
जीबी अस्पताल में जटिल हृदय संबंधी हस्तक्षेप
ऑनलाइन डेस्क, 08 अक्टूबर, 2024: डिफाइब्रिलेटर (सीआरटी-डी) के साथ कॉम्प्लेक्स कार्डियक रीसिंक्रनाइज़ेशन थेरेपी पहली बार एजीएमसी और जीबीपी अस्पताल में सफलतापूर्वक पूरी हुई। नोआगांव के 72 वर्षीय निवासी को गंभीर हृदय विफलता और पूर्ण हृदय ब्लॉक के साथ भर्ती कराया गया था। उनके शरीर में तुरंत एक अस्थायी पेसमेकर प्रत्यारोपित किया गया मेडिसिन आईसीयू में उनकी शारीरिक स्थिति स्थिर थी। उनकी गंभीर शारीरिक स्थिति को देखते हुए इनोवेटिव (सीआरटी-डी) प्रत्यारोपण की योजना बनाई गई थी।
20 सितंबर 2024 को ढाई घंटे तक चली जटिल सर्जरी को सफलतापूर्वक अंजाम दिया गया। इस सर्जरी में जीबीपी और अगरतला सरकारी मेडिकल कॉलेज अस्पताल के कार्डियोलॉजी विभाग के सलाहकार और कार्यवाहक प्रमुख डॉ. अनिंद्य सुंदर त्रिवेदी, कार्डियोलॉजिस्ट डॉ. राकेश दास, एनेस्थेसियोलॉजिस्ट डॉ. सुरजीत पाल, कार्डियक एनेस्थेसियोलॉजिस्ट डॉ. मनिमॉय देबवर्मा और कार्डियोलॉजी विभाग के जूनियर डॉक्टर डॉ. अर्घ्यप्रतिम नाथ, डॉ. सम्राट दास, डॉ. असमीन चकमा, डॉ. सागर देबनाथ, डॉ. अरिस्टोल त्रिपुरा और डॉ. अनीशा देबनाथ आदि।
इसके अलावा इस सर्जिकल टीम में कैथ लैब नर्स देबब्रत देबनाथ, प्राणकृष्ण देव, मानस दत्ता, तितिक्षा मजूमदार थे। इको टेक्नोलॉजिस्ट किशन रॉय और कैथलैब टेक्निशियन संजय घोष आदि थे। सर्जरी के बाद मरीज में काफी सुधार हुआ और फॉलो-अप के दौरान मरीज की शारीरिक स्थिति में भी सुधार हुआ। यहां विदेशों की तुलना में कम कीमत पर सर्जरी की जाती है। मरीज के परिवार ने राज्य में सर्वोत्तम कार्डियक इलेक्ट्रोफिजियोलॉजी उपचार सुविधाएं प्रदान करने के लिए एजीएमसी और जीबीपी अस्पताल अधिकारियों और त्रिपुरा सरकार को धन्यवाद दिया। स्वास्थ्य निदेशक ने एक प्रेस विज्ञप्ति में इस खबर की जानकारी दी।