
राज्य में 76 स्थानों पर बाढ़ और भूस्खलन प्रतिक्रिया अभ्यास आयोजित
ऑनलाइन डेस्क, 9 जुलाई, 2025: राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एमडीएमए) के सहयोग और त्रिपुरा आपदा प्रबंधन प्राधिकरण की पहल पर आज पूरे राज्य में बाढ़ और भूस्खलन प्रतिक्रिया अभ्यास आयोजित किया गया। राज्य राजस्व विभाग, जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (डीडीएमए) के सहयोग से यह अभ्यास कर रहा है। यह अभ्यास राज्य के 76 स्थानों पर एक साथ आयोजित किया गया।
आपदा प्रतिक्रिया बल राज्य के शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों के निचले इलाकों, अस्पतालों, भूस्खलन संभावित क्षेत्रों और विभिन्न महत्वपूर्ण बुनियादी ढाँचे वाले स्थलों पर बचाव और राहत कार्यों में भाग ले रहे हैं। यह अभ्यास इस बात पर प्रकाश डालता है कि बाढ़ और भूस्खलन जैसी प्राकृतिक आपदाओं की स्थिति में पीड़ितों को कैसे बचाया जाएगा।
आपदा प्रबंधन से जुड़े विभिन्न संगठन इस अभ्यास में भाग ले रहे हैं। इनमें घटना प्रतिक्रिया प्रणाली (आईआरएस), एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, सेना, असम राइफल्स, बीएसएफ, सीआरपीएफ के अधिकारी व जवान, राज्य सरकार के विभिन्न विभागों के अधिकारी व कर्मचारी, ओएनजीसी, गेल, नेपको, टीएनजीसीएल, ओटीपीसी, नागरिक सुरक्षा, आपदा मित्र जैसे सार्वजनिक उपक्रमों के प्रतिनिधि, विभिन्न स्वयंसेवी संगठनों के प्रतिनिधि व स्वयंसेवक शामिल हुए। एक-दूसरे के समन्वय से यह अभ्यास जीवंत हो उठा।
इस अभ्यास के माध्यम से राज्य व जिला स्तर पर आपातकालीन परिचालन केंद्रों (ईओसी) की प्रभावशीलता की जांच की गई। प्रत्येक स्थान पर घटना प्रतिक्रिया दल ने आपातकालीन सेवाएं प्रदान करने के लिए आईआरएस अवसंरचना को सक्रिय किया। पर्यवेक्षकों ने अभ्यास के इस चरण का अवलोकन किया और उन्हें आवश्यक सहायता प्रदान की। इसके साथ ही विभिन्न स्थानों के लाइव चित्र दिखाए गए। अभ्यास के दौरान राज्य राहत आयुक्त व घटना कमांडर बृजेश पांडे ने राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र (एसईओसी) का दौरा किया।
उन्होंने वास्तविक आपदा की स्थिति में राहत व बचाव कार्यों में तेजी लाने के लिए सभी के सामूहिक प्रयासों को मजबूत करने पर जोर दिया। दोपहर 12 बजे एसईओसी में अभ्यास के बाद एक परिचर्चा आयोजित की गई। इसमें अभ्यास में शामिल विभागों और संगठनों के जिला स्तरीय अधिकारियों ने राहत और बचाव कार्यों में और तेज़ी लाने पर अपने विचार व्यक्त किए। चर्चा में इस तरह के व्यापक अभ्यास नियमित रूप से आयोजित करने पर ज़ोर दिया गया। चर्चा में जनता को न केवल बाढ़ और भूस्खलन से, बल्कि भूकंप जैसी प्राकृतिक आपदाओं से भी बचाव के लिए और अधिक जागरूक बनाने की आवश्यकता पर भी ज़ोर दिया गया। राजस्व विभाग द्वारा जारी एक प्रेस विज्ञप्ति में यह जानकारी दी गई।








