
उदयपुर में शास्त्रीय संगीत संध्या का शुभारंभ, सरकार ने राज्य की जातियों और जनजातियों की संस्कृति को समृद्ध करने की पहल की है: वित्त मंत्री
ऑनलाइन डेस्क, 14 फरवरी, 2025: मानव जीवन की गुणवत्ता में सुधार लाने में संस्कृति का योगदान निर्विवाद है। स्वस्थ और समृद्ध समाज के निर्माण के लिए सांस्कृतिक रूप से संवेदनशील मानसिकता की आवश्यकता है। इसलिए, सरकार ने राज्य के जातीय समूहों की संस्कृति को समृद्ध करने के लिए पहल की है।
वित्त मंत्री प्रणजीत सिंह रॉय ने आज उदयपुर के राजर्षि कलाक्षेत्र में शास्त्रीय संगीत संध्या का उद्घाटन करते हुए यह बात कही। यह कार्यक्रम सूचना एवं संस्कृति विभाग द्वारा आयोजित किया गया था। इस कार्यक्रम में बोलते हुए वित्त मंत्री ने कहा कि भारत में विभिन्न समुदायों के लोग रहते हैं। सरकार ने अंतर-राज्यीय सांस्कृतिक आदान-प्रदान बढ़ाने के लिए भी पहल की है। उन्होंने कहा कि उदयपुर को सांस्कृतिक रूप से समृद्ध बनाने के लिए भी पहल की गई है। इस संबंध में सरकार और जनता के बीच संयुक्त प्रयास आवश्यक है।
कार्यक्रम में राज्य स्तरीय सांस्कृतिक सलाहकार समिति के उपाध्यक्ष सुब्रत चक्रवर्ती ने कहा कि राज्य सरकार ने राज्य स्तरीय विभिन्न कार्यक्रमों को जिला स्तर तक ले जाने की पहल की है। इसके परिणामस्वरूप आज उदयपुर में शास्त्रीय संगीत संध्या का आयोजन किया गया है। सूचना एवं संस्कृति विभाग के निदेशक बिम्बिसार भट्टाचार्य ने उद्घाटन समारोह में स्वागत भाषण दिया। उन्होंने कहा कि राज्य की मिश्रित संस्कृति की सराहना आज पूरे देश में हो रही है। उद्घाटन समारोह की अध्यक्षता गोमती जिला परिषद अध्यक्ष देवल देवराय ने की। कार्यक्रम में विधायक जितेन्द्र मजूमदार एवं अन्य अतिथि उपस्थित थे।
कार्यक्रम में कलाकारों को प्रमाण पत्र एवं पुष्पमालाएं देकर सम्मानित किया गया। शास्त्रीय संगीत संध्या में संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार से सम्मानित अंतरराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त कलाकार विदुषी शाश्वती सेन (दिल्ली) द्वारा कथक नृत्य प्रस्तुत किया गया। वायलिन वादक पंडित सुबल बिस्वास थे, जो राज्य के एक प्रमुख कलाकार थे, जिन्हें त्रिपुरा भूषण से सम्मानित किया गया था। तबला लहरा में प्रसिद्ध तबला वादक सुब्रत तालुकदार भी उपस्थित थे। सुप्रसिद्ध संगीतज्ञ पद्म मौलिश्वर आदित्य ने गायन में भाग लिया।








