♦इस खबर को आगे शेयर जरूर करें ♦

एबीआर अय्यदकर के विचार भारतीय संविधान में अंतर्निहित हैं: मुख्यमंत्री

ऑनलाइन डेस्क, 28 अप्रैल, 2025: देश के आर्थिक विकास और शोषण मुक्त समाज के निर्माण के लिए डॉ. बी.आर.अम्बेडकर ने अग्रणी भूमिका निभाई। उनके विचार भारतीय संविधान के प्रत्येक अनुच्छेद और उप-अनुच्छेद में निहित हैं। यह बात मुख्यमंत्री प्रोफेसर माणिक साहा (35) ने आज अगरतला के रवींद्र शताब्दी हॉल में संविधान निर्माता भारत रत्न और डॉ. बी.आर. अंबेडकर की 130वीं जयंती मनाने के लिए सप्ताह भर चलने वाले कार्यक्रम और चर्चा श्रृंखला के समापन पर कही। यह कार्यक्रम पश्चिमी त्रिपुरा जिला प्रशासन और अनुसूचित जाति कल्याण विभाग द्वारा आयोजित किया गया था।

मुख्यमंत्री ने कहा कि बी.आर. अर्चेदाकन एक दार्शनिक, जीववादी, समाज सुधारक और स्वतंत्रता सेनानी थे। ओ.बी.आर.अहोदतोर उन लोगों में से एक हैं जिन्होंने देश के संविधान के प्रारूप पर काम किया। उन्होंने कहा कि बी.आर. अछूत महार समुदाय से थे और उन्हें अपने स्कूली जीवन के दौरान विभिन्न अन्याय और उत्पीड़न का सामना करना पड़ा। हालाँकि, उन्होंने कई प्रतिकूलताओं, घृणा, द्वेष और अपमान के खिलाफ लड़कर समाज में खुद को स्थापित किया। बी. आर. अम्बेडकर ने भारतीय संवैधानिक कानून के क्षेत्र में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। इसके अलावा, उन्होंने 1947 से 1951 तक पहले केंद्रीय ऊर्जा मंत्री के रूप में भी सूझबूझ का परिचय दिया। उन्होंने संविधान के तहत नागरिकों को शोषण से मुक्त करने के कई तरीकों के बारे में भी बताया। उन्होंने देश के विकास के लिए जिम्मेदारी से काम करने के महत्व पर जोर दिया। अम्बेडकर ने कहा कि देश के आर्थिक विकास के लिए कृषि और उद्योग को प्राथमिकता दी जानी चाहिए। जब तक हम कृषि से औद्योगिकीकरण की ओर नहीं बढ़ेंगे, आर्थिक समस्याएं हल नहीं होंगी। उन्होंने विकासशील देशों के आर्थिक विकास का भी उल्लेख किया।

मुख्यमंत्री ने कहा कि आंगेड़कर ने जीवनभर विभिन्न अंधविश्वासों के खिलाफ असमान लड़ाई लड़ी। उन्होंने भारत के दलित समुदाय की आशाओं और आकांक्षाओं को सफलतापूर्वक साकार करने के लिए जीवन भर संघर्ष किया है। इसीलिए उन्हें दलित सूर्य कहा जाता है। उनके अथक संघर्ष और योगदान के लिए उन्हें 1990 में मरणोपरांत भारत रत्न से सम्मानित किया गया। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी समाज में अखिल भारतीय स्तर पर जागरूकता लाने के लिए विभिन्न कार्यक्रमों को बड़ी महत्ता के साथ चला रहे हैं। अम्बेडकर के सामाजिक, आर्थिक, राज्य विकास, दलित समाज की प्रगति, ग्रामीण भारत का विकास, लाखों लोगों का सशक्तिकरण और अधिकारों की स्थापना के विचार। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली वर्तमान केन्द्र सरकार ‘भारत रत्न’ बाबासाहेब भीमराव अम्बेडकर के समानता के सपने को साकार कर रही है।

समाज के कमजोर वर्गों के विकास और गरीबी उन्मूलन के लिए हर सरकारी परियोजना का क्रियान्वयन किया जा रहा है। 2014 में शुरू की गई प्रधानमंत्री जन गण योजना ने गरीबों को बैंकिंग सेवाओं से जोड़ा है। परिणामस्वरूप, अब सरकारी भुगतान को सीधे लाभार्थियों के बैज खातों में स्थानांतरित करना संभव हो गया है। प्रधानमंत्री मुद्रा योजना गरीब नागरिकों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए शुरू की गई है। इस योजना का उद्देश्य अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति महिला उद्यमियों का सामाजिक-आर्थिक विकास करना है। अय्याथा भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना गरीब परिवारों को प्रति वर्ष 5 लाख रुपये तक मुफ्त चिकित्सा उपचार सुनिश्चित करती है।

उन्होंने कहा कि ओ.बी.आर.अम्बेडकर के विचारों पर मुख्य ध्यान देते हुए महिलाओं को सशक्त बनाने के उद्देश्य से प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना के तहत 9 करोड़ परिवारों को मुफ्त गैस कनेक्शन उपलब्ध कराए गए हैं। परिणामस्वरूप, माताएं धुंआ-मुक्त वातावरण में खाना पकाने में सक्षम हो जाती हैं। गरीबों की अपने पक्के मकान में रहने की मूल इच्छा को पूरा करने के लिए प्रधानमंत्री आवास योजना के अंतर्गत मकानों का निर्माण किया गया। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के प्रयासों से बाबा साहब की स्मृति से जुड़ी पंचायतों, मध्य प्रदेश में बाबा साहब की जन्मस्थली, लंदन में अंगेग्कब स्मारक, उनकी शिक्षा स्थली, नागपुर में उनकी दीक्षा स्थली, मुगलसराय में उनकी कर्मस्थली और उनकी मृत्यु के समय नीर अलीपुर स्थित घर को विशेष स्थानों के रूप में चिन्हित किया गया है। बाबासाहेब ने आर्थिक समृद्धि का रास्ता दिखाया, इसलिए आज भारत में बनाई गई UPI व्यवस्था का नाम उनके नाम पर BHIM (भारत इंटरफेस फॉर मनी) रखा गया है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार अनुसूचित जातियों और अन्य पिछड़े समुदायों के कल्याण के लिए भी विभिन्न कार्यक्रम कार्यान्वित कर रही है।

ये सभी कार्यक्रम डॉ. बी. आर. अंबेडकर के दर्शन, सामाजिक न्याय, शिक्षा में सुधार और पिछड़े व अति पिछड़े लोगों के सामाजिक-आर्थिक विकास के मूल विचारों को प्रतिबिंबित करते हैं। आजादी का अमृत महोत्सव के तहत, भारत सरकार के संस्कृति मंत्रालय के वित्त पोषण से दिसंबर 2023 में राज्य विधान सभा भवन परिसर में कांस्य और धातु से बनी भारत रत्न डॉ. बी. आर. अंबेडकर की 11.5 फुट ऊंची पूर्ण लंबाई वाली प्रतिमा स्थापित की गई। अनुसूचित जातियों के कल्याण के लिए अनुसूचित जातियों के विद्यार्थियों को पूर्व-माध्यमिक छात्रवृत्ति प्रदान की जा रही है। डॉ. बी. आर. अम्बेडकर मेरिट पुरस्कार प्रदान किया जा रहा है। प्रधानमंत्री जाति अभ्युदय योजना के माध्यम से अनुसूचित जाति बाहुल्य गांवों में ढांचागत विकास कार्य शुरू किया गया है। इस कार्यक्रम में मुर्गी आश्रय स्थल, सोलर स्ट्रीट लाइट, चारदीवारी, पानी की टंकी, पक्की नालियां, ईंट पक्की सड़कें, बॉक्स कलवर्ट, आंगनबाड़ी केंद्र, सबमर्सिबल पंप की स्थापना, छोटे व्यास के गहरे ट्यूबवेल की स्थापना आदि का निर्माण शामिल होगा।

अनुसूचित जाति के परिवारों की आय बढ़ाने के लिए मुर्गी और बत्तख पालन से संबंधित परियोजना शुरू करने का प्रस्ताव इस बार बजट में स्वीकार किया गया है। मछली, सूखी मछली और सब्जियां बेचने वाले अनुसूचित जाति के छोटे व्यापारियों को वित्तीय सहायता प्रदान करने का प्रावधान किया गया है। इसके अलावा, छात्र छात्रावासों का निर्माण, पूर्व माध्यमिक छात्रवृत्ति (राज्य परियोजना), पूर्व माध्यमिक छात्रवृत्ति, गंदे काम में लगे परिवारों के बच्चों के लिए पूर्व माध्यमिक छात्रवृत्ति (केंद्र और राज्य 90:10), डॉ बी और अंबेडकर मेरिट पुरस्कार (केंद्रीय योजना), एकमुश्त वित्तीय सहायता (राज्य योजना), मुख्यमंत्री आत्मनिर्भर परिवार योजना में सहायता, अनुसूचित जाति के आवासीय छात्रों के लिए विशेष प्रशिक्षण (राज्य योजना), प्रधानमंत्री आदर्श ग्राम योजना (केंद्रीय योजना), बाबू जगजीवन राम छात्रावास योजना प्रदान की जाएगी।

इस कार्यक्रम में सांसद राजीव भट्टाचार्य उपस्थित थे। उन्होंने देशवासियों से बी.आर.अम्बेडकर के सिद्धांतों से प्रेरित होकर देश की एकता और अखंडता की रक्षा के लिए आगे आने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि यदि एकता और अखंडता कायम रहेगी तो देश का विकास तेजी से होगा और कोई भी ताकत देश को पराजित नहीं कर सकेगी। पश्चिम त्रिपुरा जिले के जिला मजिस्ट्रेट और कलेक्टर डॉ. ने कार्यक्रम में स्वागत भाषण दिया। विशाल कुमार. इस कार्यक्रम में अनुसूचित जाति कल्याण विभाग के निदेशक जयंत डे भी उपस्थित थे। कार्यक्रम की अध्यक्षता पश्चिम त्रिपुरा जिला परिषद के कार्यवाहक अध्यक्ष विश्वजीत शील ने की। समारोह के अंत में डॉ. बी. अंबेडकर की जयंती के उपलक्ष्य में आयोजित निबंध प्रतियोगिता के विजेताओं को पुरस्कृत किया गया। मुख्यमंत्री ने उन्हें पुरस्कार स्वरूप स्मृति चिन्ह, प्रमाण पत्र और चेक प्रदान किए।

व्हाट्सप्प आइकान को दबा कर इस खबर को शेयर जरूर करें


स्वतंत्र और सच्ची पत्रकारिता के लिए ज़रूरी है कि वो कॉरपोरेट और राजनैतिक नियंत्रण से मुक्त हो। ऐसा तभी संभव है जब जनता आगे आए और सहयोग करे
Donate Now
               
हमारे  नए ऐप से अपने फोन पर पाएं रियल टाइम अलर्ट , और सभी खबरें डाउनलोड करें
डाउनलोड करें

जवाब जरूर दे 

आप अपने सहर के वर्तमान बिधायक के कार्यों से कितना संतुष्ट है ?

View Results

Loading ... Loading ...


Related Articles

Close
Close
Website Design By Bootalpha.com +91 84482 65129