♦इस खबर को आगे शेयर जरूर करें ♦

मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में राजस्व विभाग की अंतर्राज्यीय सलाहकार समिति की बैठक आयोजित

ऑनलाइन डेस्क, 5 अप्रैल, 2025: मुख्यमंत्री प्रोफेसर (डॉ.) माणिक साहा की अध्यक्षता में आज सचिवालय में राजस्व विभाग की राज्य स्तरीय सलाहकार समिति की बैठक हुई। बैठक में जल निकाय के मार्ग परिवर्तन तथा आवंटित भूमि की बिक्री एवं हस्तांतरण की अनुमति के प्रस्तावों पर विचार किया गया। बैठक में राजस्व एवं आदिम जाति कल्याण विभाग के सचिव बृजेश पांडे, विधि विभाग के सचिव संजय भट्टाचार्य सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे।

सभी जिलों के जिलाधिकारियों और कलेक्टरों ने भी वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से बैठक में भाग लिया। बैठक में सलाहकार समिति ने कुल 149 आवेदनों पर विचार किया। इनमें से 61 मामले जल मोड़ परमिट के लिए हैं और 88 मामले आवंटित भूमि की बिक्री के लिए हैं। आज की बैठक में मुख्यमंत्री प्रोफेसर (डॉ.) माणिक साहा ने जिला प्रशासन को भूमि राजस्व अधिनियम और नियमों और विनियमों को सख्ती से लागू करने का निर्देश दिया।

उन्होंने यह सुनिश्चित करने के निर्देश दिए कि किसी भी परिस्थिति में संबंधित मामले में नियमों और विनियमों का उल्लंघन न हो। मुख्यमंत्री ने भूमि हस्तांतरण, स्वामित्व हस्तांतरण, तथा कृषि एवं जल निकायों के हस्तांतरण पर कड़ी निगरानी रखने की आवश्यकता पर भी बल दिया। बैठक में निर्णय लिया गया कि आवंटित भूमि को बेचने की अनुमति के लिए प्राप्त आवेदनों की समीक्षा के लिए उपखंड स्तर पर उपखंड प्रशासक की अध्यक्षता में एक समिति गठित की जाएगी, जिसमें चिकित्सा अधिकारी एवं अन्य उपखंड अधिकारी शामिल होंगे।

यह समिति पारदर्शी प्रणाली के माध्यम से प्रत्येक आवेदन की प्रामाणिकता और अनिवार्यता का सत्यापन करेगी। गौरतलब है कि राज्य स्तरीय सलाहकार समिति की अंतिम बैठक 4 दिसंबर, 2023 को मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में हुई थी। मुख्यमंत्री ने जिला प्रशासन को राजस्व संबंधी मामलों, विशेषकर भूमि हस्तांतरण, भूमि का पंजीकरण और विलेख, कृषि भूमि और जल निकायों के डायवर्सन तथा आवंटित भूमि की बिक्री की अनुमति देने के मामलों में सख्त और एहतियाती कदम उठाने के निर्देश दिए। बैठक में मुख्यमंत्री ने राजस्व प्रशासन को मजबूत करने तथा सभी स्तरों पर पारदर्शिता पर जोर देने के निर्देश दिए।

मुख्यमंत्री के निर्देशानुसार, पिछले एक वर्ष में राजस्व प्रशासन को मैदानी स्तर पर और अधिक सुदृढ़ बनाने के लिए विभिन्न कदम उठाए गए हैं ताकि किसी भी प्रकार की अवैध गतिविधियों पर रोक लगाई जा सके। सरकार किसी भी अवैध भूमि-संबंधी गतिविधि के प्रति शून्य-सहिष्णुता की नीति के साथ आगे बढ़ रही है। इनमें राजस्व निरीक्षक के पदों पर 14 लोगों, तहसीलदार के पदों पर 164 लोगों, कनीय सर्वेयर के पदों पर 10 लोगों, अमीन के पदों पर 29 लोगों और मुहुरी के पदों पर 37 लोगों की नियुक्ति की स्वीकृति दी गई है। इन पदों के लिए भर्ती प्रक्रिया शुरू हो गई है।

इसके अलावा राजस्व विभाग में राजस्व निरीक्षक, अमीन, सिस्टम एनालिस्ट आदि के दो सौ से अधिक पदों पर भर्ती के लिए नए पदों के सृजन की प्रक्रिया चल रही है। पंजीकृत दस्तावेजों की विरासत से संबंधित जानकारी अपलोड की जाएगी, ताकि कोई भी संभावित खरीदार जमीन खरीदने से पहले उसके स्वामित्व की जांच कर सके। प्रत्येक भूमि भूखंड को उसकी पहचान के लिए 14 अंकों की विशिष्ट भूमि पार्सल पहचान संख्या सौंपी जा रही है।

राजस्व विभाग द्वारा उपयोग किए जाने वाले 12 सॉफ्टवेयर अनुप्रयोगों पर साइबर सुरक्षा ऑडिट किए गए हैं, जिनमें ई-भूमि, कोर्ट मॉनिटरिंग सिस्टम, त्रिपुरा वेब मैप, भूमि सेवाएं, राष्ट्रीय जेनेरिक दस्तावेज़ प्रणाली आदि शामिल हैं, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि भूमि मालिकों की जानकारी सुरक्षित है। ये सभी कदम राजस्व प्रशासन को मजबूत कर रहे हैं, कार्यों में पारदर्शिता और दक्षता ला रहे हैं, तथा नागरिकों को सेवाएं प्रदान करने में एक नया क्षितिज खोल रहे हैं। राजस्व विभाग की ओर से जारी एक प्रेस विज्ञप्ति में यह खबर दी गई।

व्हाट्सप्प आइकान को दबा कर इस खबर को शेयर जरूर करें


स्वतंत्र और सच्ची पत्रकारिता के लिए ज़रूरी है कि वो कॉरपोरेट और राजनैतिक नियंत्रण से मुक्त हो। ऐसा तभी संभव है जब जनता आगे आए और सहयोग करे
Donate Now
               
हमारे  नए ऐप से अपने फोन पर पाएं रियल टाइम अलर्ट , और सभी खबरें डाउनलोड करें
डाउनलोड करें

जवाब जरूर दे 

आप अपने सहर के वर्तमान बिधायक के कार्यों से कितना संतुष्ट है ?

View Results

Loading ... Loading ...


Related Articles

Close
Close
Website Design By Bootalpha.com +91 84482 65129