
बंकिम चंद्र चटर्जी की जयंती पर खेल मंत्री ने दी श्रद्धांजलि, बंकिम चंद्र ने देशवासियों को वंदे मातरम मंत्र से किया प्रेरित
ऑनलाइन डेस्क, 26 जून, 2025: साहित्य सम्राट बंकिम चंद्र चटर्जी ने अपनी प्रखर लेखनी के माध्यम से देशवासियों को अंग्रेजों के शोषण और उत्पीड़न से बचाने के लिए राष्ट्रवाद की भावना से प्रेरित किया। वे एक नए भारत का निर्माण करना चाहते थे। बंकिम चंद्र चटर्जी एक साथ उपन्यासकार, निबंधकार और देशभक्त थे। बंकिम चंद्र ने देशवासियों को वंदे मातरम मंत्र से प्रेरित किया। वे महिला शिक्षा और महिला जागरण चाहते थे।
जिसे देश के पूर्व राष्ट्रपति डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन, कवि रवींद्रनाथ टैगोर भी चाहते थे। जो आज भी प्रासंगिक है। यह बात युवा मामले और खेल मंत्री टीचू रॉय ने आज मुक्तधारा सभागार में साहित्य सम्राट बंकिम चंद्र चटर्जी की जयंती पर श्रद्धांजलि कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में अपने भाषण में कही। कार्यक्रम का आयोजन सूचना एवं संस्कृति विभाग ने किया था। खेल मंत्री व अन्य अतिथियों ने साहित्य सम्राट बंकिम चंद्र चटर्जी के चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित कर श्रद्धांजलि दी।
कार्यक्रम में खेल मंत्री टीचू रॉय ने कहा, आज देश की राष्ट्रपति एक महिला हैं, वित्त मंत्री एक महिला हैं। आज राज्य में चार हजार से अधिक महिला जनप्रतिनिधि हैं। उन्होंने कहा, हमारे राज्य में अब कई लोग एचआईवी/एड्स से प्रभावित हो रहे हैं। राज्य में 40 अनाथालय हैं। इस सामाजिक बीमारी को मिटाने के लिए हम सभी को आगे आना होगा। खेल मंत्री ने कहा, हमारा राज्य धीरे-धीरे विकास की ओर बढ़ रहा है। मातृभूमि के प्रति प्रेम सिर्फ एक भावना नहीं, बल्कि एक पवित्र कर्तव्य और संघर्ष है। हमारा देश और राज्य तभी सर्वश्रेष्ठ और आत्मनिर्भर बनेगा, जब हम सभी सामाजिक बीमारियों को खत्म करने के लिए आगे आएंगे।
कार्यक्रम के अध्यक्ष राज्य आधारित सांस्कृतिक सलाहकार समिति के उपाध्यक्ष सुब्रत चक्रवर्ती ने कहा कि बंकिम चंद्र ने अपने उपन्यास ‘आनंद मठ’ में देश को पहली मां के रूप में चित्रित किया है। सूचना एवं संस्कृति विभाग के निदेशक बिंबिसार भट्टाचार्य ने अपने स्वागत भाषण में साहित्य सम्राट बंकिम चंद्र चटर्जी की जीवनी और कार्यों पर चर्चा की। उन्होंने कहा कि उनका उपन्यास ‘आनंद मठ’ एक कालजयी उपन्यास है। उनके आदर्शों और विचारों को वर्तमान पीढ़ी तक पहुंचाने के लिए सूचना एवं संस्कृति विभाग 2020 से हर जिले में इस तरह के कार्यक्रम आयोजित कर रहा है।
कार्यक्रम के मुख्य वक्ता नेताजी सुभाष महाविद्यालय के प्रमुख लेखक और व्याख्याता डॉ प्रणब कुमार दास थे। साथ ही त्रिपुरा (केंद्रीय) विश्वविद्यालय की शोध छात्रा रूमी देव ने भी बात रखी। त्रिपुरा वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष मंबर अली, त्रिपुरा बागवानी निगम के अध्यक्ष जवाहर साहा समेत अन्य मौजूद थे। साहित्यकार बंकिम चंद्र चटर्जी की जयंती मनाने के लिए विभिन्न कॉलेजों के छात्रों के बीच एक प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता आयोजित की गई थी। एमबीबी कॉलेज ने पहला स्थान, महिला कॉलेज ने दूसरा और गवर्नमेंट आर्ट एंड क्राफ्ट कॉलेज ने तीसरा स्थान हासिल किया। कार्यक्रम के अतिथियों ने विजेताओं को पुरस्कार के रूप में ट्रॉफी और प्रमाण पत्र प्रदान किए।