
प्रधानमंत्री विश्वकर्मा परियोजना नलचरा का कर्ण नाम मा
ऑनलाइन डेस्क, 17 अगस्त, 2024: राजमिस्त्री, दर्जी, बढ़ई, नाई, हस्तशिल्पी, गुड़िया निर्माता, माला जैसे 18 विशिष्ट व्यवसायों में पारंपरिक कारीगरों और कारीगरों की मदद के लिए प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा पिछले साल 17 सितंबर को प्रधान मंत्री विश्वकर्मा योजना शुरू की गई थी। निर्माता, कुम्हार आदि राज्य सरकार इस योजना को त्रिपुरा के सभी जिलों में लागू कर रही है।
इस योजना के तहत कारीगरों और शिल्पकारों को कौशल प्रशिक्षण के बाद प्रधानमंत्री विश्वकर्मा प्रमाण पत्र और आईडी कार्ड के माध्यम से पहचान दी जा रही है। पारंपरिक कारीगरों से भी उत्साहजनक प्रतिक्रिया मिल रही है। इस योजना के तहत अब तक लगभग 50 हजार कारीगरों ने अपना पंजीकरण कराया है।
भारत सरकार के सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम मंत्रालय से कल प्राप्त जानकारी के अनुसार भारत के विभिन्न राज्यों से विश्वकर्मा लाभार्थियों में से पांच व्यक्तियों का केन्द्रीय चयन किया गया और उन्हें कल राष्ट्रपति भवन में आयोजित ‘एट होम’ कार्यक्रम के लिए आमंत्रित किया गया। उनमें से त्रिपुरा के सोनामुरा उपखंड के नालचर गांव के एक कारीगर करण नंबर को चुना गया। उनके पिता निमाई नमः थे।
त्रिपुरा के पारंपरिक हस्तशिल्प में पारंगत इस कलाकार ने राष्ट्रपति सचिवालय में ‘एट होम’ कार्यक्रम में भाग लेकर त्रिपुरा का चेहरा रोशन किया है। इससे पहले केंद्रीय सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योग मंत्री जीतन राम मांझी ने स्वतंत्रता दिवस की सुबह श्री नम का स्वागत किया. साथ ही राष्ट्रपति सचिवालय द्वारा आमंत्रित भारत सरकार के विकास आयुक्त (एमएसएमई) ने इस कारीगर को सम्मानित किया।
गौरतलब है कि प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना के तहत एक पारंपरिक कारीगर प्रधानमंत्री विश्वकर्मा प्रमाण पत्र और आईडी कार्ड एकत्र करके कम ब्याज दरों पर सब्सिडी वाले बैंक ऋण प्राप्त करके अपने व्यवसाय का विस्तार कर सकता है। इसके अलावा, उन्नत टूलकिट खरीदने के लिए लाभार्थी को 15,000 रुपये का टूलकिट प्रोत्साहन भी प्रदान किया जाएगा। इच्छुक कारीगर अपने-अपने क्षेत्र के सामान्य सेवा केंद्रों (कॉमन सर्विस सेंटर) की मदद से प्रधानमंत्री विश्वकर्मा पोर्टल पर अपना पंजीकरण करा सकते हैं। उद्योग एवं वाणिज्य विभाग की ओर से इस खबर की जानकारी दी गई है।