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उत्तरी त्रिपुरा जिले में मत्स्य पालन और पशुधन विकास विभाग की समीक्षा बैठक

ऑनलाइन डेस्क, 15 जून 2023। प्रदेश को पशुचारा उत्पादन में आत्मनिर्भर बनाने की पहल की गई है। सरकार की इस पहल को अमल में लाने के लिए संबंधित विभागों के अधिकारियों को अधिक जिम्मेदारी के साथ काम करना होगा ताकि राज्य में मछली, मांस, अंडे और दूध का उत्पादन बढ़ाया जा सके. काम करते समय सकारात्मक सोच रखनी चाहिए।

परियोजना क्रियान्वयन में भी पारदर्शिता रखी जाए। मत्स्य एवं पशुधन विकास मंत्री सुधांशु दास ने आज धर्मनगर में उत्तरी त्रिपुरा जिले में मत्स्य पालन, पशु संसाधन विकास एवं अनुसूचित जाति कल्याण विभाग की समीक्षा बैठक में यह बात कही. यह समीक्षा बैठक उत्तर त्रिपुरा जिले के जिलाधिकारी कार्यालय के बैठक कक्ष में मंत्री सुधांशु दास की अध्यक्षता में हुई.

बैठक में मत्स्य, पशु संसाधन विकास एवं अनुसूचित जाति कल्याण विभाग के उत्तरी त्रिपुरा जिले में लागू कार्यक्रमों तथा विभागों की भावी कार्य योजनाओं की समीक्षा की गई. समीक्षा बैठक में मत्स्य मंत्री सुधांशु दास ने कहा कि ग्रामीण अर्थव्यवस्था के विकास में मत्स्य एवं पशुधन विकास विभाग की महत्वपूर्ण भूमिका है.

बैठक में मत्स्य और पशुधन विकास मंत्री ने संबंधित विभागों के अधिकारियों को उत्तर त्रिपुरा जिले में मछली, मांस, अंडे और दूध के उत्पादन को बढ़ाने के लक्ष्य पर काम करने का निर्देश दिया। उन्होंने कहा कि अधिकारी फील्ड स्तर पर जाकर किसानों से नियमित संवाद बढ़ाएं। किसानों को प्रोत्साहित किया जाना चाहिए।

मछली उत्पादन बढ़ाने के लिए जल निकायों का उपयोग करने की पहल की जानी चाहिए पशुओं में रोग की रोकथाम के लिए नियमित टीकाकरण को महत्व दिया जाना चाहिए। समीक्षा बैठक में मत्स्य विभाग के उपायुक्त विजय राय ने पिछले वित्तीय वर्ष में जिले में विभाग की विभिन्न उपलब्धियों पर प्रकाश डाला.

उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री आत्मनिर्भर परिवार योजना के तहत वित्तीय वर्ष 2022-23 में जिले के 7713 मत्स्य पालकों को लाभ दिया गया है. मछली पालन में 7 स्वयं सहायता समूहों और सहकारी समितियों को भी सहायता प्रदान की गई है सुअर सह मछली पालन में जिले में 41 लोग लाभान्वित हो चुके हैं साथ ही उपायुक्त ने बैठक में चालू वित्तीय वर्ष की कार्ययोजना पर भी प्रकाश डाला।

उन्होंने कहा कि चालू वित्त वर्ष में 15000 पाबडा, 1000 मागुर मछली के पौधे मछली किसानों के बीच पहले ही वितरित किए जा चुके हैं। समीक्षा बैठक में पशु संसाधन विकास विभाग के उप निदेशक ने बताया कि वित्तीय वर्ष 2022-23 में बकरी पालन में 25 तथा सुअर पालन में 25 लोगों की सहायता की गयी है.

साथ ही मुख्यमंत्री आत्मनिर्भर परिवार योजना के तहत 863 हितग्राहियों को सुअर पालन में सहायता प्रदान की गई है। उन्होंने यह भी कहा कि पिछले वित्तीय वर्ष में जिले में 9,525 गायों का कृत्रिम गर्भाधान किया गया था। बैठक में तपशीली जाति कल्याण विभाग के जिला कल्याण अधिकारी ने बताया कि जिले में गत वित्तीय वर्ष में 721 विद्यार्थियों को प्री-मैट्रिक छात्रवृत्ति दी जा चुकी है.

इसके अलावा डॉ. 653 छात्र-छात्राएं। बीआर अंबेडकर मेरिट अवार्ड दिया गया आज की समीक्षा बैठक में उत्तर त्रिपुरा जिला परिषद के अध्यक्ष भवतोष दास, जिलाधिकारी व उप नागेश कुमार बी, धर्मनगर पुर परिषद के अध्यक्ष प्रद्योत दे सरकार, उत्तरी त्रिपुरा जिले के अंतर्गत विभिन्न पंचायत समिति के अध्यक्ष, बीएसी अध्यक्ष, मत्स्य विभाग के निदेशक मुस्लिम उद्दीन अहमद, पशु संसाधन विकास विभाग के निदेशक डॉ. बीके दास, तपशीली जाति कल्याण विभाग के उप निदेशक प्रदीप रियात, अनुमंडल पदाधिकारी विवेक एच.बी., धर्मनगर प्रमंडल के अनुमंडल पदाधिकारी, राहुल मोदी, कंचनपुर अनुमंडल के अनुमंडल पदाधिकारी, पानीसागर अनुमंडल के अनुमंडल पदाधिकारी सुभाष आचार्य -संभाग, जिले के आठ प्रखंडों के बीडीओ व संबंधित विभागों के अधिकारी मौजूद रहे.

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