
सचिवालय में जनजाति कल्याण विभाग की समीक्षा बैठक में मुख्यमंत्री
ऑनलाइन डेस्क, 16 मई, 2023: राज्य की वर्तमान सरकार भी आदिवासी और आदिवासी क्षेत्रों के विकास के लिए विभिन्न कार्यक्रमों को लागू कर रही है उन कार्यक्रमों को आम लोगों तक पहुंचाने के लिए प्रचार-प्रसार पर जोर दिया जाए।
इस कारण मुख्यमंत्री ने सूचना एवं संस्कृति विभाग से समन्वय स्थापित कर प्रचार-प्रसार पर जोर देने को कहा। उन्होंने कहा कि सरकार की जनकल्याणकारी परियोजनाओं के बारे में आम लोगों को जितना अधिक जानकारी होगी, उतनी ही अधिक परियोजनाओं को सही ढंग से क्रियान्वित किया जाएगा। मुख्यमंत्री ने कार्यालय के अधिकारियों को इस संबंध में पहल करने की सलाह दी।
समीक्षा बैठक में मुख्य सचिव जेके सिन्हा ने विभाग के अधिकारियों से कहा कि अधिकारी इस बात का ध्यान रखें कि विभाग की विभिन्न परियोजनाओं का क्रियान्वयन सही तरीके से हो रहा है या नहीं. प्रत्येक विभाग से संपर्क बनाए रखा जाए तथा नियमित फील्ड विजिट पर विशेष बल दिया जाए।
समीक्षा बैठक में लोक कल्याण विभाग के निदेशक श्री एस. प्रभु ने चित्रात्मक प्रतिवेदन के माध्यम से विभाग के विभिन्न कार्यक्रमों पर प्रकाश डाला. उन्होंने कहा कि सरकार ने लोगों की शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार के लिए पिछले पांच वर्षों में कई कदम उठाए हैं।
बोर्डिंग हाउस स्टाइपेंड को बढ़ाकर प्रति जाति छात्र प्रति दिन 80 रुपये कर दिया गया है। वर्तमान में 365 स्वीकृत जनजाति छात्रावासों में 29 हजार 991 जनजाति छात्र-छात्राओं को आवास वजीफा दिया जा रहा है।
पिछले पांच वर्षों में इस योजना के माध्यम से 2 लाख 93 हजार 952 छात्रों को प्री और पोस्ट मैट्रिक छात्रवृत्ति दी जा चुकी है। इस योजना से एकमुश्त वित्तीय सहायता, योग्यता पुरस्कार, नि:शुल्क पाठ्यपुस्तकों की आपूर्ति आदि के रूप में 1 लाख 92 हजार 162 विद्यार्थी लाभान्वित हुए हैं।
उन्होंने कहा कि प्राथमिक कक्षाओं के लिए पूरक शिक्षा-2022 परियोजना पहले ही शुरू की जा चुकी है। इस परियोजना के तहत राज्य भर में 404 केंद्रों के माध्यम से 9,785 जनजाति छात्रों को कोचिंग दी जा रही है। साथ ही विभाग की पहल पर इस परियोजना के माध्यम से 45 हजार 27 जनजाति के विद्यार्थियों को अंग्रेजी, गणित और विज्ञान विषयों की विशेष कोचिंग दी गई है।
समीक्षा बैठक में विभाग के निदेशक ने कहा कि विभाग ने जनजाति छात्रावासों के छात्रों को साफ-सफाई और साफ-सफाई बनाए रखने के लिए बायोमैट्रिक उपस्थिति उपकरण, कंप्यूटर, बिजली के इनवर्टर, पोर्टेबल सोलर लैंप, सेनेटरी पैड, वाटर फिल्टर, स्कूल बैग आदि उपलब्ध कराये हैं. आधुनिकीकरण।
शहीद भगत सिंह छात्रावास में 44 जनजाति के विद्यार्थियों को सॉफ्टवेयर का विशेष प्रशिक्षण दिया जा रहा है। साथ ही केंद्र सरकार की विभिन्न रोजगार सृजन परियोजनाओं के बारे में हर जिले में जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किए गए हैं।
समीक्षा बैठक में निदेशक ने यह भी कहा कि विगत पांच वर्षों में कृषि से संबंधित विभिन्न आय सृजन परियोजनाओं से 7 हजार 257 लोगों को लाभान्वित किया गया है. 1 हजार 307 आदिवासी युवाओं को कौशल विकास प्रशिक्षण दिया गया है। राज्य में 32 बंधन विकास केंद्र क्लस्टर कार्यरत हैं। अन्य 25 बंधन विकास केंद्र क्लस्टर को चालू करने के लिए पहले ही मंजूरी दी जा चुकी है।
मुख्यमंत्री रबर मिशन योजना से 12 हजार 513 जनजाति हितग्राही लाभान्वित हुए हैं। निदेशक ने कहा कि अधोसंरचना विकास में भी विभाग सक्रिय है। स्कूली छात्रों के लिए 15 जनजाति छात्रावासों का निर्माण पूरा हो चुका है। अगरतला वीमेंस कॉलेज, अंबेडकर कॉलेज फटिकराय और गोंडा तुइसा गवर्नमेंट कॉलेज के लिए तीन नए एसटी कॉलेज छात्रावास का निर्माण किया गया है।
साथ ही राज्य भर में एनएलएफटी (एसडी) पैकेज के तहत मार्केट स्टॉल, हॉस्टल, ओपन मार्केट शेड, अतिरिक्त क्लास रूम आदि का निर्माण पूरा कर लिया गया है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में 6 एकलव्य मॉडल आवासीय विद्यालय चल रहे हैं। अन्य 11 मॉडल आवासीय विद्यालय निर्माणाधीन हैं।
साथ ही निदेशक ने कार्यालय द्वारा अगले पांच वर्षों के लिए प्रस्तावित विभिन्न कार्य योजनाओं तथा विश्व बैंक की सहायता से आवासीय क्षेत्रों के विकास की विभिन्न योजनाओं के बारे में भी विस्तार से चर्चा की। समीक्षा बैठक में लोक कल्याण विभाग के मंत्री विकास देबबर्मा, लोक कल्याण विभाग के सचिव एलटी दारलोंग सहित विभाग के विभिन्न अधिकारी उपस्थित थे।








