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मुख्यमंत्री ने प्रज्ञा भवन में विश्व रक्तदाता दिवस का किया उद्घाटन, रक्तदान एक सामाजिक जिम्मेदारी है और इसकी आवश्यकता किसी खास दिन तक सीमित नहीं

ऑनलाइन डेस्क, 15 जून, 2025: सिर्फ एक दिन रक्तदाता दिवस मनाकर लोगों में जागरूकता पैदा नहीं की जा सकती। इसके लिए पूरे साल इस मुद्दे पर पहल करने की जरूरत है। रक्तदान एक सामाजिक जिम्मेदारी है और इसकी आवश्यकता किसी खास दिन तक सीमित नहीं है। मुख्यमंत्री प्रो. (डॉ.) माणिक साहा ने आज अगरतला के प्रज्ञा भवन में विश्व रक्तदाता दिवस का उद्घाटन करते हुए यह बात कही।

आज के कार्यक्रम की शुरुआत में मुख्यमंत्री और उपस्थित अतिथियों ने रक्त समूहों के खोजकर्ता डॉ. कार्ल लैंडस्ट्रेनर के चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित की। इस कार्यक्रम में त्रिपुरा राज्य रक्त आधान परिषद के वेबपेज ‘त्रिपुरा रक्त कोष’ का भी औपचारिक रूप से शुभारंभ किया गया। इसके अलावा, वर्ष 2025-26 के लिए स्वैच्छिक रक्तदान कैलेंडर का प्रकाशन, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग का वार्षिक बुलेटिन ‘स्वास्थ्य समाचार’ का प्रकाशन तथा 2024-25 में स्वैच्छिक रक्तदान शिविर आयोजित करने वाले विभिन्न संगठनों को सम्मानित किया गया।

कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने कहा कि रक्त का कोई विकल्प नहीं है। इससे बड़ा कोई कार्य नहीं है। रक्तदान एक मानवीय कार्य है और यह समाज के सभी लोगों के लिए लाभकारी है। रक्तदान करके एक व्यक्ति तीन लोगों की जान बचाने में सक्षम होता है। साथ ही वह रक्त प्राप्तकर्ता के दिल में भी जगह बना सकता है। रक्तदान करने से रक्तदाता द्वारा कई जांचें भी निःशुल्क पूरी की जाती हैं।

विभिन्न बीमारियों जैसे सर्जरी, दुर्घटना, प्रसव, कैंसर, थैलेसीमिया आदि के उपचार के दौरान रक्त की आवश्यकता देखी जा सकती है। रक्तदान दिवस का मुख्य उद्देश्य लोगों को स्वैच्छिक रक्तदान के महत्व से अवगत कराना है। साथ ही मरते हुए मरीजों की जान बचाने के लिए स्वैच्छिक रक्तदाताओं की मानवीय अपील को मान्यता दी जाती है।

इस वर्ष के दिवस का थीम है ‘आइए रक्त दिवस पर उम्मीद जगाएं, आइए मिलकर जीवन बचाएं’। मुख्यमंत्री ने कहा कि स्वस्थ पुरुष और महिला दोनों वर्ष में क्रमश: 4 बार और 3 बार रक्तदान कर सकते हैं। हालांकि, रक्तदान और भंडारण के बीच संतुलन होना चाहिए। राज्य की कुल आबादी का 1 प्रतिशत रक्त बैंक में होना चाहिए। सरकार का रक्त आधान बोर्ड इस काम को कुशलता से कर रहा है। वर्तमान राज्य सरकार लोगों की स्वास्थ्य समस्याओं को हल करने के लिए विभिन्न पहल कर रही है।

उन्होंने कहा कि वर्तमान में राज्य में 14 ब्लड बैंक, 6 रक्त घटक पृथक्करण इकाइयां, 7 रक्त भंडारण केंद्र और 6 जिला अस्पतालों में आरएआर बैंक संचालित हैं। सिपाहीजाला जिले के विशालगढ़ उपखंड अस्पताल में एक ब्लड बैंक संचालित है। पश्चिम त्रिपुरा जिले में 4 ब्लड बैंक हैं। राज्य और जिला स्तर पर 4 रक्त घटक पृथक्करण इकाइयां हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में रक्त की मांग को रक्तदान के जरिए ही पूरा किया जा सकता है इस अवसर पर स्वास्थ्य विभाग की सचिव किरण गिट्टे ने कहा कि रक्तदान लोगों का महान कर्तव्य है। इस दिवस का एकमात्र उद्देश्य रक्त की आवश्यकता को पूरा करना है। स्वागत भाषण स्वास्थ्य विभाग के निदेशक डॉ. तपन मजूमदार ने दिया।

धन्यवाद ज्ञापन त्रिपुरा राज्य एड्स नियंत्रण सोसाइटी की परियोजना निदेशक डॉ. समरपिता दत्ता ने दिया। इस अवसर पर परिवार कल्याण एवं रोग निवारण विभाग के निदेशक डॉ. अंजन दास, स्वास्थ्य शिक्षा विभाग के निदेशक डॉ. एच.पी. शर्मा, राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन, त्रिपुरा के मिशन निदेशक प्रशांत बादल नेगी, डॉ. विश्वजीत देबबर्मा आदि उपस्थित थे।

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