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जल जीवन मिशन के तहत 6,41,521 परिवारों को पाइपलाइन के माध्यम से पेयजल कनेक्शन: मुख्यमंत्री

ऑनलाइन डेस्क, 1 अप्रैल 2025: जल जीवन मिशन के तहत राज्य में अब तक 1,193 ग्राम पंचायतों और एडीसी ग्राम समिति क्षेत्रों में 6,41,521 घरों को पाइपलाइन के माध्यम से पेयजल कनेक्शन प्रदान किए गए हैं। 1,193 ग्राम पंचायत और एडीसी ग्राम समिति क्षेत्रों में रहने वाले 750,847 परिवार, या 85.44 प्रतिशत परिवार, पहले ही पाइपलाइनों के माध्यम से पेयजल से जुड़ चुके हैं।

मुख्यमंत्री प्रोफेसर (डॉ) माणिक साहा ने यह बयान आज विधानसभा में विधायक विश्वजीत काली द्वारा लाए गए एक आकर्षक नोटिस के जवाब में दिया। मुख्यमंत्री ने बैठक में बताया कि केंद्र सरकार द्वारा 15 अगस्त, 2019 को जल जीवन मिशन परियोजना की घोषणा के बाद से, राज्य का पेयजल एवं स्वच्छता विभाग नियमित और दीर्घकालिक आधार पर पाइपलाइनों के माध्यम से प्रत्येक ग्रामीण घर तक पेयजल उपलब्ध कराने के लिए मिशन मोड में काम कर रहा है।

राज्य के ग्रामीण क्षेत्रों में विभिन्न स्रोतों जैसे गहरे नलकूप, छोटे व्यास वाले उथले नलकूप, जल उपचार संयंत्र, नवीन परियोजनाओं आदि के माध्यम से पेयजल की आपूर्ति की जा रही है। कुछ पहाड़ी क्षेत्रों और दूरदराज के इलाकों में बिखरे हुए घर हैं। इसी प्रकार, जल-धारण स्तर की अपर्याप्तता के कारण, पेयजल के स्थायी स्रोत जैसे गहरे नलकूप, छोटे व्यास वाले उथले नलकूप आदि खोदना संभव नहीं है।

उन क्षेत्रों में नदियों, नहरों, जलाशयों और झरनों के पानी पर ध्यान केंद्रित करते हुए नवीन परियोजनाएं विकसित की गई हैं, और अधिक परियोजनाएं चल रही हैं। पेयजल एवं स्वच्छता विभाग जल जीवन मिशन परियोजना के तहत इस वर्ष दिसंबर तक इस परियोजना को क्रियान्वित करने के लिए मिशन मोड में काम कर रहा है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि जिन क्षेत्रों में पेयजल में घुलनशील आयरन की स्वीकार्य मात्रा एक मिलीग्राम प्रति लीटर से अधिक है, उन सभी स्रोतों में आयरन निष्कासन परियोजनाएं स्थापित कर पेयजल आपूर्ति की जा रही है तथा और अधिक आयरन निष्कासन परियोजनाएं स्थापित करने की दिशा में कार्य चल रहा है।

दूरदराज के क्षेत्रों में वैकल्पिक प्रणाली के रूप में सौर ऊर्जा के उपयोग से पेयजल की आपूर्ति की जा रही है। दूरदराज के क्षेत्रों में जहां अभी तक पेयजल स्रोत स्थापित करना संभव नहीं हो पाया है, वहां जरूरत के आधार पर टैंकरों के माध्यम से पेयजल की आपूर्ति की जा रही है। इसके अलावा, इन क्षेत्रों में स्थानीय लोग मशीनरी कुओं, मार्क-2, रिंग कुओं आदि जैसे स्थानीय स्रोतों से भी पानी इकट्ठा कर रहे हैं। पेयजल एवं स्वच्छता विभाग भी जनहित में इन स्थानीय स्रोतों को कीटाणुरहित करने का काम कर रहा है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्तमान में टीटीएएडीसी ग्राम परिषद क्षेत्र में 327,189 परिवारों में से 267,605 परिवारों को 1,951 गहरे ट्यूबवेल, 5,110 छोटे व्यास के उथले ट्यूबवेल, 23 ​​जल उपचार संयंत्र और 174 नवीन परियोजनाओं के माध्यम से पेयजल कनेक्शन प्रदान किए गए हैं। जो प्रतिशत के रूप में 8178 प्रतिशत है। ए.डी.सी. क्षेत्र के विभिन्न मोहल्लों में जल स्रोत स्थापित करने का कार्य चल रहा है। इनमें से कई परियोजनाएं पूरी होने के करीब हैं और लॉन्च की प्रतीक्षा कर रही हैं। इस वर्ष सितम्बर तक प्रत्येक ए.डी.सी. गांव में पेयजल उपलब्ध हो जाने की आशा है।

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