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7 वर्षों में 73 मीट्रिक टन से अधिक अनानास का विदेश में निर्यात किया गया: कृषि मंत्री

ऑनलाइन डेस्क, 27 जून, 2025: राज्य में जैविक रूप से उत्पादित रानी अनानास की मांग विश्व बाजार में बढ़ रही है। इसलिए, एक विशिष्ट समय के बजाय पूरे वर्ष अनानास की खेती सुनिश्चित करने की पहल की गई है। इस संबंध में, चरणों में रोपण पर जोर दिया गया है। कृषि और किसान कल्याण मंत्री रतनलाल नाथ ने आज प्रज्ञा भवन में 5वें सीआईआई, त्रिपुरा अनानास महोत्सव का उद्घाटन करते हुए यह बात कही। यह महोत्सव भारतीय उद्योग परिसंघ की पहल और राज्य सरकार के बागवानी विभाग के सहयोग से आयोजित किया गया है। इस महोत्सव के अवसर पर नारामेक, एफपीओ सहित विभिन्न संगठनों द्वारा उत्पादित विभिन्न अनानास उत्पादों के प्रदर्शनी स्टॉल खोले गए।

कृषि मंत्री ने प्रदर्शनी स्टालों का अवलोकन किया और किसानों के साथ विचारों का आदान-प्रदान किया। इस अवसर पर कृषि मंत्री ने कहा कि वर्तमान में राज्य में 58,491 हेक्टेयर क्षेत्र में विभिन्न प्रकार के फलों की खेती की जाती है। इसमें से 11 हेक्टेयर से अधिक भूमि पर अनानास की क्यू और क्वीन किस्म की खेती की जा रही है। परिणामस्वरूप, राज्य में सालाना लगभग 1 लाख 74 हजार मीट्रिक टन अनानास का उत्पादन हो रहा है।

अनानास की क्यू किस्म की खेती मुख्य रूप से धलाई, उत्तरी त्रिपुरा और उनकोटी जिलों में की जाती है। अनानास की क्वीन किस्म की खेती पश्चिम त्रिपुरा जिले और सेपाहिजला में बड़ी मात्रा में की जाती है। पिछली सरकार के दौरान, राज्य के किसानों को उनके अनानास का सही मूल्य नहीं मिलता था। वर्तमान राज्य सरकार ने किसानों को उनके अनानास का सही मूल्य दिलाने की व्यवस्था की है।

किसानों द्वारा उत्पादित अनानास को देश भर में लोकप्रिय बनाने के लिए दिल्ली, इंदौर और वाराणसी में क्रेता-विक्रेता सम्मेलन आयोजित किए गए हैं। कृषि मंत्री ने कहा कि राज्य सरकार के ईमानदार प्रयासों से देश और विदेश में राज्य के क्वीन अनानास का निर्यात बढ़ा है। रानी अनानास को 2018 में राज्य फल घोषित किया गया था। वित्तीय वर्ष 2018-19 से 2024-25 तक पिछले 7 वर्षों में दुबई, ओमान, कतर, बांग्लादेश आदि देशों में 73 मीट्रिक टन से अधिक अनानास निर्यात किया गया है। इसके अलावा, 15 हजार मीट्रिक टन अनानास देश के विभिन्न राज्यों में भेजा गया है।

रानी अनानास को जीआई टैग मिलने से मार्केटिंग में सुविधा हुई है। केंद्रीय मंत्री माधवराव सिंधिया ने रानी अनानास को वैश्विक ब्रांड बनाने की पहल की है। इसके लिए राज्य सरकार 132 करोड़ रुपये की परियोजना शुरू करने पर विचार कर रही है। कृषि मंत्री ने कहा कि पिछले 7 वर्षों में राज्य में कृषि सहित हर क्षेत्र में व्यापक विकास हुआ है। राज्य सरकार किसानों को आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बनाने के लिए विभिन्न सहायता प्रदान कर रही है। कृषि मंत्री ने कहा कि राज्य सरकार हमेशा किसानों के कल्याण के लिए उनके साथ रही है और आगे भी रहेगी।

इस अवसर पर कृषि एवं किसान कल्याण विभाग के सचिव अपूर्व रॉय, उद्योग एवं वाणिज्य विभाग के सचिव डॉ. शैलेश कुमार यादव, विश्व बैंक के वरिष्ठ कृषि व्यवसाय विशेषज्ञ राज गांगुली, नानसई फल एवं सब्जी उत्पाद उद्योग के प्रबंध निदेशक अद्वैत कुलकर्णी, ग्रो इंडिया इंपोर्ट एक्सपोर्ट के सह-संस्थापक नरेश गजबिय आदि उपस्थित थे। साथ ही बागवानी एवं मृदा संरक्षण विभाग के निदेशक दीपक कुमार दास और कृषि विभाग के निदेशक फणी भूषण जमातिया भी मौजूद थे। उद्घाटन समारोह के बाद तकनीकी सत्र में विशेषज्ञों ने अनानास उत्पादन, निर्यात आदि पर चर्चा की।

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