
ग्रामीण विकास सचिव श्री शैलेश कुमार सिंह ने मिशन अमृत सरोवर की प्रगति और निगरानी की समीक्षा के लिए आज उच्च स्तरीय बैठक की अध्यक्षता की
ऑनलाइन डेस्क, 17 मई, 2023: ग्रामीण विकास मंत्रालय सचिव श्री शैलेश कुमार सिंह ने कल नई दिल्ली में मिशन अमृत सरोवर की प्रगति की समीक्षा, निगरानी और गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए एक उच्च स्तरीय बैठक की अध्यक्षता की।
सभी राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों (यूटी) के अतिरिक्त मुख्य सचिव, प्रधान सचिव और ग्रामीण विकास सचिव ने भाग लिया। मिशन अमृत सरोवर के लिए राज्य नोडल अधिकारी, मिशन के जिला नोडल अधिकारियों के साथ 700 से अधिक जिलों के ज़िलाधिकारी/उपायुक्त/मुख्य कार्यकारी अधिकारी भी इस अवसर पर उपस्थित थे।
ग्रामीण विकास सचिव ने सभी पूर्ण अमृत सरोवरों की स्थिरता सुनिश्चित करने के लिए प्रत्येक हितधारकों द्वारा गुणवत्ता की अंतिम जांच करने पर बल दिया है। इसके अलावा, उन्होंने इस बात पर भी बल दिया है कि अधिकृत पदाधिकारियों को वरीयता के आधार पर जिले के एक अलग ब्लॉक से होना चाहिए।
ऐसे सभी पूर्ण अमृत सरोवरों के लिए सोशल ऑडिट टीम तैनात की जाएगी, जहां सरोवर का निर्माण/कायाकल्प महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोज़गार गारंटी अधिनियम कोष के माध्यम से या योजना के माध्यम से किया गया है, जिसमें सोशल ऑडिट लागू है। निरीक्षण स्थलों की नमूना जांच राज्य/केंद्र शासित प्रदेशों की टीमों द्वारा की जाएगी।
इसके अलावा, चयनित अमृत सरोवर के निरीक्षण के लिए राष्ट्रीय स्तर के निगरानी (एनएलएम) दल तैनात किए जाएंगे। इसके अलावा, निरीक्षण रिपोर्टिंग के लिए एक ऐप विकसित किया गया है।
सभी राज्य/केंद्र शासित प्रदेश मानसून के आगमन से पहले 10 जून 2023 तक सभी पूर्ण अमृत सरोवरों के भौतिक निरीक्षण के लिए एक कार्य योजना बनाकर उचित आवश्यक कार्रवाई करें और कार्य में सुधार के लिए आवश्यक सुधार करें और चूक के मामले में उचित कार्रवाई सुनिश्चित की जाए।
मिशनअमृतसरोवरकोप्रधानमंत्रीश्रीनरेन्द्रमोदीद्वारा 24 अप्रैल 2022 कोस्थायीजलस्रोतप्रदानकरनेकेउद्देश्यसेशुरूकियागयाथा, जिसमेंहरजिलेसेन्यूनतम 75 अमृतसरोवरकानिर्माण / कायाकल्पकरनेकीआशाहै।मिशनकेउचितदिशानिर्देशोंकापालनकरतेहुए 50,000 अमृतसरोवरकाराष्ट्रीयलक्ष्यप्राप्तकियाजाचुकाहै।
यह मिशन संपूर्ण सरकारी दृष्टिकोण के साथ कार्यान्वित किया जा रहा है जिसमें 8 केंद्रीय मंत्रालय/विभाग अर्थात् ग्रामीण विकास विभाग, भूमि संसाधन विभाग, पेयजल और स्वच्छता विभाग, जल संसाधन विभाग, पंचायती राज मंत्रालय, वन, पर्यावरण और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय, रेल मंत्रालय, सड़क, परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय भाग ले रहे हैं।
साथ ही भास्कराचार्य नेशनल इंस्टीट्यूट फॉर स्पेस एप्लिकेशन एंड जियो-इंफॉर्मेटिक्स (बीआईएसएजी-एन) को मिशन के लिए तकनीकी भागीदार के रूप में नियुक्त किया गया है।
यह मिशन राज्यों और जिलों के माध्यम से काम करता है। इसमें, विभिन्न योजनाओं जैसे कि महात्मा गांधी नरेगा, पंद्रहवें वित्त आयोग अनुदान, प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना (पीएमकेएसवाई) उप योजनाओं जैसे वाटरशेड विकास घटक, हर खेत को पानी के अलावा राज्यों की अपनी योजनाओं के माध्यम से शामिल किया गया है।
यह भी उल्लेख किया जा सकता है कि मिशन इन प्रयासों के पूरक के लिए नागरिक और गैर-सरकारी संसाधनों को जुटाने को प्रोत्साहित करता है। ताहै।