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राज्य सरकार ने 5,458 और लोगों को सामाजिक भत्ता प्रदान करने की पहल की है: समाज कल्याण मंत्री

ऑनलाइन डेस्क, 30 अप्रैल 2025। राज्य सरकार ने 5,458 और लोगों को सामाजिक भत्ता देने की पहल की है। मुख्यमंत्री सामाजिक सहायता योजना के लाभार्थियों को केंद्र सरकार की सामाजिक भत्ता योजना में शामिल किए जाने तथा लाभार्थियों की मृत्यु के कारण रिक्तियां उत्पन्न होने के कारण 5,458 और लोगों को भत्ता प्रदान करने की पहल की गई है।

समाज कल्याण एवं सामाजिक शिक्षा मंत्री टिंकू रॉय ने आज सचिवालय में एक संवाददाता सम्मेलन में यह घोषणा की। उन्होंने समाज कल्याण विभाग की विभिन्न परियोजनाओं की सफलता पर जानकारी प्रस्तुत की। समाज कल्याण मंत्री टिंकू रॉय ने कहा कि समाज कल्याण एवं सामाजिक शिक्षा विभाग राज्य के गरीब लोगों को 34 विभिन्न प्रकार के सामाजिक भत्ते (3 केंद्रीय एवं 31 राज्य स्तरीय) प्रदान करता है। वर्तमान में कुल 390,000 गरीब लोग 34 विभिन्न प्रकार के सामाजिक लाभ प्राप्त कर रहे हैं।

उन्होंने आगे बताया कि राष्ट्रीय परिवार सहायता योजना (एनएफबीएस) के माध्यम से यदि किसी अंत्योदय परिवार में मुख्य कमाने वाले की मृत्यु हो जाती है तो संबंधित परिवार को राष्ट्रीय परिवार सहायता योजना के माध्यम से 20,000 टका की सहायता प्रदान की जाती है। पिछले एक वर्ष में इस परियोजना से 308 परिवार लाभान्वित हुए हैं। उन्हें कुल 61 लाख 60 हजार टका दिए गए। समाज कल्याण मंत्री ने कहा कि वित्तीय वर्ष 2024-25 में प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना में 19,823 गर्भवती महिलाओं को शामिल किया गया है।

उन्होंने बताया कि इसके अतिरिक्त, 27,470 लाभार्थियों, जिन्हें विभिन्न कारणों से 2017 से 2023 तक वित्तीय सहायता नहीं मिली थी, को वित्तीय वर्ष 2024-25 में वित्तीय सहायता प्रदान की गई है। इसके लिए वित्तीय वर्ष 2024-25 में 16 करोड़ 31 लाख 230 टका का व्यय प्रस्तावित है। वित्तीय वर्ष 2025-26 में 21,000 गर्भवती महिलाओं को वित्तीय सहायता प्रदान करने का लक्ष्य रखा गया है।

इसके अतिरिक्त, मुख्यमंत्री मातृत्व पोषण उपहार योजना के तहत अब तक 43,664 गर्भवती महिलाओं को इस योजना के माध्यम से धनराशि उपलब्ध कराई गई है। इस पर कुल लागत 8 करोड़ 73 लाख 28 हजार टका आई। संवाददाता सम्मेलन में समाज कल्याण एवं सामाजिक शिक्षा मंत्री टिंकू रॉय ने भी मिशन बत्सल्य परियोजना की सफलता पर प्रकाश डाला।

उन्होंने बताया कि इस परियोजना के तहत वित्तीय वर्ष 2024-25 में कुल 2,051 बच्चों को 4,000 टका प्रति माह की प्रायोजन राशि प्रदान की गई है। इसकी लागत 1 करोड़ 88 लाख 32 हजार टका थी। वित्तीय वर्ष 2025-26 में 6,301 बच्चों को यह प्रायोजन प्रदान करने का लक्ष्य रखा गया है। उन्होंने कहा कि इस परियोजना के तहत बच्चों को 18 वर्ष की आयु तक यह धनराशि मिलेगी। सक्षम आंगनबाड़ी और पोषण मिशन 2.0 परियोजनाओं के बारे में समाज कल्याण मंत्री ने कहा कि वर्तमान में राज्य में 56 आईसीडीएस परियोजनाएं हैं।

धलाई जिले के गंगानगर ब्लॉक में एक नई आईसीडीएस परियोजना खोलने की मंजूरी मिल गई है। उन्होंने बताया कि राज्य में आईसीडीएस परियोजना के तहत 10,222 आंगनवाड़ी केन्द्र हैं। इनमें से 279,340 बच्चे (6 माह से 6 वर्ष) और 28,292 गर्भवती महिलाएं और प्रसवोत्तर माताएं पंजीकृत हैं। समाज कल्याण मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री जनजाति न्याय महाअभियान परियोजना के तहत आदिवासी बस्तियों में 77 नये आंगनवाड़ी केन्द्र खोले गये हैं। इस परियोजना के तहत आदिवासी बस्तियों में 88 आंगनवाड़ी केन्द्रों के स्थायी भवन निर्माण के लिए 10.56 करोड़ रुपये की स्वीकृति प्राप्त हुई है।

इनमें से 20 आंगनवाड़ी केन्द्रों में पक्का भवन का निर्माण पूरा हो चुका है। इस परियोजना के तहत आदिवासी बस्तियों में 53 नये आंगनवाड़ी केन्द्र खोले जाएंगे। आंगनवाड़ी केंद्रों को सक्षम आंगनवाड़ी केंद्रों में अपग्रेड करने के लिए, केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्रालय ने धलाई जिले के 474 आंगनवाड़ी केंद्रों को सक्षम आंगनवाड़ी केंद्रों में अपग्रेड करने की मंजूरी दी है। इन 474 आंगनवाड़ी केन्द्रों के बुनियादी ढांचे के विकास के लिए 4 करोड़ 36 लाख 50 हजार रुपये खर्च किए गए हैं।

उन्होंने कहा कि विभिन्न बैंकों ने भी अपने कॉर्पोरेट सामाजिक उत्तरदायित्व के तहत विभिन्न आंगनवाड़ी केन्द्रों के विकास का कार्य किया है। उदाहरण के लिए, एचडीएफसी बैंक 10 आंगनवाड़ी केन्द्रों के बुनियादी ढांचे के विकास पर काम कर रहा है और उसने 32 अन्य आंगनवाड़ी केन्द्रों के बुनियादी ढांचे के विकास का कार्य शुरू किया है। एसबीआई बैंक ने 40 आंगनवाड़ी केन्द्रों में सौर लाइट लगाने के लिए धनराशि उपलब्ध कराई है।

इसके अतिरिक्त, राज्य सरकार के बजट में वित्तीय वर्ष 2024-25 में 5,000 आंगनवाड़ी केंद्रों को बिजली कनेक्शन प्रदान करने के लिए वित्तीय संसाधन आवंटित किए गए हैं। 2,000 आंगनवाड़ी केंद्रों को स्मार्ट आंगनवाड़ी केंद्रों में परिवर्तित करने के लिए केंद्रीय मंत्रालय को प्रस्ताव भेजा गया है। अगरतला नगर निगम क्षेत्र सहित राज्य के शहरी क्षेत्रों में 100 आंगनवाड़ी केंद्रों को और बेहतर बनाने की पहल भी की जाएगी।

संवाददाता सम्मेलन में समाज कल्याण मंत्री ने कहा कि समाज कल्याण एवं सामाजिक शिक्षा विभाग ने गरीब शिविरार्थियों से प्रभावित मरीजों की मदद के लिए एक कार्यक्रम शुरू किया है। समाज कल्याण एवं सामाजिक शिक्षा विभाग ने कैंसर रोगियों के लिए सामाजिक भत्ते की शुरुआत की है। फिलहाल 3,476 लोगों को 2,000 टका दिए जा रहे हैं। 131 और लोगों को भत्ता प्रदान करने की प्रक्रिया चल रही है। प्रेस कॉन्फ्रेंस में समाज कल्याण एवं सामाजिक शिक्षा विभाग के सचिव तपस रॉय और निदेशक तपन कुमार दास भी उपस्थित थे।

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