
पूरी दुनिया के साथ अगरतला में अंतरराष्ट्रीय मातृभाषा दिवस मना रहा हूं
ऑनलाइन डेस्क, 21 फरवरी 2023। 71 साल पहले 21 फरवरी, 1952 को बांग्लादेश के ढाका में मातृभाषा बंगाली की गरिमा को बनाए रखने के लिए कई लोगों ने अपने प्राणों की आहुति दे दी थी।
सलाम, बरकत, रफीक, शफीउल, जब्बार उस दिन भाषा के सैनिकों में से थे। 21 फरवरी बंगालियों के लिए शाश्वत प्रेरणा का प्रतीक है। पूरी दुनिया के साथ-साथ अगरतला में बांग्लादेश सहायक उच्चायोग कार्यालय में अंतरराष्ट्रीय मातृभाषा दिवस पूरे सम्मान के साथ मनाया गया।
इस अवसर पर अगरतला में बांग्लादेश सहायक उच्चायुक्त कार्यालय के अस्थाई शहीद बेदी पर माल्यार्पण कर औपचारिक रूप से दिन की शुरुआत की गई।
शहीद दिवस और अंतर्राष्ट्रीय मातृभाषा दिवस के अवसर पर, बांग्लादेश के राष्ट्रीय ध्वज को बांग्लादेश के सहायक उच्चायुक्त के कार्यालय में आधा झुका रखा गया।
इस दिन अंतरराष्ट्रीय भाषा दिवस के अवसर पर बंगाली भाषा की मान्यता के लिए अपना बलिदान देने वाले वीरों को श्रद्धांजलि देने के साथ ही सांस्कृतिक कार्यक्रम किया गया।
अगरतला में बांग्लादेश सहायक उच्चायोग कार्यालय के प्रथम सचिव ने अंतर्राष्ट्रीय मातृभाषा दिवस पर सभी को बधाई दी। चुनाव के दिन को बड़े पैमाने पर मनाने का अवसर नहीं था। दूतावास परिसर में यह दिवस मनाया जा रहा है।
इस कार्यक्रम में स्कूली छात्र-छात्राएं भाग ले रहे हैं। चर्चा बैठक में शिक्षा विभाग के सचिव एवं मुक्ति संग्राम में योगदान देने वाली हस्तियों ने भाग लिया। 2000 में, यूनेस्को ने इस दिन को अंतर्राष्ट्रीय मातृभाषा दिवस के रूप में घोषित किया।
इस वर्ष का विषय बहुभाषा शिक्षण के माध्यम से शिक्षा में आमूलचूल परिवर्तन और गुणवत्ता परिवर्तन है। साथ ही इस दिन कई लोगों ने सोशल मीडिया पर तरह-तरह के पोस्ट कर इस दिन को सम्मान दिया.