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गौतम अडानी दुनिया के शीर्ष 10 सबसे अमीर लोगों की सूची से बाहर हो गए

ऑनलाइन डेस्क, 31 जनवरी, 2022। कुछ ही दिनों में भारतीय अरबपतियों ने शीर्ष दस को छोड़ दिया है। एक हफ्ते पहले अडानी सबसे अमीर लोगों की लिस्ट में ‘तीसरे नंबर’ पर थे। अडानी अब सबसे अमीर लोगों की लिस्ट में 11वें नंबर पर आ गए हैं।

उद्योगपति धीरे-धीरे पहले स्थान पर काबिज होने की दौड़ में आगे बढ़ रहा था। लेकिन वह तीसरा स्थान अब बीते दिनों की बात हो गई है।

‘कॉरपोरेट जगत के इतिहास में सबसे बड़ी धोखाधड़ी’ के आरोप सामने आने के बाद एनी ग्रुप के मुख्य कार्यकारी अधिकारी गौतम अडानी को अशांत स्थिति का सामना करना पड़ रहा है।

न्यूयॉर्क की कंपनी हिंडनबर्ग रिसर्च की एशिया के सबसे अमीर शख्स गौतम अडानी की कंपनी पर रिसर्च रिपोर्ट प्रकाशित होने के बाद पिछले कुछ दिनों में इस कंपनी की संपत्ति में 7 हजार अरब डॉलर से ज्यादा की कमी आई है।

रिपोर्ट में अडानी की कंपनी पर धोखाधड़ी का आरोप लगाया गया है। पिछले बुधवार को हिंडनबर्ग ने रिपोर्ट प्रकाशित की और अडानी पर धांधली का आरोप लगाया।

कहा गया है कि अडाणी समूह ने कृत्रिम रूप से शेयर बाजार में अपने शेयर की कीमत बढ़ा दी है। धोखे से वे अमीर हो गए। जब से अडानी के खिलाफ यह रिपोर्ट सामने आई है, शेयर बाजार धड़ाम हो गया है। शेयर की कीमत अचानक गिर गई है।

अमेरिकी मीडिया ब्लूमबर्ग की मंगलवार को आई एक रिपोर्ट के मुताबिक, गौतम अडानी को तेजी से संपत्ति घटने के कारण दुनिया के शीर्ष 10 सबसे अमीर लोगों की सूची से बाहर कर दिया गया है।

संपत्ति में गिरावट इसी रफ्तार से जारी रही तो भी वह जल्द ही एशिया के सबसे अमीर शख्स का खिताब गंवा सकते हैं। ब्लूमबर्ग बिलियनेयर्स इंडेक्स के अनुसार, भारतीय अरबपति मंगलवार को दुनिया की सबसे अमीर सूची में 11 वें स्थान पर आ गए।

अडानी की मौजूदा संपत्ति घटकर 8,440 मिलियन डॉलर रह गई है। और इसके माध्यम से, गौतम अडानी रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड के अध्यक्ष, भारत के एक और अरबपति और अडानी के प्रतिद्वंद्वियों में से एक, मुकेश अंबानी से केवल एक कदम ऊपर हैं। मुकेश अंबानी की मौजूदा नेटवर्थ 8,220 मिलियन डॉलर है।

हिंडनबर्ग रिसर्च रिपोर्ट ने मॉरीशस और कैरिबियन द्वीप समूह जैसे विभिन्न टैक्स हैवन्स में विभिन्न कंपनियों के अडानी समूह के स्वामित्व पर सवाल उठाया। रिपोर्ट में दावा किया गया है कि अडानी समूह की कंपनियों पर ‘काफी मात्रा में कर्ज’ है; जिसने पूरे समूह की आर्थिक नींव को हिला कर रख दिया है।

रिपोर्ट में आरोप लगाया गया है कि इन ऑफशोर कंपनियों का इस्तेमाल भारत में कारोबार किए जाने वाले शेयरों की कीमत तय करने के लिए किया गया था। हालांकि, अडानी ने हिंडनबर्ग रिपोर्ट में छपे सभी आरोपों को खारिज किया है। उन्होंने रिपोर्ट को निराधार और झूठा करार दिया।

इसके जवाब में भारतीय उद्योग समूह ने 413 पन्नों का बयान जारी किया। हालांकि, 413 पेज के उस जवाब के बाद भी शेयर बाजार में अडानी की स्थिति नहीं सुधरी। गौतम अडानी को पिछले कुछ दिनों से लगातार घाटा हो रहा है।

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