
मुख्यमंत्री ने प्रज्ञा भवन में प्रशिक्षण शिविर का उद्घाटन किया, बेहतर चिकित्सा सेवाएं प्रदान करने के लिए डॉक्टरों में आत्मविश्वास की आवश्यकता
ऑनलाइन डेस्क, 31 जुलाई, 2025: अगरतला ही नहीं, बल्कि राज्य के जिला और उप-मंडल अस्पतालों में भी आधुनिक चिकित्सा बुनियादी ढांचे के निर्माण पर काम किया जा रहा है। राज्य में किडनी प्रत्यारोपण पहले से ही किए जा रहे हैं। लिवर और हृदय प्रत्यारोपण के लिए भी बुनियादी ढांचा तैयार करने की पहल की गई है। एजीएमसी में 250 करोड़ रुपये की लागत से एक सुपर स्पेशियलिटी ब्लॉक बनाया गया है। मुख्यमंत्री प्रो. (डॉ.) माणिक साहा ने आज प्रज्ञा भवन में दंत चिकित्सा अधिकारियों, नर्सिंग अधिकारियों और सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारियों के लिए एक राज्यव्यापी प्रशिक्षण शिविर का उद्घाटन करते हुए यह बात कही।
राष्ट्रीय मुख स्वास्थ्य और राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन पर इस दो दिवसीय प्रशिक्षण शिविर का आयोजन निपुरा डेंटल एसोसिएशन, अगरतला डेंटल कॉलेज और आईजीएम, अस्पताल द्वारा किया गया है। मुख्यमंत्री ने इस कार्यक्रम को हरी झंडी दिखाई और कैलाशहर अस्पताल और विशालगढ़ अस्पताल के लिए दो रक्त संग्रह परिवहन वैन का औपचारिक शुभारंभ किया।
उद्घाटन समारोह में मुख्यमंत्री ने कहा कि पहले की तुलना में अब अधिक छात्र एमबीबीएस, डेंटल साइंस, नर्सिंग आदि की पढ़ाई कर पा रहे हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य के रेफरल अस्पतालों और अन्य अस्पतालों के डॉक्टरों को आम आदमी को चिकित्सा सेवाएं प्रदान करने में अधिक ईमानदार होना चाहिए। डॉक्टरों को बेहतर चिकित्सा सेवाएं प्रदान करने में अधिक विश्वास होना चाहिए। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार अस्पतालों को चलाने के लिए अस्पताल प्रबंधन का प्रशिक्षण प्रदान करेगी।
संयोग से, उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना से अब तक लगभग 13.5 लाख लोग लाभान्वित हुए हैं। मुख्यमंत्री जन आरोग्य योजना के तहत आयुष्मान कार्ड के माध्यम से 5 लाख 16 हजार लोगों को लगभग 17 करोड़ रुपये प्रदान किए गए हैं। आंखों के इलाज के लिए अगरतला में एक क्षेत्रीय नेत्र विज्ञान संस्थान स्थापित करने की पहल की गई है। अगरतला में डेंटल कॉलेज के लिए 200 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं। इस कॉलेज को पूर्वोत्तर क्षेत्र के सर्वश्रेष्ठ डेंटल कॉलेज के रूप में बढ़ावा देने का प्रयास किया गया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि पारदर्शिता के साथ 16 हजार से अधिक सरकारी नौकरियां पहले ही दी जा चुकी हैं। राज्य में कानून-व्यवस्था की स्थिति में भी पहले की तुलना में काफी सुधार हुआ है। कानून-व्यवस्था के मामले में त्रिपुरा अब 28 राज्यों में तीसरे स्थान पर है।
इस अवसर पर स्वास्थ्य विभाग के अतिरिक्त सचिव राजीव डांडा सहित अन्य लोगों ने भी अपने विचार रखे। स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग के निदेशक डॉ. तपन मजूमदार, अगरतला डेंटल कॉलेज की प्राचार्य डॉ. शालू रॉय, परिवार कल्याण एवं रोग निवारण विभाग के निदेशक डॉ. अंजन दास आदि उपस्थित थे। राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के संयुक्त निदेशक डॉ. आलोक देब ने स्वागत भाषण दिया।








