
5 दिवसीय सिपाहीजाला जिला स्थित वस्त्र मेले का उद्घाटन, राज्य के हस्तशिल्प एवं बुनाई उद्योग को आगे बढ़ाने के प्रयास किए गए हैं: हथकरघा, हस्तशिल्प एवं रेशम उद्योग मंत्री
ऑनलाइन डेस्क, 17 मार्च, 2025: हथकरघा, हस्तशिल्प और रेशम उद्योग विकास निगम की पहल और भारत सरकार के कपड़ा मंत्रालय के वित्तीय सहयोग से कल से नलछार दशमीघाट मैदान में 5 दिवसीय सिपाहीजाला जिला स्थित ताना बाना हथकरघा और वस्त्र मेला शुरू हो गया है। यह मेला 20 मार्च तक चलेगा।
इस जिला आधारित वस्त्र मेले का उद्घाटन करते हुए हथकरघा, हस्तशिल्प और रेशम उत्पादन मंत्री विकास देबबर्मा ने कहा कि इस आयोजन का उद्देश्य विभिन्न वस्त्र मेलों के माध्यम से ग्रामीण क्षेत्रों में बुनकरों द्वारा बनाए गए वस्त्रों का विपणन करना है। उन्होंने कहा कि राज्य के मुख्यमंत्री प्रोफेसर (डॉ.) माणिक साहा के नेतृत्व में राज्य के हस्तशिल्प और बुनाई उद्योग को आगे बढ़ाने के प्रयास किए गए हैं।
हथकरघा, हस्तशिल्प एवं रेशम उत्पादन विभाग लुप्तप्राय हथकरघा एवं हस्तशिल्प उद्योग को पुनर्जीवित करने तथा इस पेशे से जुड़ी माताओं-बहनों को आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बनाने के लिए विभिन्न परियोजनाओं पर काम कर रहा है। मुख्य अतिथि के रूप में अपने भाषण में सिपाहीजाला जिला परिषद की अध्यक्ष सुप्रिया दास दत्ता ने कहा कि हथकरघा और हस्तशिल्प इस राज्य का गौरव और विरासत हैं।
इसके माध्यम से सरकार ग्रामीण क्षेत्रों की माताओं-बहनों को आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बनाने का काम कर रही है। नालचर पंचायत समिति के अध्यक्ष स्वप्न कुमार दास और केंद्र सरकार के हस्तशिल्प विकास आयुक्त की उप निदेशक पंपा सरकार ने भी कार्यक्रम में अपने विचार रखे। हथकरघा, हस्तशिल्प एवं रेशम उत्पादन विभाग के जिला अधिकारी रतन मणि सरकार ने स्वागत भाषण दिया।
कार्यक्रम में सामाजिक कार्यकर्ता उत्तम दास, लोकुजीत देबनाथ, केंद्रीय कपड़ा मंत्रालय के अगरतला स्थित बुनकर सेवा केंद्र के उप निदेशक अर्नब चौधरी और नालचर ब्लॉक के बीडीओ सुरनजीत सरकार मौजूद थे। उद्घाटन समारोह की अध्यक्षता विधायक किशोर बर्मन ने की। इस जिला स्तरीय हथकरघा एवं वस्त्र मेले में हथकरघा, हस्तशिल्प एवं रेशम उद्योग द्वारा उत्पादित विभिन्न उत्पादों को प्रदर्शित करने के लिए 27 स्टॉल खोले गए हैं।








