
रवींद्रनाथ कानन प्रभाती कवि प्रणाम समारोह, रवींद्रनाथ टैगोर भारतीय संस्कृति की आत्मा हैं : मुख्यमंत्री
ऑनलाइन डेस्क, 9 मई, 2023। रवींद्रनाथ टैगोर भारतीय संस्कृति की आत्मा हैं। रवींद्रनाथ टैगोर भारतीय समाज, चेतना, संस्कृति और देशभक्ति में शामिल हैं।
यह बात मुख्यमंत्री प्रोफेसर (डॉ.) माणिक साहा ने आज सुबह रवीन्द्र कन्नन द्वारा रवीन्द्र जयंती के अवसर पर आयोजित प्रभावती कवि प्रणाम कार्यक्रम में कही। इस अवसर पर नवांगी में बाल कलाकारों द्वारा रवींद्र नृत्य, संगीत, गायन की प्रस्तुति दी गई।
मुख्यमंत्री प्रोफेसर (डॉ.) माणिक साहा ने प्रभावती कवि प्रणाम समारोह में कहा कि जीवन की किसी भी स्थिति से निकलने का रास्ता रवींद्रनाथ टैगोर के गीतों, नाटकों, उपन्यासों, लघु कथाओं, निबंधों और कविताओं से मिल सकता है।
उनके गीत को भारत और बांग्लादेश के राष्ट्रगान के रूप में मान्यता दी गई है। उन्होंने कहा, रवींद्रनाथ टैगोर की रचना का शाब्दिक अर्थ कोई मृत्यु नहीं है। कविगुरु की अमर रचना लोगों द्वारा हमेशा सराही जाएगी।
त्रिपुरा के साथ कविगुरु के संबंधों के बारे में बात करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि महाराजा वीरचंद्र के समय से राज्य का रवींद्रनाथ टैगोर के साथ गहरा संबंध था। जो महाराजा वीर विक्रम किशोर माणिक्य तक चला।
भुवनेश्वरी मंदिर की पृष्ठभूमि में कवि के राजर्षि, विसर्जन और मुकुट से राजपरिवार की भव्यता पर प्रकाश डाला गया। मुख्यमंत्री डॉ. अपने छात्र जीवन के दौरान रवींद्र जयंती समारोह के बारे में याद करते हुए, साहा ने रवींद्रनाथ टैगोर की एक कविता का अंग्रेजी में अनुवाद भी किया।
सूचना एवं संस्कृति विभाग के सचिव पीके चक्रवर्ती ने इस अवसर पर स्वागत भाषण दिया। पश्चिम त्रिपुरा जिला परिषद के कार्यवाहक अध्यक्ष हरिदुलाल आचार्य, मुख्य सचिव जेके सिन्हा, सूचना और संस्कृति विभाग के निदेशक रतन बिस्वास और अन्य भी उपस्थित थे।
कार्यक्रम के प्रारंभ में अतिथियों ने रवीन्द्रनाथ टैगोर की प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित कर श्रद्धा सुमन अर्पित किए।








