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मुख्यमंत्री ने राज्य-आधारित स्वच्छता ई-सेवा कार्यक्रम का शुभारंभ किया, स्वच्छ और सुंदर वातावरण बनाने के लिए प्रत्येक नागरिक की जिम्मेदारी होनी चाहिए

ऑनलाइन डेस्क, 17 सितंबर, 2025: स्वच्छता अभियान केवल एक कार्यक्रम नहीं, बल्कि एक जन आंदोलन है। इस आंदोलन के परिणामस्वरूप लोगों में स्वच्छता के प्रति जागरूकता बढ़ी है। अगर किसी के घर का परिवेश, सड़कें और आसपास के विभिन्न स्थान स्वच्छ हों, तो इसका लोगों के मन पर भी सकारात्मक प्रभाव पड़ता है। लोगों में स्वच्छ मानसिकता का विकास होता है। इस स्वच्छता आंदोलन को सफल बनाने के लिए सभी को मिलकर काम करना होगा।

आज मुख्यमंत्री प्रोफेसर (डॉ.) माणिक साहा ने रवींद्र शताब्दी भवन में राज्य-आधारित स्वच्छता ई-सेवा 2025 कार्यक्रम का शुभारंभ किया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने कहा कि समाज और पर्यावरण को स्वच्छ रखना अकेले राज्य सरकार के लिए संभव नहीं है। इसके लिए प्रत्येक नागरिक को जागरूक होना होगा और राज्य सरकार का सहयोग करना होगा। स्वच्छ और सुंदर वातावरण बनाने के लिए प्रत्येक नागरिक की जिम्मेदारी होनी चाहिए।

प्रत्येक व्यक्ति के सहयोग से राज्य सरकार आने वाली पीढ़ी को स्वच्छ, सुंदर, निर्मल गांव, शहर, राज्य और देश का उपहार देना चाहती है। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की दूरदर्शी पहल के कारण वर्ष 2014 से पूरे देश में स्वच्छता ही सेवा कार्यक्रम शुरू किया गया। प्रधानमंत्री का मानना ​​है कि महिलाओं और बच्चों सहित प्रत्येक नागरिक का परिवेश साफ, सुथरा और स्वच्छ होना चाहिए।

प्रधानमंत्री के दिखाए मार्ग पर चलते हुए राज्य सरकार भी पूरे राज्य को स्वच्छ और सुंदर बनाने का प्रयास कर रही है। इसके लिए पूरे राज्य में विभिन्न कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं। मुख्यमंत्री ने जानकारी देते हुए बताया कि राज्य के 334 शहरी वार्डों में डोर-टू-डोर कचरा संग्रहण प्रणाली शुरू की गई है। राज्य भर में 85 अपशिष्ट प्रबंधन पृथक्करण और 635 सामुदायिक शौचालय, 1277 सार्वजनिक शौचालयों का निर्माण किया गया है।

22,000 से अधिक परिवारों को स्वच्छ शौचालय प्रदान किए गए हैं। स्वच्छ भारत मिशन के तहत 5 लाख 1 हजार 232 घरों में शौचालय और 590 सामुदायिक शौचालयों का निर्माण किया गया है। पर्यावरण को स्वच्छ और स्वच्छ रखने और प्लास्टिक प्रदूषण से मुक्त रखने के लिए 5 प्लास्टिक अपशिष्ट प्रबंधन इकाइयों का निर्माण किया गया है। 13 और इकाइयों के निर्माण की पहल की गई है। सफाई कर्मचारियों के काम की प्रशंसा करते हुए, मुख्यमंत्री ने कहा कि सफाई कर्मचारी समाज और पर्यावरण को स्वच्छ रखने के उस्ताद हैं। उन्हें उचित सम्मान दिया जाना चाहिए।

मुख्यमंत्री ने कहा कि पर्यावरण और समाज को स्वच्छ और सुंदर रखने के लिए स्कूल और कॉलेज स्तर पर अधिक जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किए जाने चाहिए। उन्होंने इस अभियान की समग्र सफलता की कामना की। कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि उच्च शिक्षा मंत्री किशोर बर्मन ने कहा कि स्वच्छता विकास की नींव में से एक है। हर ग्रामीण क्षेत्र में स्वच्छता को विशेष महत्व दिया गया है। उच्च शिक्षा मंत्री ने प्रत्येक नागरिक से स्वच्छ, रोगमुक्त, नशामुक्त समाज के निर्माण के लिए आगे आने का आह्वान किया

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