
रवीन्द्र शताब्दी भवन में विश्व वैष्णव सम्मेलन में मुख्यमंत्री ने कहा, मानव सेवा का धर्म अध्यात्म से संभव है
ऑनलाइन डेस्क, 30 नवंबर, 2022। अध्यात्म के द्वारा ही मानव सेवा का धर्म निभाया जा सकता है एक समय था जब हम अपनी संस्कृति, परंपराओं और रीति-रिवाजों को भूलते जा रहे थे वर्तमान राज्य सरकार और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार के दौरान इन्हें बहाल किया गया है।
लोग इसे अपने धर्म के माध्यम से महसूस कर सकते हैं। यह बात मुख्यमंत्री प्रोफेसर (डॉ.) माणिक साहा ने आज रवीन्द्र शताब्दी भवन में विश्व वैष्णव सम्मेलन को संबोधित करते हुए कही। उन्होंने कहा, पहले एक स्थिति थी जब नास्तिकों का बोलबाला था।
जिसका हमारे बच्चों पर बुरा प्रभाव पड़ता है लेकिन अब यह स्थिति सुधरी है। प्रदेश या देश की वर्तमान सरकार मानव प्रेमी एवं धार्मिक है। सम्मेलन में मुख्यमंत्री ने कहा कि लोग मूल रूप से सभी धार्मिक होते हैं।
ईश्वर की उपस्थिति हमारे मन और आत्मा में एक सकारात्मक दृष्टिकोण जगाती है। इसका सकारात्मक प्रभाव व्यक्ति के परिवार के साथ-साथ समाज पर भी पड़ता है।
उन्होंने यह भी कहा कि व्यक्ति को ईश्वर में आस्था रखनी चाहिए। उन्होंने कहा कि रास्ते में कई विचलन हैं लेकिन मनुष्य स्वयं को सही रास्ते पर वापस ला सकता है यदि वह पवित्र है और वास्तव में ईश्वर का प्रेमी है। संत लगातार समाज के लिए काम कर रहे हैं।
समाज के प्रत्येक व्यक्ति के प्रति उनकी बहुत बड़ी जिम्मेदारी है। वे ईश्वर और मनुष्य के बीच सेतु का कार्य करते हैं। समाज के प्रत्येक व्यक्ति को उन्हें याद करना चाहिए और मानवीय कार्य करना चाहिए।
मुख्यमंत्री ने विश्व वैष्णव सम्मेलन के अवसर पर आधिकारिक तौर पर प्रभुपाद के स्मारक का विमोचन किया सम्मेलन को भक्ति सुंदर स्वामी महाराज, विष्णु महाराज, आचार्य श्री चैतन्य गौड़ीय मठ व अन्य ने भी संबोधित किया।








