
जीबीपी अस्पताल के दो डॉक्टरों ने रक्तदान कर बचाई मरीज की जान
ऑनलाइन डेस्क, 2 मई 2025: अगरतला सरकारी मेडिकल कॉलेज और जीबीपी अस्पताल के दो डॉक्टरों ने सर्जरी के लिए आपातकालीन आधार पर रक्तदान करके एक मिसाल कायम की है। जिस प्रकार राज्य में स्वास्थ्य सेवाओं के प्रावधान में क्रांतिकारी परिवर्तन हुए हैं, उसी प्रकार डॉक्टरों में भी सकारात्मक मानसिकता और मानवता देखी जा रही है।
डॉक्टर न केवल मरीजों को स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करते हैं, बल्कि मानवीय पहलुओं में भी मदद करते हैं और मरीजों के जीवन को बचाने का प्रयास करते हैं। कल, डॉक्टरों ने शांतिरबाजार के एक मरीज को रक्तदान करने की पेशकश की, जिसे आपातकालीन सर्जरी की आवश्यकता थी। मरीज को 17 मार्च को अगरतला सरकारी मेडिकल कॉलेज और जीबीपी अस्पताल में भर्ती कराया गया था। मरीज कैंसर से पीड़ित था। डॉक्टरों ने रोगी को अग्न्याशय के रसौली के साथ कोलेडोकल सिस्ट से पीड़ित बताया।
मरीज की जान बचाने के लिए आपातकालीन सर्जरी करने का निर्णय लिया गया। लेकिन सर्जरी के दौरान पता चला कि महिला के शरीर में हीमोग्लोबिन की मात्रा बहुत कम थी। इस हीमोग्लोबिन स्तर को पूरा करने और सर्जरी के लिए महिला के शरीर को अतिरिक्त रक्त की आवश्यकता होती है। उस समय महिला का कोई भी रिश्तेदार या परिवार का सदस्य रक्तदान करने के लिए अस्पताल में मौजूद नहीं था। महिला का रक्त समूह ए पॉजिटिव था।
इस स्थिति में, अगरतला सरकारी मेडिकल कॉलेज और जीबीपी अस्पताल, किरण के ए पॉजिटिव ब्लड ग्रुप के दो डॉक्टर आपातकालीन आधार पर रक्तदान करने के लिए आगे आए और स्वेच्छा से रक्तदान किया। गौरतलब है कि इस राज्य में पहले भी डॉक्टरों ने सर्जरी के लिए रक्तदान कर मरते मरीजों की जान बचाई है। इस बार भी उन्होंने रक्तदान कर मिसाल कायम की।
इन दोनों यूनिटों से रक्त की आपूर्ति के कारण मरीज की सर्जरी के दौरान रक्त की कमी नहीं हुई और सर्जरी बाधित नहीं हुई। इस रक्तदान के आधार पर 30 अप्रैल को मरीज की सर्जरी सफलतापूर्वक पूरी हुई। डॉक्टरों के इस मानवीय दृष्टिकोण और रक्तदान की विभिन्न क्षेत्रों से काफी प्रशंसा हुई है। यह खबर आज स्वास्थ्य विभाग द्वारा घोषित की गई।