
त्रिपुरा राज्य स्थापना दिवस-2025 समारोह में सीएम ने कहा, जीएसडीपी वृद्धि के मामले में त्रिपुरा पूर्वोत्तर राज्यों में दूसरे स्थान पर है
ऑनलाइन डेस्क, 21 जनवरी, 2025: विकास के लिए मुख्य शर्त शांति है। शांति के बिना विकास संभव नहीं है। राज्य में शांतिपूर्ण माहौल के कारण निवेश बढ़ा है और पर्यटकों की संख्या में भी बढ़ोतरी हुई है। जीएसडीपी वृद्धि के मामले में भी त्रिपुरा पूर्वोत्तर क्षेत्र के राज्यों में दूसरे स्थान पर है। इसके अलावा, सतत विकास संकेतकों में त्रिपुरा की प्रगति भी उल्लेखनीय है। मुख्यमंत्री प्रोफेसर (डॉ.) माणिक साहा ने आज अगरतला में रवींद्र शताब्दी भवन में त्रिपुरा राज्य दिवस समारोह कार्यक्रम का उद्घाटन करते हुए यह बात कही। उन्होंने कहा कि त्रिपुरा वर्तमान में पर्यटन केन्द्र के रूप में देश-विदेश के पर्यटकों का ध्यान आकर्षित कर रहा है।
वर्तमान में त्रिपुरा विकास के हर पहलू में तेजी से आगे बढ़ रहा है। जब भी राज्य के विकास या किसी समस्या के समाधान की आवश्यकता पड़ी है, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह ने उदार भावना के साथ सहयोग का हाथ बढ़ाया है। राज्य में हाल ही में आई भयावह बाढ़ की स्थिति का जिक्र करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार, केन्द्र सरकार और राज्य के नागरिकों के पूर्ण सहयोग से इस भयावह बाढ़ की स्थिति से निपटकर आगे बढ़ना संभव हो पाया है। डबल इंजन वाली सरकार होने से किसी भी समस्या का त्वरित समाधान संभव हो जाता है। कार्यक्रम में मुख्यमंत्री प्रोफेसर (डॉ.) माणिक साहा ने राजशाही युग से लोकतांत्रिक त्रिपुरा के संक्रमण की तस्वीर पेश की।
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री बनने के बाद नरेन्द्र मोदी ने कहा था कि यदि देश के पूर्वोत्तर क्षेत्र का विकास नहीं होगा तो भारत का समग्र विकास संभव नहीं है। इसी दृष्टिकोण के साथ प्रधानमंत्री ने एक्ट ईस्ट नीति के माध्यम से पूर्वोत्तर क्षेत्र के विकास के लिए एक के बाद एक कदम उठाए हैं। प्रधानमंत्री द्वारा घोषित डायमंड कार्यक्रम के सफल कार्यान्वयन से राज्य की संचार प्रणालियों, विशेषकर राष्ट्रीय राजमार्गों, रेलवे और इंटरनेट विस्तार में महत्वपूर्ण सुधार हुआ है। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने आशा व्यक्त की कि पूर्वोत्तर क्षेत्र भविष्य में भारतीय अर्थव्यवस्था में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार ने राज्य के आर्थिक और सामाजिक विकास को गति देने के लिए विभिन्न कदम उठाए हैं। त्रिपुरा औद्योगिक निवेश नीति, त्रिपुरा स्टार्टअप नीति, विकास परियोजना, आईपीएटी, त्रिपुरा एसेट मैनेजमेंट नीति, मुख्यमंत्री जन आरोग्य योजना, सुशासन विभाग की स्थापना, महिला सशक्तिकरण पर राज्य नीति, त्रिपुरा अगर नीति, त्रिपुरा सैटेलाइट डेवलपमेंट टाउनशिप योजना, चाय नीलामी केंद्र , टाटा टेक्नोलॉजीज 19 आईटीआई को अपग्रेड करने के लिए उद्योग और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (एमआईआईटी) के साथ समझौता औद्योगिक शहरों में बुनियादी ढांचे में सुधार के लिए उठाए गए कदमों में से एक है।
त्रिपुरा राज्य दिवस समारोह में पर्यटन मंत्री सुशांत चौधरी, उद्योग एवं वाणिज्य मंत्री संतबाना चकमा, युवा मामले एवं खेल मंत्री टिंकू रॉय, सहकारिता मंत्री शुक्लाचरण नोतिया और राज्य पुलिस के डीजीपी (खुफिया) अनुराग ध्यानखर सहित अन्य गणमान्य उपस्थित थे। कार्यक्रम में अतिथियों ने त्रिपुरा राज्य दिवस पर एक फोल्डर का अनावरण किया। एक वृत्तचित्र भी दिखाया गया है। मुख्यमंत्री प्रो. (डॉ.) माणिक साहा ने इस कार्यक्रम में त्रिपुरा राज्य के प्रतीक चिह्न का औपचारिक रूप से शुभारंभ किया। समारोह में 5 नागरिक पुरस्कार, 10 राज्य दिवस पुरस्कार और मुख्यमंत्री सिविल सेवा पुरस्कार शामिल थे।
इस अवसर पर मुख्य सचिव जे.के. सिन्हा ने कहा कि 2047 तक विकसित भारत के निर्माण की पहल में त्रिपुरा महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। आज के समय में कौशल विकास बहुत प्रासंगिक है। विभिन्न क्षेत्रों में छात्रों सहित युवाओं के कौशल को बढ़ाने के लिए विशेष पहल की आवश्यकता है। मुख्य सचिव ने राज्य में निवेश के लिए विदेशी उद्योगपतियों को आकर्षित करने के लिए सरकार द्वारा उठाए गए विभिन्न औद्योगिक सहायता उपायों का उल्लेख किया। कार्यक्रम में राज्य पुलिस महानिदेशक अमिताभ रंजन ने कहा कि त्रिपुरा का विकास और प्रगति वर्तमान में हर क्षेत्र में परिलक्षित हो रही है। राज्य पुलिस राज्य के विकास एवं प्रगति सहित शांति बनाए रखने के लिए जिम्मेदार भूमिका के साथ काम कर रही है। कार्यक्रम में अपने स्वागत भाषण में सूचना एवं संस्कृति विभाग के सचिव डॉ. पीके चक्रवर्ती ने राजसी काल से त्रिपुरा के लोकतांत्रिक परिवर्तन को चित्रित किया है। उन्होंने विकसित त्रिपुरा के निर्माण के उद्देश्य से सरकार की विभिन्न पहलों का भी उल्लेख किया।