
आम मरीजों में राज्य की स्वास्थ्य सेवाओं के प्रति विश्वास और भरोसा पैदा करना सरकार का एक उद्देश्य: मुख्यमंत्री
ऑनलाइन डेस्क, 25 अक्टूबर, 2025: वर्तमान राज्य सरकार ने करुणा, नवीन सोच और सुव्यवस्थित व्यवस्था के माध्यम से राज्य की स्वास्थ्य सेवाओं को विकसित करने का प्रयास किया है। वर्तमान सरकार का एक उद्देश्य आम मरीजों में राज्य की स्वास्थ्य सेवाओं के प्रति विश्वास और भरोसा पैदा करना है। मुख्यमंत्री प्रो. (डॉ.) माणिक साहा ने आज एजीएमसी और जीबीपी अस्पताल के कार्ल लैंडस्टीनर ऑडिटोरियम में आयोजित इंडियन एसोसिएशन ऑफ पैथोलॉजिस्ट्स एंड माइक्रोबायोलॉजिस्ट्स (नारकॉन) के उत्तर-पूर्वी क्षेत्रीय चैप्टर के 34वें वार्षिक सम्मेलन का उद्घाटन करते हुए यह बात कही। मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर संस्था की एक स्मारिका का विमोचन भी किया। इसके अतिरिक्त, राज्य के प्रख्यात पैथोलॉजिस्ट डॉ. कनक चंद्र बरुआ और सुशीला देवी को इस कार्यक्रम में मरणोपरांत लाइफटाइम अचीवमेंट पुरस्कार से सम्मानित किया गया।
कार्यक्रम में चर्चा में भाग लेते हुए, मुख्यमंत्री प्रो. (डॉ.) माणिक साहा ने कहा कि पैथोलॉजिस्ट और माइक्रोबायोलॉजिस्ट स्वास्थ्य प्रणाली की रीढ़ हैं। पर्दे के पीछे से उचित स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करने में उनकी भूमिका निर्विवाद है। उन्होंने कहा कि इस तरह का सम्मेलन त्रिपुरा राज्य में तीसरी बार आयोजित किया जा रहा है। जो राज्य की चिकित्सा प्रणाली के निरंतर विकास को प्रदर्शित करता है। वर्तमान सरकार राज्य के स्वास्थ्य ढांचे के विकास को उचित महत्व दे रही है। राज्य के प्रमुख रेफरल अस्पताल जीबीपी अस्पताल में बिस्तरों की संख्या बढ़ाई गई है। राज्य में पहले ही 4 किडनी प्रत्यारोपण किए जा चुके हैं। आने वाले दिनों में लिवर और हृदय प्रत्यारोपण के अवसर पैदा करने के लिए काम किया जा रहा है। राज्य सरकार ने राज्य के स्वास्थ्य ढांचे को विकसित करने के लिए एम्स, (दिल्ली) के साथ पहले ही एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए हैं।
अगरतला सरकारी डेंटल कॉलेज में दंत चिकित्सा के आधुनिक तरीके उपलब्ध कराए गए हैं। न केवल शहरी क्षेत्र, बल्कि पूरे राज्य के चिकित्सा ढांचे का निरंतर विकास किया जा रहा है। प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना के तहत, 16 लाख लाभार्थियों को पहले ही कार्ड प्रदान किए जा चुके हैं। मुख्यमंत्री जन आरोग्य योजना के अंतर्गत 2.5 लाख परिवारों को कार्ड प्रदान किए गए हैं। राज्य में टेलीमेडिसिन प्रणाली को सुदृढ़ किया जा रहा है। पीएम-दिव्य योजना के अंतर्गत राज्य में स्वास्थ्य अवसंरचना के विकास पर लगभग 500 करोड़ रुपये खर्च किए जा रहे हैं। आने वाले दिनों में नेत्र चिकित्सा के लिए 100 बिस्तरों वाला तृतीयक अस्पताल बनाया जाएगा।
आज के कार्यक्रम में स्वास्थ्य विभाग की सचिव किरण गिट्टे, नार्कोन की अध्यक्ष डॉ. रोमिका बरुआ, स्वास्थ्य सेवा निदेशक प्रोफेसर (डॉ.) तपन मजूमदार, चिकित्सा शिक्षा निदेशक प्रोफेसर (डॉ.) एच.पी. शर्मा और परिवार कल्याण एवं रोग निवारण विभाग के निदेशक डॉ. अंजन दास सहित अन्य गणमान्य उपस्थित थे।








