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नई शिक्षा नीति का उद्देश्य भावी पीढ़ी के लिए प्राथमिक शिक्षा की नींव को मजबूत करना : शिक्षा मंत्री

ऑनलाइन डेस्क, 18 नवंबर, 2022। राष्ट्रवाद और आधुनिकता के मेल से देश में वैज्ञानिक राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 का शुभारंभ किया गया है।

इसका उद्देश्य देश की भावी पीढ़ियों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा में शिक्षित करने के लिए प्राथमिक शिक्षा की नींव को मजबूत करना है। शिक्षा मंत्री रतनलाल नाथ ने आज रवींद्र शताब्दी भवन में राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 के दिशा-निर्देशों के अनुसार 3 से 6 वर्ष की आयु के बच्चों के बुनियादी पढ़ने और गणितीय कौशल में सुधार करने में कुशल त्रिपुरा की वेबसाइट और लोगो का उद्घाटन करते हुए यह बात कही।

शिक्षा मंत्री ने इस अवसर पर मिशन मुकुल और विद्यासेतु मॉड्यूल का भी उद्घाटन किया। कार्यक्रम में समाज कल्याण एवं सामाजिक शिक्षा विभाग के सचिव अभिषेक सिंह, स्कूल शिक्षा विभाग के सचिव शरदेंदु चौधरी, एससीईआरटी के निदेशक नृपेंद्र चंद्र शर्मा उपस्थित थे.

इस अवसर पर शिक्षा मंत्री ने कहा कि राज्य सरकार राज्य की शिक्षा प्रणाली के विकास के स्थायी लक्ष्य के रूप में पढ़ने के लिए सीखने, पढ़ने के लिए सीखने के विचार के साथ आगे बढ़ रही है। क्योंकि शिक्षा ही देश और राष्ट्र को विकास के शिखर पर ले जा सकती है। इसलिए वर्तमान सरकार ने सबसे ज्यादा जोर शिक्षा पर दिया है।

ध्यान दें कि निपुण त्रिपुरा का उद्देश्य 2026-27 तक तीसरी कक्षा के अंत तक सभी बच्चों को भाषाई और गणितीय कौशल हासिल करने में सक्षम बनाना है, यानी बच्चों को पढ़ने और गिनने में कुशल बनाना है।

मिशन मुकुल के माध्यम से आंगनबाडी केन्द्रों का विद्यालयों से समन्वय किया जायेगा इससे आंगनवाड़ी केंद्र के बच्चों को स्कूल जाने से पहले स्कूली शिक्षा के बारे में बुनियादी जानकारी मिल सकेगी। 29 आंगनवाड़ी केन्द्रों को आसपास के विभिन्न विद्यालयों से जोड़ा जा चुका है।

आयोजन में शिक्षा मंत्री ने यह भी कहा कि पिछले साढ़े चार साल में प्रदेश की शिक्षा व्यवस्था में बदलाव के लिए जितने भी सुधार किए गए हैं, उसका परिणाम सात साल बाद प्रदेश के शिक्षा क्षेत्र में जरूर देखने को मिलेगा।

-8 साल। उन्होंने कहा कि वर्तमान समय के अनुरूप शिक्षकों को विद्यार्थियों के साथ मित्रवत वातावरण में अध्ययन का वातावरण बनाना चाहिए। क्योंकि शिक्षा देने वाला समाज ही आने वाली पीढ़ी को राज्य और देश के निर्माण में सक्षम बनाता है।

इस अवसर पर पूर्व प्राथमिक शिक्षा विभाग के निदेशक बिंबिसार भट्टाचार्य ने स्वागत भाषण दिया। इस अवसर पर विभिन्न जिला शिक्षा अधिकारी, समाज कल्याण एवं सामाजिक शिक्षा विभाग के विभिन्न स्तरों के अधिकारी, विभिन्न विद्यालयों के प्रधानाध्यापक एवं शिक्षक उपस्थित थे. इस मौके पर सभी कार्यक्रमों में एक डॉक्यूमेंट्री फिल्म और निपुण त्रिपुरा प्रमोशनल फिल्म दिखाई गई।

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