूलों के नए भवनों का किया उद्घाटन, कहा- भावी पीढ़ी को शिक्षित किए बिना मानव संसाधन विकास संभव नहीं
ऑनलाइन डेस्क, 2 मई 2025: मानव संसाधन के विकास में शिक्षा की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। इसलिए राज्य सरकार गुणवत्तापूर्ण शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए प्राथमिकता के साथ काम कर रही है। बुनियादी ढांचे के विकास के साथ-साथ सरकार उपयुक्त शिक्षकों की भर्ती को भी महत्व दे रही है। मुख्यमंत्री प्रोफेसर (डॉ.) माणिक साहा ने आज अगरतला में रामनगर उच्चतर माध्यमिक (अंग्रेजी माध्यम) स्कूल के नवनिर्मित भवन का उद्घाटन करते हुए यह बात कही।
इस कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने हेजामारा में बाराकथाल उच्चतर माध्यमिक विद्यालय भवन, दारोगामुरा (अंग्रेजी माध्यम) उच्च विद्यालय के नवनिर्मित स्कूल भवन, रानीरबाजार में सुकांता (अंग्रेजी माध्यम) अकादमी के विस्तारित भवन और अगरतला में खुदीराम बसु अंग्रेजी माध्यम स्कूल के दो मंजिला भवन का उद्घाटन किया। इन भवनों के निर्माण पर 8 करोड़ 69 लाख 80 हजार टका की लागत आयी। कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने कहा कि भावी पीढ़ी को शिक्षित किए बिना मानव संसाधन विकास संभव नहीं है।
इसलिए, विद्यार्थियों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करने पर महत्व दिया जाना चाहिए। समय की मांग के अनुरूप शिक्षा प्रणाली में भी बदलाव किए जाने चाहिए ताकि विद्यार्थी समय के साथ तालमेल रख सकें। चूंकि राज्य में वर्तमान में शांतिपूर्ण वातावरण है, इसलिए सरकार शिक्षा प्रणाली में सुधार के लिए विभिन्न नई पहल कर रही है। मुख्यमंत्री ने कहा कि गरीब, महिला और अल्पसंख्यक छात्रों को छात्रवृत्ति सहित विभिन्न तरीकों से सहायता दी जा रही है। राज्य के स्कूलों में डिजिटल शिक्षा के विस्तार पर जोर दिया गया है।
शिक्षा प्रणाली में बुनियादी ढांचे में सुधार के लिए वित्तीय वर्ष 2024-25 में 44 नए स्कूल भवनों का निर्माण किया गया है। इसकी लागत 153 करोड़ टका थी। वित्तीय वर्ष 2025-26 में 30 और स्कूलों के लिए नए भवन बनाने की योजना है। इसकी लागत 264 करोड़ टका होगी। इसके अलावा, वित्तीय वर्ष 2025-26 में 123 स्कूलों के बुनियादी ढांचे को विकसित करने की योजना है।
उन्होंने आगे कहा कि अगली पीढ़ी को गुणवत्तापूर्ण और आधुनिक समयबद्ध शिक्षा प्रदान करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रयासों से कई वर्षों के बाद देश में राष्ट्रीय शिक्षा नीति शुरू की गई है। राष्ट्रीय शिक्षा नीति के नीतिगत दिशा-निर्देशों का राज्य में भी समुचित क्रियान्वयन किया जा रहा है। इस उद्देश्य से, पूर्व-प्राथमिक शिक्षा के क्षेत्र में भारत सरकार के निपुण मिशन के अनुरूप ‘निपुण त्रिपुरा’ का क्रियान्वयन किया जा रहा है। डिजिटल शिक्षा के तहत राज्य के 8-54 स्कूलों में स्मार्ट कक्षाएं संचालित हो रही हैं।
इसके अलावा, सुपर 30 परियोजना का लाभ उठाकर वित्तीय वर्ष 2024-25 में 1 छात्र को आईआईटी, 3 को एनआईटी और 3 को एमबीबीएस पाठ्यक्रमों में प्रवेश दिया गया। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में मुख्यमंत्री उच्च शिक्षा प्राप्ति छात्रवृत्ति योजना के तहत 200 मेधावी विद्यार्थियों को 60-60 हजार रुपये की छात्रवृत्ति प्रदान की गई है।
2018-19 से अब तक 123,000 छात्राओं को निःशुल्क साइकिलें प्रदान की गई हैं। छात्राओं को शिक्षा के लिए प्रोत्साहित करने के लिए टीबीएसई और सीबीएसई बोर्ड में अच्छे परिणाम प्राप्त करने वाली 140 मेधावी छात्राओं को मुफ्त स्कूटी प्रदान की गई है। इस अवसर पर बोलते हुए खाद्य, सार्वजनिक खरीद एवं उपभोक्ता मामले मंत्री सुशांत चौधरी ने कहा कि सरकार वर्तमान में राज्य में शैक्षिक बुनियादी ढांचे के विकास के अलावा छात्रों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करने पर काम कर रही है।
राज्य सरकार विद्यार्थियों को कोचिंग उपलब्ध करा रही है ताकि वे विभिन्न अखिल भारतीय प्रतियोगी परीक्षाओं में अच्छा प्रदर्शन कर सकें। उन्होंने कहा कि राज्य में पारदर्शी भर्ती नीति बनाकर विभिन्न विभागों में कर्मचारियों की भर्ती की जा रही है। विभिन्न विभागों के साथ-साथ शिक्षा विभाग में भी टीईटी परीक्षा के माध्यम से प्रतिभाशाली लोगों को शिक्षण पेशे में नौकरी मिल रही है।
कार्यक्रम में बोलते हुए उद्योग एवं वाणिज्य राज्य मंत्री ब्रिसकेतु देबबर्मा ने कहा कि शिक्षा प्रणाली में सुधार के लिए राज्य सरकार द्वारा उठाए गए विभिन्न कदमों का जनजातीय बहुल क्षेत्रों में भी समुचित ढंग से क्रियान्वयन किया जा रहा है। राज्य में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के विस्तार के परिणामस्वरूप आदिवासी बहुल क्षेत्रों के विद्यालयों में उत्तीर्णता प्रतिशत दिन-प्रतिदिन बढ़ रहा है।
कार्यक्रम में अगरतला नगर निगम के महापौर और विधायक दीपक मजूमदार ने कहा कि रामनगर उच्चतर माध्यमिक विद्यालय को अंग्रेजी माध्यम में परिवर्तित करने से क्षेत्र के गरीब बच्चों को अंग्रेजी माध्यम के स्कूलों में पढ़ने का अवसर मिलेगा। शिक्षा विभाग के विशेष सचिव रावेल हेमेन्द्र कुमार ने स्वागत भाषण दिया। इस कार्यक्रम में स्कूल शिक्षा निदेशक एन. सी. शर्मा भी उपस्थित थे। रामनगर उच्चतर माध्यमिक विद्यालय के प्रधानाध्यापक दिलीप कुमार देबबर्मा ने समारोह की अध्यक्षता की।