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नियुक्ति पत्र वितरित करने और नौकरी देने में योग्यता और योग्यता को मान्यता दी जा रही है: मुख्यमंत्री

ऑनलाइन डेस्क, 30 अप्रैल, 2025: . वर्तमान राज्य सरकार व्यावहारिक एवं गुणवत्तापूर्ण शिक्षा उपलब्ध कराने की दिशा में कार्य कर रही है। प्रदेश में पारदर्शिता के साथ भर्ती नीतियां बनाकर सरकारी नौकरियां उपलब्ध कराई जा रही हैं। पार्टी निष्ठा को प्राथमिकता देने के बजाय योग्यता और क्षमता को मान्यता दी जा रही है। इस संबंध में राज्य सरकार यह सुनिश्चित करने के लिए भी काम कर रही है कि योग्य और प्रतिभाशाली लोग वंचित न रहें।

मुख्यमंत्री प्रोफेसर (डॉ.) माणिक साहा ने आज अगरतला के नजरूल कलाक्षेत्र सभागार में राज्य सरकार के शिक्षा विभाग में टीईटी उत्तीर्ण छात्रों के बीच नियुक्ति पत्र वितरण समारोह का उद्घाटन करते हुए यह बात कही। गौरतलब है कि आज के समारोह में शिक्षा विभाग में 66 स्नातक और 162 स्नातकोत्तर पदों के लिए कुल 228 लोगों को नौकरी के नियुक्ति पत्र दिए गए। कार्यक्रम के मंच पर मुख्यमंत्री और अतिथियों ने प्रतीकात्मक रूप से 15 लोगों को नौकरी के नियुक्ति पत्र सौंपे।

कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने रिमोट का बटन दबाकर शिक्षा विभाग के मेरा विद्यालय मेरा गौरव नामक कार्यक्रम का शुभारंभ किया। कार्यक्रम में मुख्यमंत्री प्रोफेसर (डॉ.) माणिक साहा ने कहा कि वर्तमान राज्य सरकार गुणवत्तापूर्ण शिक्षा उपलब्ध कराने पर जोर देते हुए काम कर रही है। इस मामले में, निष्पक्ष भर्ती नीतियों के अनुसार नौकरियां प्रदान की जा रही हैं। प्रशासन में पारदर्शिता और गति लाने के लिए विभिन्न विभागों में नये पदों का सृजन किया जा रहा है, वहीं पुराने पदों को भरने की पहल भी की गई है।

पारदर्शी भर्ती प्रक्रिया को बनाए रखते हुए, मृत्युदंड की स्थिति वाले लोगों सहित कुल 17,554 लोगों को मार्च 2025 तक सरकारी नौकरी प्रदान की गई है। सरकार रोजगार उपलब्ध कराने में पारदर्शिता की नीति भी तैयार कर रही है। इस संबंध में सरकार के नीतिगत दिशा-निर्देशों के अनुसार विभिन्न सरकारी विभागों में नियमित रूप से डाई-इन-हार्नेस नौकरियों की भर्ती की जा रही है। इस माह अधिक संख्या में रोजगार पत्र जारी होने के कारण नौकरी पाने वालों की संख्या में और वृद्धि होगी।

सरकारी नौकरियों में अपनाई गई पारदर्शी भर्ती नीति के परिणामस्वरूप, अब तक कोई भी व्यक्ति नौकरी को लेकर कोई शिकायत या अदालत में चुनौती नहीं दे पाया है। उन्होंने कहा कि सरकारी नौकरियों के अलावा प्रशासनिक कार्यों को सुगम बनाने के लिए 5,700 से अधिक संविदा एवं आउटसोर्सिंग कर्मचारियों को भी नियुक्त किया गया है। इस वर्ष अब तक 3,554 लोगों को सरकारी नौकरी के नियुक्ति पत्र दिये जा चुके हैं।

उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने नौकरियों के क्षेत्र में पीआरटीसी भर्ती की शुरुआत की है ताकि राज्य के युवाओं को राज्य के विभिन्न विभागों में नौकरियां मिल सकें। अनिवार्य कर दिया गया। यह राज्य सरकार का एक मजबूत और साहसी कदम है। राज्य में समग्र रोजगार परिवेश में सुधार के परिणामस्वरूप नये क्षेत्रों में भी रोजगार तेजी से बढ़ा है।

विभिन्न एजेंसियों ने सुरक्षा गार्ड और अन्य सेवा क्षेत्रों में विभिन्न सरकारी और निजी संस्थानों में 2,900 से अधिक लोगों को रोजगार दिया है। त्रिपुरा औद्योगिक विकास निगम के माध्यम से पिछले तीन वर्षों में राज्य के औद्योगिक क्षेत्रों में 1,600 से अधिक रोजगार सृजित किए गए हैं। राष्ट्रीय कैरियर सेवा परियोजना के अंतर्गत अगरतला, धर्मनगर और कैलाशहर में तीन मॉडल कैरियर केंद्र स्थापित किए गए हैं।

राज्य के बेरोजगार युवाओं को रोजगार उपलब्ध कराने के लिए वहां नियमित रूप से रोजगार मेले आयोजित किए जा रहे हैं। परिणामस्वरूप, बेरोजगारों के लिए रोजगार के अवसर पैदा हो रहे हैं। इसके अलावा, 10 व्यावसायिक मार्गदर्शन कार्यक्रमों में 270 से अधिक अभ्यर्थियों ने भाग लिया। उन्होंने आगे बताया कि वित्तीय वर्ष 2024-25 में विभिन्न स्कूलों एवं कॉलेजों में 82 कैरियर काउंसलिंग कार्यक्रम आयोजित किए गए, जिनमें 12,000 से अधिक नौकरी चाहने वालों ने भाग लिया। अग्निवीर परियोजना के लिए 28 कैरियर जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किए गए हैं और कुल 3,000 से अधिक नौकरी चाहने वालों ने भाग लिया है।

केंद्र सरकार की एक सर्वेक्षण रिपोर्ट के अनुसार, 2018-19 में राज्य की बेरोजगारी दर राष्ट्रीय औसत से अधिक थी। सरकार की विशिष्ट योजनाओं के कार्यान्वयन से रोजगार के अवसर बढ़े हैं और बेरोजगारी दर कम हुई है। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी भी देश के बेरोजगार युवाओं के लिए रोजगार पर जोर देते हुए काम कर रहे हैं। वित्तीय वर्ष 2025-26 के राज्य बजट में कैरियर काउंसलिंग कार्यक्रम, व्यावसायिक मार्गदर्शन कार्यक्रम और कैरियर जागरूकता कार्यक्रम लगातार आयोजित करने का प्रावधान किया गया है।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने नौकरी की तैयारी के हर पहलू में प्रतिभा के साथ-साथ व्यावसायिक कौशल विकसित करने के महत्व पर बल दिया है। इस मामले में, यदि आप अपनी प्रतिभा के अलावा संबंधित विषय में भी खुद को कुशल बना सकें, तो आप पेशेवर काम में खुद को स्वीकार्य बना सकते हैं। परिणामस्वरूप, कार्य का मूल्यांकन भी किया जा सकेगा। उन्होंने कहा कि 2013 में भारत में रोजगार दर 33.35 प्रतिशत थी।

कौशल विकास पर जोर देने के प्रधानमंत्री के प्रयासों के परिणामस्वरूप, रोजगार दर अब 50 प्रतिशत तक पहुंच गई है। आने वाले दिनों में इसमें और वृद्धि होगी। इस कौशल विकास को बढ़ाने के लिए प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना, डिजिटल इंडिया और स्किल इंडिया जैसी महत्वपूर्ण पहल और योजनाएं शुरू की गई हैं। वर्तमान में राजो के बच्चे राज्य और राज्य के बाहर विभिन्न संगठनों में काम कर रहे हैं और कौशल विकास प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे हैं।

राज्य में अब 2 लाख से अधिक उद्यमी हैं। उन्होंने कहा, ‘‘शिक्षा राष्ट्र की रीढ़ है, इसलिए सम्पूर्ण शिक्षा प्रणाली को व्यावहारिक और रोजगारोन्मुखी बनाया जा रहा है।’’ उन्होंने कहा कि प्रौद्योगिकी के वर्तमान युग में राज्य सरकार कृत्रिम बुद्धिमत्ता, रोबोटिक्स, साइबर सुरक्षा, नवीकरणीय ऊर्जा और कृषि प्रौद्योगिकी जैसे विषयों पर नए पाठ्यक्रम शुरू करने की योजना बना रही है।

मुख्य विधान सभा अध्यक्ष कल्याणी साहा रॉय और शिक्षा सचिव रावेल हेमेन्द्र कुमार ने इस कार्यक्रम को संबोधित किया। मुख्य विधान सभा अध्यक्ष कल्याणी साहा रॉय और शिक्षा सचिव रावेल हेमेन्द्र कुमार ने इस कार्यक्रम को संबोधित किया। शिक्षा विभाग के निदेशक एनसी शर्मा ने कार्यक्रम में स्वागत भाषण दिया।

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