
जीवन रक्षक एंबुलेंस के वितरण समारोह में मुख्यमंत्री जन जागरूकता व सावधानियों से टाली जा सकती है सड़क दुर्घटनाएं व जनहानि
ऑनलाइन डेस्क, 02 जुलाई, 2025: सड़क सुरक्षा को केवल नियम-कायदों या कानूनों से नियंत्रित नहीं किया जा सकता। सड़क कानूनों का पालन करना प्रत्येक नागरिक की जिम्मेदारी है। जन जागरूकता व सावधानियों से सड़क दुर्घटनाएं व जनहानि टाली जा सकती है। जागरूकता पैदा करना सड़क दुर्घटनाओं को कम करने के उपायों में से एक है। आज अगरतला के स्वामी विवेकानंद मैदान में परिवहन विभाग द्वारा शुरू किए गए सड़क सुरक्षा कार्यक्रम को ध्यान में रखते हुए जीवन रक्षक एंबुलेंस व वाहनों में यात्रियों की सुरक्षा के लिए वाहन स्थान ट्रैकिंग व निगरानी प्रणाली के वितरण का उद्घाटन करते हुए मुख्यमंत्री प्रो. (डॉ.) माणिक साहा ने यह बात कही।
गौरतलब है कि आज परिवहन विभाग द्वारा शुरू की गई पूंजी निवेश योजना के लिए राज्यों को विशेष सहायता के तहत राज्य पुलिस (यातायात) और अग्निशमन व आपातकालीन सेवा विभागों को 16 बुनियादी जीवन रक्षक एंबुलेंस दी गई हैं। इसके अलावा, यात्री सुरक्षा के लिए वाहन स्थान ट्रैकिंग और निगरानी प्रणाली शुरू की गई है। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में बोलते हुए, मुख्यमंत्री प्रोफेसर (डॉ।) माणिक साहा ने कहा कि लोगों को सुरक्षा प्रदान करना वर्तमान सरकार के लक्ष्यों में से एक है।
उस दिशा में, राज्य सरकार पैदल यात्रियों और यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए विभिन्न पहल कर रही है। आज, परिवहन विभाग की पहल के तहत 16 एम्बुलेंस का प्रावधान और वाहनों में ट्रैकिंग डिवाइस की स्थापना सड़क सुरक्षा कार्यक्रम में एक प्रमुख भूमिका निभाएगी। जब किसी व्यक्ति की दुर्घटना में मृत्यु होती है, तो न केवल एक परिवार अपने लोगों को खो देता है, बल्कि समाज, राज्य और देश को भी बहुत बड़ा नुकसान होता है। मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि सड़क दुर्घटनाएं अब व्यक्तिगत मामला नहीं है, यह हमारा राष्ट्रीय नुकसान है। मानव संसाधन के नुकसान के अलावा, कई परिवार सड़क दुर्घटनाओं में अपनी जान गंवा रहे हैं।
मामला भी बहुत चिंताजनक है। इस स्थिति में, देश भर में सड़क सुरक्षा के मुद्दे पर केंद्र और राज्य स्तर पर विभिन्न परियोजनाएं कार्यान्वित की जा रही हैं। इस संदर्भ में मुख्यमंत्री ने सड़क दुर्घटनाओं को रोकने तथा पैदल यात्रियों के हित में परिवहन विभाग द्वारा चलाई जा रही विभिन्न उल्लेखनीय परियोजनाओं जैसे राह-बीर परियोजना (सुनगरिक परियोजना) जिसके माध्यम से दुर्घटना में मदद करने वाले को 25,000 रुपये का पुरस्कार तथा प्रशस्ति पत्र देने का प्रावधान है, हिट एंड रन योजना, वाहन स्क्रैपिंग नीति आदि का उल्लेख किया। मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि सड़क सुरक्षा के बारे में जागरूकता के साथ-साथ आवश्यक शिक्षा भी बहुत आवश्यक है।
उन्होंने कहा कि सड़क दुर्घटनाओं के मुख्य कारणों में तेज गति से वाहन चलाना, गलत दिशा में वाहन चलाना, नशे में वाहन चलाना, हेलमेट न पहनना, असावधानी से वाहन चलाना आदि शामिल हैं। मुख्यमंत्री ने यातायात नियमों का पालन करने, जागरूकता अपनाने तथा छात्रों और अभिभावकों में सड़क सुरक्षा के बारे में जागरूकता सुनिश्चित करने पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि वर्तमान में राज्य में सड़क सुरक्षा में सकारात्मक प्रभाव देखने को मिल रहा है। परिणामस्वरूप राज्य में सड़क दुर्घटनाओं में पिछले वर्षों की तुलना में काफी हद तक कमी आई है।
मुख्यमंत्री ने आशा व्यक्त की कि आज की पहल नागरिकों के लिए बहुत लाभकारी होगी। कार्यक्रम में परिवहन मंत्री सुशांत चौधरी ने कहा कि परिवहन विभाग और यातायात की पहल पर पूरे साल राज्य में सड़क सुरक्षा के लिए विभिन्न कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं। सड़क सुरक्षा के प्रति जन जागरूकता बहुत जरूरी है। परिवहन विभाग और यातायात विभाग समेत विभिन्न विभागों की पहल पर कई कार्यक्रम चलाए गए हैं।
इस संदर्भ में परिवहन मंत्री ने इंटरसेप्टर वाहन, गुड सेमेरिटन अवार्ड, वाहनों में वीएलटी डिवाइस इंटीग्रेशन आदि के प्रावधान पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि हमें सिर्फ पुरस्कार के लिए दुर्घटना पीड़ितों की मदद नहीं करनी चाहिए। मुश्किल क्षणों में लोगों के साथ खड़ा होना हमारी सामाजिक जिम्मेदारी है। कार्यक्रम में परिवहन सचिव यू. के. चकमा ने स्वागत भाषण दिया और राज्य पुलिस महानिदेशक अनुराग ने विशिष्ट अतिथि के रूप में बात की। परिवहन विभाग के अतिरिक्त सचिव सुब्रत चौधरी ने धन्यवाद ज्ञापन किया। अगरतला नगर निगम के मेयर दीपक मजूमदार भी मौजूद थे।