
मुख्यमंत्री कन्या आत्मनिर्भर योजना के तहत स्कूटी वितरण समारोह में मुख्यमंत्री ने कहा, राज्य सरकार उच्च शिक्षण संस्थानों के बुनियादी ढांचे के विकास को विशेष महत्व दे रही है
ऑनलाइन डेस्क, 14 मार्च 2025: राज्य सरकार ने उच्च शिक्षण संस्थानों के बुनियादी ढांचे को विकसित करने पर विशेष महत्व दिया है। छात्रों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा तथा बेहतर संस्थागत वातावरण उपलब्ध कराने के लिए सरकार के प्रयास जारी हैं। 2018 से, सुपर 30, लक्ष्य, सीएम साथ आदि जैसी सरकारी पहलें राज्य में छात्रों को उच्च शिक्षा प्राप्त करने के लिए प्रेरित कर रही हैं। इसके अलावा, सरकारी डिग्री कॉलेजों में छात्राओं के प्रवेश सहित विभिन्न शुल्क माफ होने से सकल नामांकन अनुपात में वृद्धि हुई है।
मुख्यमंत्री प्रोफेसर डॉ. ने आज अगरतला के रवींद्र शताब्दी भवन के सभागार क्रमांक 2 में उच्च शिक्षा विभाग द्वारा आयोजित मुख्यमंत्री कन्या आत्मनिर्भर योजना के अंतर्गत शैक्षणिक वर्ष 2023-24 के लिए स्कूटी वितरण कार्यक्रम का उद्घाटन किया। यह बात माणिक साहा ने कही। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री कन्या आत्मनिर्भर योजना महिला सशक्तिकरण की दिशा में सरकार का एक सशक्त कदम है। इससे बालिकाओं में उच्च शिक्षा के प्रति रुचि बढ़ेगी। इस परियोजना के तहत इस वर्ष 140 मेधावी छात्राओं को स्कूटी दी जाएगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि मुख्यमंत्री कन्या आत्मनिर्भर योजना के तहत प्रत्येक पात्र छात्रा को बीमा एवं रजिस्ट्रेशन के साथ स्कूटी भी उपलब्ध कराई जाएगी। इस योजना का लाभ उठाने के लिए छात्र को त्रिपुरा सरकार के उच्च शिक्षा विभाग के अंतर्गत किसी भी सरकारी (सामान्य) डिग्री कॉलेज में किसी भी स्नातक पाठ्यक्रम के प्रथम सेमेस्टर में अध्ययनरत होना चाहिए। छात्र को टीबीएसई या सीबीएसई द्वारा आयोजित उच्चतर माध्यमिक परीक्षा में न्यूनतम 80 प्रतिशत अंक प्राप्त करने होंगे।
आवेदक के परिवार की वार्षिक आय अधिकतम 8 लाख टका के भीतर होनी चाहिए तथा आवेदक के पास स्थायी निवास का प्रमाण होना चाहिए। कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने स्कूटी प्राप्तकर्ताओं को सलाह दी कि वे अपनी स्कूटी सावधानी से चलाएं। कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने कहा कि दृष्टिबाधित विद्यार्थियों को उच्च शिक्षा के लिए प्रोत्साहित करने के लिए मुख्यमंत्री विशेष छात्रवृत्ति शुरू की गई है।
इसके अलावा, पीपीपी मॉडल के तहत जिरानिया के लॉ कॉलेज, सभी डिग्री और पॉलिटेक्निक कॉलेजों को वाईफाई सेवा प्रदान करने की पहल की गई है। इसके अलावा, राज्य में धम्म दीपा अंतर्राष्ट्रीय बौद्ध विश्वविद्यालय, टेक्नो इंडिया विश्वविद्यालय और आर्यभट्ट अंतर्राष्ट्रीय विश्वविद्यालय के शुभारंभ के साथ-साथ उदयपुर में माता त्रिपुरा सुंदरी मुक्त विश्वविद्यालय की स्थापना की पहल से, त्रिपुरा जल्द ही पूर्वोत्तर क्षेत्र के राज्यों के बीच एक शिक्षा केंद्र बन जाएगा।
मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2023-24 से त्रिपुरा के कॉलेजों में लागू कर दी गई है। अब तक ‘लक्ष्य’ परियोजना के तहत 10 लोगों को वित्तीय सहायता प्रदान की जा चुकी है। आईआईआईटी, अगरतला में राष्ट्रीय फोरेंसिक विज्ञान विश्वविद्यालय और टीआईटी में ड्रोन केंद्र स्थापित किया गया है। महिला पॉलिटेक्निक, खुमलुंग टीटीएएडीसी पॉलिटेक्निक और धलाई जिला पॉलिटेक्निक में पढ़ने वाले छात्रों के अंग्रेजी बोलने के कौशल को सुधारने के लिए अंग्रेजी संचार कौशल पाठ्यक्रम शुरू किया गया है।
उन्होंने कहा कि 25 सामान्य डिग्री कॉलेजों में से 22 कॉलेजों को नैक से मान्यता मिल चुकी है। सचिन देबबर्मन मेमोरियल गवर्नमेंट म्यूजिक कॉलेज भी NAAC द्वारा मान्यता प्राप्त है। गंडाछारा स्थित राजकीय महाविद्यालय में छात्राओं के लिए 50 बिस्तरों वाले छात्रावास का निर्माण कार्य शुरू हो गया है।
इसके अलावा, मुख्यमंत्री ने महिला सशक्तिकरण, उनके सामाजिक-आर्थिक विकास और संरक्षण के मुद्दे पर सरकार द्वारा उठाए गए विभिन्न कदमों और पहलों की भी विस्तृत जानकारी दी। शिक्षा विभाग के विशेष सचिव रावल हेमेन्द्र कुमार ने भी कार्यक्रम को संबोधित किया।
उच्च शिक्षा विभाग के निदेशक अनिमेष देबबर्मा ने स्वागत भाषण दिया। कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने राज्य के विभिन्न महाविद्यालयों की छात्राओं को परिवहन विभाग द्वारा उपलब्ध कराए गए स्कूटरों की चाबियां और हेलमेट सौंपे। कार्यक्रम में मुख्यमंत्री बेटी स्वावलंबन योजना पर एक वृत्तचित्र दिखाया गया। इसके अतिरिक्त, मुख्यमंत्री एवं अतिथियों ने उच्च शिक्षा विभाग की उपलब्धियों पर आधारित पुस्तिका के कवर का अनावरण भी किया।