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त्रिपुरा मत्स्य महोत्सव-2025 में मछली उत्पादन बढ़ाने पर जोर: मत्स्य मंत्री

ऑनलाइन डेस्क, 14 फरवरी 2025: राज्य के लोगों की मछली की जरूरतों को पूरा करने के लिए मछली उत्पादन बढ़ाने पर जोर दिया गया है। इस संबंध में मत्स्य विभाग केन्द्र एवं राज्य सरकार की विभिन्न परियोजनाओं के क्रियान्वयन हेतु अथक प्रयास कर रहा है। इसके अतिरिक्त, राज्य के मत्स्य पालकों को विभिन्न वित्तीय एवं अन्य सहायता प्रदान की जा रही है। मत्स्य पालन मंत्री सुधांशु दास ने आज पुरबाशा परिसर में त्रिपुरा मत्स्य महोत्सव-2025 का उद्घाटन करते हुए यह बात कही।

मत्स्य विभाग द्वारा आयोजित इस दो दिवसीय मत्स्य महोत्सव में राज्य के विभिन्न जिलों से मत्स्य कृषकों, मत्स्य सहकारी समितियों एवं मत्स्य कृषक उत्पादक संगठनों के प्रतिनिधियों ने भाग लिया। उद्घाटन समारोह में मत्स्य पालन मंत्री सुधांशु दास ने भी कहा कि इस वर्ष तीसरी बार राज्य स्तरीय महोत्सव का आयोजन किया जा रहा है। राज्य के विभिन्न जिलों में मत्स्य पालकों को और अधिक प्रोत्साहित करने के लिए इस वर्ष जिला आधारित मत्स्य महोत्सव भी शुरू किए गए हैं, जो 8 जिलों में पहले ही आयोजित किए जा चुके हैं।

मत्स्य पालन मंत्री ने कहा कि राज्य में लगभग 98 प्रतिशत लोग मछली खाते हैं। इसलिए राज्य में मछली की मांग भी देश के अन्य राज्यों की तुलना में अधिक है। मछली की मांग को पूरा करने के लिए राज्य में मछली उत्पादन बढ़ाने पर जोर दिया गया है। मत्स्य विभाग, केन्द्र सरकार की प्रधानमंत्री मत्स्य सम्पदा योजना और राज्य सरकार की मुख्यमंत्री मत्स्य सम्पदा योजना के माध्यम से नये तालाबों की खुदाई, नये जलाशयों का निर्माण, मत्स्य पालकों को मछली के बच्चे, भोजन और प्रशिक्षण वितरित करने जैसे कार्यक्रम क्रियान्वित कर रहा है। मत्स्य पालन मंत्री ने कहा कि मत्स्य पालन विभाग ने राज्य में वैज्ञानिक मछली पालन को प्रोत्साहित करने के लिए पूर्वोत्तर परिषद को 10 करोड़ टका का प्रस्ताव भेजा है। 50 प्रतिशत धनराशि पहले ही प्राप्त हो चुकी है।

इसके अतिरिक्त, राज्य में एकीकृत एक्वा पार्क के निर्माण के लिए 100 करोड़ रुपये का प्रस्ताव केंद्र सरकार को भेजा गया है। ये सभी पहल यह साबित कर रही हैं कि राज्य सरकार राज्य में मछली उत्पादन को लेकर गंभीर है। कार्यक्रम में बोलते हुए मत्स्य विभाग की सचिव दीपा डी. नायर ने कहा कि मत्स्य पालन राज्य की आर्थिक व्यवस्था के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। मत्स्य विभाग राज्य के मत्स्य कृषकों को हर प्रकार की सहायता उपलब्ध कराने के लिए प्रतिबद्ध है।

इस वर्ष त्रिपुरा मत्स्य महोत्सव में 50 स्टॉल खोले गए हैं। जहां राज्य के विभिन्न जिलों के मत्स्य कृषक अपने विभिन्न उत्पादों का प्रदर्शन करेंगे। कार्यक्रम में आईसीएआर के प्रधान वैज्ञानिक डॉ. बुरहान यू चौधरी. इस अवसर पर विधायक मीना रानी सरकार, पशु संसाधन एवं विकास विभाग के निदेशक नीरज कुमार चंचल, मत्स्य विभाग के निदेशक संतोष दास, अनुसूचित जाति कल्याण विभाग के निदेशक जयंत डे, पार्षद सम्पा सेन सरकार और पार्षद हिमानी देबबर्मा उपस्थित थे।

इस कार्यक्रम में मत्स्य पालन क्षेत्र में सफलता प्राप्त करने वाले कई व्यक्तियों को सम्मानित किया गया। इनमें सिपाहीजाला जिले के कृष्णा देबबर्मा को मत्स्य पालन क्षेत्र में सर्वश्रेष्ठ नौकरी प्रदाता, सदर उपजिला के सबुज देबनाथ को सर्वश्रेष्ठ उच्च मूल्य मछली उत्पादन, उनकोटी जिले के पेंचरदाहर एमएसएस लिमिटेड को सर्वश्रेष्ठ मत्स्य सहकारी, कमालपुर के मछली किसान सुशांत दास को सर्वश्रेष्ठ उभरते मछली किसान, खोवाई के जयंत विश्वास को खेती में सर्वश्रेष्ठ नवाचार और कमालपुर के फैज मिया को सर्वश्रेष्ठ मत्स्य उद्यमी के लिए सम्मानित किया गया। मत्स्य पालन मंत्री और अन्य अतिथियों ने स्वागत स्वरूप उन्हें प्रमाण पत्र और उपहार भेंट किए।

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