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राज्य भर में विश्व क्षय रोग दिवस मनाया गया

ऑनलाइन डेस्क, 24 मार्च 2024: विश्व योग दिवस आज देशभर और प्रदेश में विभिन्न कार्यक्रमों के माध्यम से मनाया जा रहा है। इस वर्ष विश्व क्षय रोग दिवस का विषय ‘हां’ है। हम तपेदिक को ख़त्म कर सकते हैं। आइये संकल्प लें, निवेश करें, क्रियान्वयन करें। राजो में हर उस व्यक्ति को टीबी जांच के दायरे में लाया जा रहा है जिसमें टीबी रोग के कोई भी लक्षण हैं।

आवश्यक उपचार के अतिरिक्त, राज्य में वर्तमान टीबी रोगियों को पूर्णतः निःशुल्क उपचार और दवाएं भी मिल रही हैं। प्रत्येक टीबी रोगी को उपचार के दौरान प्रति माह 1,000 टका दिया जा रहा है। राज्य में प्रत्येक टीबी चैंपियन को तीन सौ टका मासिक मानदेय दिए जाने का प्रावधान है, बशर्ते वे हर महीने कम से कम 15 घरों का दौरा करें और टीबी जागरूकता संदेश दें।

पश्चिम त्रिपुरा जिला टीबी सेल और सदर टीबी यूनिट ने आज जन जागरूकता और सहायता कार्यक्रमों के माध्यम से विश्व बलिदान दिवस मनाया। आज सुबह एक साइकिल रैली का आयोजन किया गया। डॉ. नीलांजन भट्टाचार्य ने इस साइकिल रैली की शुरुआत की। इस रैली में टीबी इकाई के कर्मचारियों और स्वयंसेवकों ने भाग लिया। रैली शहर के विभिन्न हिस्सों से गुजरी। इसके अतिरिक्त, जनता में जागरूकता बढ़ाने के लिए ऑटोरिक्शा पैनलों के माध्यम से टीबी रोग के बारे में संदेश प्रसारित किए जाते हैं।

इस पहल का उद्घाटन पश्चिमी त्रिपुरा जिले के मुख्य स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. रंजन बिस्वास ने किया। पश्चिम त्रिपुरा जिले के मुख्य स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. रंजन बिस्वास ने आज पश्चिम त्रिपुरा के अंतर्गत निष्कयमित्र के रूप में उनकी भागीदारी के लिए 65 प्रमाण पत्र प्रदान किए। कार्यक्रम में बोलते हुए मुख्य स्वास्थ्य अधिकारी ने सभी से निस्वार्थ मित्र के रूप में आगे आने का आह्वान किया। उन्होंने टीबी मुक्त भारत और टीबी मुक्त जिले बनाने के लिए भविष्य में बेहतर कार्य करने का भी आह्वान किया।

उन्होंने कहा कि आंकड़ों के अनुसार पश्चिम त्रिपुरा जिले में टीबी रोगियों की वर्तमान संख्या (अप्रैल 2024- मार्च 2025) 1248 है। इनमें से 732 लोग टीबी से ठीक हो चुके हैं। 516 लोगों का इलाज चल रहा है। टीबी उन्मूलन के लिए 100 दिवसीय विशेष अभियान के तहत विभिन्न कार्यक्रम पहले ही क्रियान्वित किए जा चुके हैं। इस अभियान का उद्देश्य टीबी रोग के व्यापक प्रभाव को कम करना और रोगियों के लिए उपचार सुनिश्चित करना था।

यह कार्यक्रम स्वास्थ्य विभाग, शिक्षा विभाग, समाज कल्याण एवं सामाजिक शिक्षा विभाग तथा विभिन्न स्वैच्छिक संगठनों के सहयोग से पूरे राज्य में क्रियान्वित किया जा रहा है। 100 दिवसीय “टीबी मुक्त भारत” अभियान सिपाहीजाला, गोमती, उनकोटी, दक्षिण त्रिपुरा और उत्तर त्रिपुरा जिलों में भी आयोजित किया गया है। इसके साथ ही, रोगियों और समाज के बीच टीबी से जुड़े कलंक को दूर करने और इस बीमारी को सामने लाने वाले उपचार को सुनिश्चित करने के लिए काम किया जा रहा है। यह खबर राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन त्रिपुरा द्वारा दी गई।

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