राज्यपाल ने 2025 में त्रिपुरा विधानसभा के पहले सत्र में कहा, सबका साथ-सबका विकास की नीति त्रिपुरा में गहराई से परिलक्षित हो रही है
ऑनलाइन डेस्क, 10 जनवरी 2025: मेरी सरकार विकास के पथ पर आगे बढ़ रही है। केन्द्र सरकार के सहयोग और राज्य नेतृत्व के ईमानदार प्रयासों से राज्य बुनियादी ढांचे, स्वास्थ्य सेवा, शिक्षा, कृषि और जनजातीय कल्याण सहित सभी क्षेत्रों में प्रगति कर रहा है। राज्यपाल इंद्रसेन रेड्डी नन्नू ने आज 2025 के त्रिपुरा विधानसभा के पहले सत्र के पहले दिन अपने भाषण में यह बात कही। राज्यपाल ने विधानसभा में कहा, ‘‘सबका साथ, सबका विकास की नीति सभी वर्गों के लोगों को साथ लेकर विकास के पथ पर आगे बढ़ने की नीति है, जो त्रिपुरा में गहराई से परिलक्षित हो रही है।’’ अंत्योदय, या समाज के अंतिम व्यक्ति का विकास, त्रिपुरा के विकास खाके का आदर्श वाक्य है। राज्यपाल ने कहा कि राज्य सरकार सभी वर्गों के लिए समान अवसरों वाले समाज के निर्माण की दिशा में काम कर रही है, जहां प्रत्येक व्यक्ति राज्य के विकास और समृद्धि में भूमिका निभाएगा और इसके लाभों का आनंद भी उठाएगा। राज्यपाल ने विधानसभा में कहा कि शांति और विकास के लिए एक महत्वपूर्ण पहल के रूप में पिछले वर्ष 2 मार्च को भारत सरकार, त्रिपुरा सरकार और त्रिपुरा मठ के बीच एक ऐतिहासिक त्रिपक्षीय समझौते पर हस्ताक्षर किए गए थे। इस समझौते से त्रिपुरा के जनजातीय लोगों की समस्याओं का समाधान करने का प्रयास किया जाएगा। राज्यपाल ने कहा, “हमने देखा है कि पिछले साल 5 सितंबर को भारत सरकार और त्रिपुरा सरकार ने नेशनल लिबरेशन फ्रंट ऑफ त्रिपुरा (एनएलएफटी) और ऑल त्रिपुरा टाइगर फोर्स (एटीटीएफ) के साथ एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए थे।” आतंकवाद से निपटने और दोनों चरमपंथी समूहों को खत्म करने तथा उन्हें मुख्यधारा में वापस लाने के लिए काम किया जाएगा।” इस समझौते के अनुसार, भारत सरकार ने त्रिपुरा के जनजातीय समुदायों के विकास के लिए 250 करोड़ रुपये के पैकेज को मंजूरी दी है। जो लोग समाज की मुख्यधारा में लौट आये हैं। राज्यपाल ने आशा व्यक्त की कि मुख्यधारा में लौटकर वे विकसित त्रिपुरा और भारत के निर्माण में अपनी भूमिका निभाएंगे। राज्यपाल ने विधानसभा में कहा, ‘‘कृषि मेरी सरकार के प्राथमिकता वाले क्षेत्रों में से एक है।’’ राज्य के जीएसडीपी में कृषि क्षेत्र प्रमुख भूमिका निभाता है। राज्य में धान की उत्पादकता बढ़ाने के लिए 2024 अमन सीजन में 12,588 हेक्टेयर भूमि को मुख्यमंत्री एकीकृत फसल प्रबंधन कार्यक्रम (एमआईसीएमपी) के अंतर्गत लाया गया। इसके लिए 15 करोड़ टका का बजट आवंटित किया गया। राज्य में 20,161 हेक्टेयर भूमि पर जैविक खेती हो रही है। वित्तीय वर्ष 2024-25 में अतिरिक्त 6,500 हेक्टेयर भूमि को जैविक खेती के अंतर्गत लाने का लक्ष्य है। राज्यपाल ने कहा कि पिछले वर्ष अगस्त माह में आई बाढ़ के बाद 1,48,379 प्रभावित किसानों को एक-एक हजार रुपये की आर्थिक सहायता उपलब्ध कराने की व्यवस्था की गई है। 2,777 हेक्टेयर कृषि भूमि से गाद हटाने के लिए 5 करोड़ रुपए आवंटित किए गए हैं। बाढ़ उपरांत सहायता के रूप में 45,349 किसानों को 9.46 करोड़ टका दिए गए हैं तथा 8,354 किसानों को 1403 लाख संकर सब्जी के पौधे वितरित किए गए हैं। प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना से 13.97 लाख बीमित किसान लाभान्वित हुए हैं। इस योजना के तहत उन्हें 32.93 करोड़ रुपये उपलब्ध कराये गये हैं। 3.72 लाख किसानों को किसान क्रेडिट कार्ड दिये गये हैं और 202530 करोड़ रुपये वितरित किये गये हैं। पीएन-किसान के माध्यम से 18वीं किस्त तक 2.76 लाख किसानों को 790.53 करोड़ रुपये दिए जा चुके हैं।
राज्यपाल ने विधानसभा में कहा कि राज्य में 3.43 लाख किसानों को एकीकृत किसान सेवा मंच पर पंजीकृत किया गया है। सूचना प्रौद्योगिकी सुविधाओं से सुसज्जित पांच कृषि विकास केन्द्र स्थापित किये गये हैं। 1.85 लाख किसानों को मृदा स्वास्थ्य कार्ड जारी किये गये हैं। उन्होंने कहा कि राज्य में 582 हेक्टेयर क्षेत्र को फलों की खेती, 170 हेक्टेयर क्षेत्र को मसालों की खेती तथा 1,700 हेक्टेयर क्षेत्र को संकर सब्जियों की खेती के अंतर्गत लाया गया है। इससे 11,000 कृषक परिवारों को लाभ मिला है। इसके अलावा, राष्ट्रीय खाद्य तेल मिशन-ऑयल पाम परियोजना के तहत 1,878 हेक्टेयर भूमि पर ऑयल पाम की खेती शुरू की गई है। इससे 1,861 किसान लाभान्वित हुए हैं। राज्यपाल ने कहा कि किसानों की आय बढ़ाने के उद्देश्य से राज्य सरकार ने दिसंबर 2018 से किसानों से अनुदानित मूल्य पर धान खरीदने की प्रक्रिया शुरू की है। इस कार्यक्रम के तहत पिछले वर्ष राज्य में किसानों से 70 करोड़ टका की लागत से 32,078 मीट्रिक टन धान खरीदा गया था। राज्यपाल ने विधानसभा में कहा कि राज्य सरकार ने दुग्ध उत्पादन बढ़ाने के लिए कृत्रिम गर्भाधान के माध्यम से स्थानीय कम दूध देने वाले दुधारू पशुओं को उन्नत करने पर जोर दिया है। अक्टूबर 2024 तक, 31,748 मवेशियों को कृत्रिम रूप से प्रजनन कराया गया है और 33,604 पशुओं को पारंपरिक तरीकों से प्रजनन कराया गया है। परिणामस्वरूप, 5,438 बछड़ों में से 4,312 मादा बछड़े कृत्रिम गर्भाधान के माध्यम से पैदा हुए। मुख्यमंत्री पशुधन विकास योजना से 12,422 हितग्राही लाभान्वित हुए हैं। इसके अलावा, वित्तीय वर्ष 2024-25 में 5,000 पशुपालक किसानों को मुख्यमंत्री पशुधन निधि योजना के तहत लाया गया है। इसके अतिरिक्त, राष्ट्रीय पशुधन मिशन के तहत 3 पशुपालन आधारित उद्यमियों को 2.10 करोड़ टका की वित्तीय सहायता प्रदान की गई है। बाढ़ से प्रभावित 1,243 पशुपालकों को वित्तीय सहायता प्राप्त हुई। राज्यपाल ने कहा कि राज्य सरकार ने मत्स्य पालन क्षेत्र को विकसित करने के लिए त्रिपुरा मत्स्य विकास बोर्ड का गठन किया है। मछली एवं मत्स्य पालन के उत्पादन को बढ़ाने के लिए 4,943 लाभार्थियों एवं 211 सहकारी समितियों/स्वयं सहायता समूहों को वैज्ञानिक मछली पालन में सहायता प्रदान की गई है। इसके अतिरिक्त, 11,612 मत्स्यपालकों को मछलीपालन का प्रशिक्षण दिया गया है। मुख्यमंत्री मत्स्य विकास योजना के तहत वित्तीय वर्ष 2024-25 में 1,339 मत्स्य कृषकों के बीच 906 जाल एवं 433 आइस बॉक्स का वितरण किया गया है। मत्स्य सहायता योजना के अंतर्गत 2,492 मछुआरों को वित्तीय सहायता प्रदान की गई है। प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना के अंतर्गत 40.94 हेक्टेयर नए जल निकायों का निर्माण किया गया है, 16 मोटरसाइकिल, 67 तिपहिया वाहन और 116 साइकिलें आइस बॉक्स के साथ उपलब्ध कराई गई हैं तथा 1,604 मछुआरों को आजीविका और पोषण सहायता प्रदान की गई है। प्रधानमंत्री मत्स्य सम्पदा योजना के तहत कैलाशहर उपखंड के बीसी नगर में एकीकृत एक्वा पार्क के निर्माण के लिए 42.40 करोड़ रुपये मंजूर किए गए हैं। राज्य में मछली पालन को विकसित करने के लिए विश्व बैंक की सहायता से टीआरईएसपी परियोजना के लिए 22.25 करोड़ रुपये स्वीकृत किए गए हैं। प्रधानमंत्री मत्स्य किसान सहसमृद्धि योजना के तहत अब तक 60,282 मछुआरों को पंजीकृत किया गया है। राज्यपाल ने विधानसभा में कहा कि राज्य सरकार महिला साक्षरता और बालिकाओं की उच्च शिक्षा को प्रोत्साहित कर रही है। इस उद्देश्य के लिए मुख्यमंत्री कन्या आत्मनिर्भर योजना नामक योजना शुरू की गई है। इस परियोजना के अंतर्गत मेधावी कॉलेज जाने वाली छात्राओं को निःशुल्क स्कूटी प्रदान की जा रही है। गंडातुइसा राजकीय डिग्री कॉलेज में 50 सीटों वाले छात्र छात्रावास का निर्माण किया जा रहा है। शिक्षकों की मांग को पूरा करने के लिए सरकार ने राज्य के विभिन्न डिग्री कॉलेजों में 201 सहायक प्रोफेसरों की नियुक्ति करने का निर्णय लिया है। सरकार ने राज्य में एक निजी मुक्त विश्वविद्यालय की स्थापना को मंजूरी दे दी है।
इस निजी मुक्त विश्वविद्यालय का नाम माता त्रिपुरसुंदरी मुक्त विश्वविद्यालय होगा। इसके अलावा, राज्य में उच्च शिक्षा को विकसित करने के लिए 3 नए निजी विश्वविद्यालय शुरू किए गए हैं, जिनके नाम हैं धर्मनगर में आर्यभट्ट अंतर्राष्ट्रीय विश्वविद्यालय, अगरतला में टेक्नो इंडिया विश्वविद्यालय और सबरूम के मनु बांकुल में धर्मदीप अंतर्राष्ट्रीय बौद्ध विश्वविद्यालय। भारत सरकार ने शिक्षा क्षेत्र के विकास के लिए लंबूचरा में केंद्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय के नए प्रशासनिक भवन के निर्माण के लिए 100.83 करोड़ रुपये मंजूर किए हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी फरवरी 2024 में इस विश्वविद्यालय का वर्चुअल उद्घाटन करेंगे। राज्यपाल ने कहा कि प्रधानमंत्री इंटर्नशिप योजना 2 दिसंबर 2024 को शुरू की गई है। इस परियोजना का उद्देश्य युवाओं के रोजगार कौशल को बढ़ाने के लिए बड़ी कंपनियों में इंटर्नशिप के अवसर प्रदान करना है। इसके अलावा, पीएम-विद्यालक्ष्मी योजना उच्च शिक्षा में रुचि रखने वाले छात्रों को वित्तीय सहायता सुनिश्चित करेगी। राज्यपाल ने कहा कि राज्य सरकार ने बोर्ड परीक्षा उत्तीर्ण करने वाले 200 विद्यार्थियों को उच्च शिक्षा सुविधा उपलब्ध कराने के लिए सीएम-एसएटीएच नामक एक नई पहल शुरू की है। मुख्यमंत्री वार्षिक राज्य पुरस्कार उन मेधावी विद्यार्थियों को दिया जाता है, जिन्होंने त्रिपुरा माध्यमिक शिक्षा बोर्ड के तहत माध्यमिक और उच्चतर माध्यमिक परीक्षाओं में सफलता प्राप्त की है। अब तक 475 छात्रों को पुरस्कार के रूप में एप्पल आईपैड प्राप्त हो चुके हैं। मेरी सरकार ने विद्या ज्योति स्कूलों के लिए 480 अध्यापक पदों का सृजन किया है। इसके अलावा 2,456 पदों पर भर्ती प्रक्रिया भी जल्द ही पूरी की जाएगी। मेरी सरकार ने राज्य में कक्षा 11 में प्रवेश प्रक्रिया को सरल बनाने के लिए ऑनलाइन प्रवेश हेतु वेब पोर्टल बनाया है। राज्यपाल ने कहा कि सरकार ने 2024-25 में प्रधानमंत्री स्कूल फॉर राइजिंग इंडिया (पीएम-श्री) योजना के तहत राज्य के 27 और स्कूलों को शामिल किया है। परिणामस्वरूप, राज्य में पीएम-श्री स्कूलों की संख्या 82 तक पहुंच गई है। कक्षाओं में डिजिटल तकनीक के माध्यम से शिक्षा सुनिश्चित करने के लिए राज्य के 854 स्कूलों में स्मार्ट क्लासरूम परियोजना शुरू की गई है और इस वर्ष 32 नए स्कूलों को स्मार्ट क्लासरूम परियोजना के तहत शामिल करने की प्रक्रिया शुरू हो गई है। सीबीएसई ने अगरतला में उप-क्षेत्रीय कार्यालय खोलने पर सहमति व्यक्त की है। यह कार्यालय राज्य के शैक्षिक बुनियादी ढांचे के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। राज्यपाल ने विधानसभा में कहा कि राज्य सरकार का लक्ष्य राज्य में स्वास्थ्य शिक्षा को बेहतर बनाना है। 2024-25 में स्त्री रोग विभाग में 3 पीजी सीटें सृजित की गई हैं तथा 3 और विभागों में पीजी सीटें बढ़ाने के लिए कदम उठाए गए हैं। अगरतला सरकारी डेंटल कॉलेज में वर्ष 2025-26 के लिए आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों के लिए 13 सीटें आरक्षित की गई हैं। अमताली में 150 सीटों वाला त्रिपुरा शांतिनिकेतन मेडिकल कॉलेज स्थापित किया गया है। इसके अलावा, राज्य में होम्योपैथी और आयुर्वेदिक मेडिकल कॉलेज स्थापित करने की योजना बनाई गई है। त्रिपुरा राज्य रक्त आधान परिषद ने अक्टूबर 2024 तक 522 रक्तदान शिविर आयोजित किए हैं। राज्यपाल ने कहा कि मुख्यमंत्री स्वस्थ बचपन स्वस्थ किशोरावस्था अभियान 7.0 के अन्तर्गत 11,36,083 बच्चे एवं किशोर लाभान्वित हुए हैं। नियमित टीकाकरण कार्यक्रम के तहत कुल 27,908 बच्चों का टीकाकरण किया गया है और जननी सुरक्षा योजना से 6,339 महिलाएं लाभान्वित हुई हैं। उन्होंने बताया कि इस वर्ष राज्य के 7 उप-स्वास्थ्य केन्द्रों तथा 3 प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों को राष्ट्रीय गुणवत्ता आश्वासन मानक (एनक्यूएएस) प्रमाणन प्राप्त हुआ है। दयारामपारा और कंचनबाड़ी में 10-बिस्तर वाले दो प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों और ताकारजाला में 30-बिस्तर वाले सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र का उद्घाटन किया गया है। आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना के तहत 70 वर्ष या उससे अधिक आयु के वरिष्ठ नागरिकों को 5 लाख रुपये तक का चिकित्सा लाभ प्रदान किया जाएगा। राज्यपाल ने कहा कि सरकार ने राज्य में स्थायी संपदा सृजित करने के लिए बुनियादी ढांचे के विकास और सड़क सम्पर्क को महत्व दिया है। इस लक्ष्य को ध्यान में रखते हुए इस वर्ष 132 किलोमीटर सड़कों में सुधार तथा 875 किलोमीटर सड़कों का नवीनीकरण किया गया है।
ग्रामीण अवसंरचना विकास निधि परियोजना के तहत 440 किलोमीटर सड़कें और 21 आरसीसी पुलों का निर्माण किया जा रहा है। विशेष केन्द्रीय सहायता के अंतर्गत 454 किलोमीटर सड़कें और 5 आरसीसी पुलों का निर्माण किया जा रहा है। लोक निर्माण विभाग के मैकेनिकल डिवीजन ने एजीएमसी और जीबीपी अस्पताल, आईजीएम अस्पताल और त्रिपुरा मेडिकल कॉलेज में काम का विस्तार करने के लिए एक नया उप-डिवीजन बनाने की पहल की है। राज्यपाल ने कहा कि केंद्र सरकार ने त्रिपुरा में महत्वपूर्ण सड़क परियोजनाओं के लिए 2,800 करोड़ रुपये मंजूर किए हैं। जिसमें अगरतला का पूर्वी बाईपास और अमताली से त्रिपुरासुंदरी मंदिर तक सड़क शामिल है, जिससे राज्य का सड़क संपर्क बेहतर होगा। राज्यपाल ने कहा कि जलजीवन मिशन के तहत राज्य के ग्रामीण क्षेत्रों में 6,32,387 घरों को पाइप पेयजल कनेक्शन उपलब्ध कराए गए हैं। राज्य सरकार ने जल जीवन मिशन के तहत मार्च 2025 तक राज्य के ग्रामीण क्षेत्रों में शत-प्रतिशत घरों में पाइप पेयजल कनेक्शन उपलब्ध कराने के लिए विशेष प्रयास किए हैं। राज्य के धलाई जिले को 5वें राष्ट्रीय जल पुरस्कार 2023 में पूर्वोत्तर क्षेत्र में सर्वश्रेष्ठ जिला श्रेणी से सम्मानित किया गया है। राज्यपाल ने विधानसभा में कहा कि राज्य में कुल कृषि योग्य भूमि 2,55,241 हेक्टेयर है, जिसमें से अब तक 1,22,270 हेक्टेयर भूमि को सिंचाई के अंतर्गत लाया जा चुका है। सरकार ने वित्तीय वर्ष 2024-25 में 3,150 हेक्टेयर भूमि को सुनिश्चित सिंचाई के अंतर्गत लाने की योजना बनाई है। इस उद्देश्य के लिए 150 गहरी ट्यूबवेल परियोजनाओं, 5 लिफ्ट सिंचाई परियोजनाओं, 8 लघु सिंचाई भंडारण परियोजनाओं और 2 डायवर्जन परियोजनाओं का निर्माण कार्य चल रहा है। राज्यपाल ने कहा कि सभी के लिए आवास सुविधा सुनिश्चित करने की प्रतिबद्धता के साथ सरकार ने प्रधानमंत्री आवास योजना-ग्रामीण परियोजना के तहत वित्तीय वर्ष 2023-24 में स्वीकृत 1,15,673 आवासों में से 1,08,703 आवासों का निर्माण पूरा कर लिया है। कार्य पूर्णता अभियान के तहत, त्रिपुरा ने 6 प्रमुख संकेतकों के संदर्भ में निर्धारित समय से पहले कार्य पूरा करके 100 प्रतिशत सफलता हासिल की है। उन्होंने कहा कि दीनदयाल अंत्योदय योजना-राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत ग्रामीण क्षेत्रों की 4.73 लाख महिलाओं ने 52,350 स्वयं सहायता समूह बनाए हैं तथा 2,373 ग्राम संगठनों और 141 क्लस्टर स्तरीय संघों से जुड़ी हैं। ग्रामीण क्षेत्रों में महिलाओं की आजीविका को समर्थन देने के लिए स्वयं सहायता समूहों को 742.91 करोड़ रुपये का सामुदायिक कोष उपलब्ध कराया गया है। इसमें से 65.92 करोड़ रुपए वर्ष 2024-25 में दिए गए हैं। इसके अलावा, महिला स्वयं सहायता समूहों के संचालन के लिए 1,400 करोड़ रुपये के बैंक ऋण उपलब्ध कराए गए हैं। राज्यपाल ने विधानसभा में कहा कि त्रिपुरा ने राष्ट्रीय पंचायत पुरस्कार-2024 में 7 पुरस्कार प्राप्त करके एक मील का पत्थर हासिल किया है। राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय, त्रिपुरा, केरल स्थानीय प्रशासन संस्थान और एसआईपीएआरडी जैसे शैक्षणिक संस्थानों के सहयोग से राज्य की पंचायती राज प्रणाली को मजबूत किया जा रहा है। राज्यपाल ने कहा कि स्मार्ट सिटी मिशन के तहत राज्य में 65 परियोजनाएं शुरू की गई हैं, जिन पर कुल 58.10 करोड़ रुपये खर्च होंगे। इनमें से 60 परियोजनाएं पूरी हो चुकी हैं। कार्यान्वित परियोजनाओं में फायर ब्रिगेड चौमुहनी से एकीकृत चेकपोस्ट तक सड़क विकास, उज्जयंत प्रसाद उद्यान का पुनर्निर्माण और अखौरा में सीवेज उपचार संयंत्र शामिल हैं। इसके अलावा, राज्य सरकार ने शहरी क्षेत्रों के विकास के लिए ‘मुख्यमंत्री सैटेलाइट टाउन विकास योजना’ और ‘मुख्यमंत्री शहरी विकास योजना’ शुरू की है। इन दोनों परियोजनाओं में अगले पांच वर्षों में 1,500 करोड़ टका से अधिक का निवेश शामिल होगा। राज्यपाल ने कहा कि राज्य सरकार ने रुखिया में 120 मेगावाट का संयुक्त चक्र गैस आधारित विद्युत संयंत्र स्थापित करने की पहल की है। इसके अलावा, सरकार ने राज्य में पम्प स्टोरेज पावर प्रोजेक्ट (पीएसपी) को लागू करने की भी पहल की है। एनएचपीसी लिमिटेड के सहयोग से चार पंप स्टोरेज पावर (पीएसपी) परियोजनाओं के लिए स्थलों का चयन किया गया है।
प्रत्येक पीएसपी परियोजना की अपेक्षित उत्पादन क्षमता 800 मेगावाट होगी। राज्यपाल ने कहा कि राज्य में ऊर्जा क्षेत्र के विकास पर भी ध्यान दिया गया है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने राज्य के सेकरकोट में 656 करोड़ रुपये की लागत से इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन के नए डिपो के निर्माण की आधारशिला रखी। राज्यपाल ने कहा कि सरकार ने त्रिपुरा विद्युत वितरण सुदृढ़ीकरण एवं उत्पादन दक्षता परियोजना के कार्यान्वयन के लिए एशियाई विकास बैंक (एडीबी) के साथ एक समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं। इस परियोजना के लिए 2,275 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं। इसके अलावा, राज्य ‘पूर्वोत्तर क्षेत्रीय विद्युत प्रणाली विकास परियोजना’ का क्रियान्वयन कर रहा है, जिसे राज्य में एक मजबूत विद्युत पारेषण नेटवर्क बनाने के लिए विश्व बैंक द्वारा 1,800 करोड़ रुपये के निवेश से वित्त पोषित किया जा रहा है। केंद्र सरकार ने कमजोर आदिवासी परिवारों के विद्युतीकरण के लिए पीएम-जनमन योजना के तहत राज्य के लिए 69.12 करोड़ रुपये मंजूर किए हैं। फरवरी 2024 में पीएम-सूर्य घर: मुफ्त बिजली योजना शुरू की गई, जिससे उपभोक्ताओं को मुफ्त बिजली मिलेगी। राज्यपाल ने विधानसभा में कहा कि सरकार ने औद्योगिक एवं सेवा क्षेत्र को प्रोत्साहित करने तथा समावेशी आर्थिक विकास के लिए इस वर्ष राज्य में नई औद्योगिक नीति की घोषणा की है। त्रिपुरा में निवेश को प्रोत्साहित करने तथा व्यवसाय स्थापित करने में सहायता प्रदान करने के लिए निवेश संवर्धन एजेंसी का गठन किया गया है। उद्योग समागम 2024 में व्यापार सुधार कार्य योजना के कार्यान्वयन के लिए त्रिपुरा को 3 श्रेणियों में विशेष पुरस्कार प्राप्त हुए। टाटा टेक्नोलॉजीज लिमिटेड के सहयोग से उद्योग, औद्योगिक कौशल और रोजगार क्षमता को बढ़ाने के लिए 19 औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों को 40 औद्योगिक स्तर तक उन्नत किया जा रहा है। पीएम-विश्वकर्मा के अंतर्गत 7,523 लोगों को बुनियादी प्रशिक्षण प्रदान किया गया है। कुल 2,399 ऋण आवेदन स्वीकृत किये गये हैं, जिनमें से 1,822 ऋण वितरित किये जा चुके हैं। उन्होंने कहा कि त्रिपुरा चाय विकास निगम लिमिटेड (टीटीडीसी) ने नीलामी बाजार में तैयार चाय औसतन 213 टका प्रति किलोग्राम की दर से बेची। पूर्वोत्तर राज्यों में तीसरा चाय नीलामी केंद्र राज्य में स्थापित किया जा रहा है। इसके अलावा, हाल ही में शुरू किए गए मुख्यमंत्री आदिवासी बुनकर विकास कार्यक्रम ने 2024-25 में हथकरघा उत्पादन के लिए राज्य के 12,000 पारंपरिक आदिवासी बुनकरों को धागा उपलब्ध कराया है। राज्यपाल ने कहा कि सरकार ने प्रशासनिक ढांचे में दक्षता, पारदर्शिता और जवाबदेही बढ़ाने के लिए योजना बनाई है। इसके लिए 15 मार्च, 2024 तक जिला मजिस्ट्रेट, उप-मंडल मजिस्ट्रेट और बीडीओ के कार्यालयों में ई-ऑफिस प्रणाली को 100 प्रतिशत तक विस्तारित किया गया है। सरकार ने त्रिपुरा स्टार्टअप नीति-2024 की घोषणा की है। इसके तहत राज्य के बेरोजगार युवाओं को 2 लाख रुपये की प्रारंभिक पूंजी का लाभ मिल सकता है। राज्यपाल ने विधानसभा में कहा कि त्रिपुरा की पर्यटन क्षमता को बढ़ाने के लिए सरकार ने पर्यटकों का आकर्षण बढ़ाने के लिए कई परियोजनाओं का उद्घाटन किया है। इन परियोजनाओं में उदयपुर में जगन्नाथ दीघी में एक जल-तट परियोजना का विकास, कमालपुर में सुरमाचरा में एक नया पर्यटन केंद्र और मेला मैदान, कृष्ण सागर दीघी (जगन्नाथ दीघी) में एक लेजर और प्रकाश शो आदि शामिल हैं। पर्यावरण अनुकूल पर्यटन केंद्रों पर आवास सुविधाओं का विस्तार करने के लिए सरकार ने स्वदेश दर्शन परियोजना के तहत चोबिमुरा में 10 लॉग हट्स का निर्माण कार्य शुरू किया है। राज्यपाल ने कहा कि पर्यटन अवसंरचना के विकास के लिए एशियाई विकास बैंक की वित्तीय सहायता से बाह्य सहायतित परियोजनाओं के अंतर्गत 179.72 करोड़ रुपये की लागत से 6 पर्यटन केन्द्रों के अवसंरचना विकास का कार्य शुरू किया गया है। दम्बूर झील में हाउसबोट चलाने के लिए कदम उठाए गए हैं। केंद्र सरकार ने गोमती जिले के बंदुवार में शक्तिपीठ पार्क के विकास के लिए 97.7 करोड़ रुपये मंजूर किए हैं।
राज्यपाल ने विधानसभा में कहा कि सरकार पर्यावरण संरक्षण के साथ-साथ राज्य के लोगों के आर्थिक विकास को बढ़ाने की दिशा में काम कर रही है। इस लक्ष्य को ध्यान में रखते हुए, इस वर्ष 9,856 हेक्टेयर वन क्षेत्र में आर्थिक रूप से महत्वपूर्ण बांस और अन्य वृक्ष प्रजातियों का वनरोपण किया गया है। विश्व बैंक की वित्तीय सहायता से 1,765 करोड़ रुपये की लागत वाली एक नई परियोजना ‘एलिमेंट’ (लैंडस्केप और इकोसिस्टम प्रबंधन को बढ़ावा देना) वर्तमान में प्रक्रियाधीन है। राज्यपाल ने कहा कि राज्य में जनजातीय समूहों के सामाजिक-आर्थिक, शैक्षणिक और सांस्कृतिक विकास को प्राथमिकता वाला क्षेत्र माना गया है। मुख्यमंत्री जन जाति उन्नयन योजना के तहत 2,073 लाभार्थियों को लाभकारी रोजगार के लिए वित्तीय सहायता प्रदान की गई है। मुख्यमंत्री रबर मिशन के तहत 23,177 हेक्टेयर रबर बागानों से 28,149 लाभार्थियों को लाभ मिला है। राज्यपाल ने कहा कि त्रिपुरा ग्रामीण आर्थिक विकास और सेवा वितरण परियोजना के तहत आदिवासी बहुल क्षेत्रों में 1,400 करोड़ टका की लागत से विभिन्न कार्यक्रम कार्यान्वित किए जा रहे हैं। इसके अलावा, इस परियोजना में 955 उत्पादक समूह और 48 क्लस्टर स्तरीय संघ बनाए गए हैं। राज्यपाल ने कहा कि धरती आबा जनजातीय ग्राम उन्नयन अभियान भारत सरकार की विभिन्न परियोजनाओं का समन्वय कर जनजातीय समुदाय के समग्र विकास एवं सशक्तिकरण की दिशा में कार्य करेगा। यह परियोजना देश के 63,843 गांवों में क्रियान्वित की जाएगी। इनमें से 392 गांव त्रिपुरा में हैं। राज्यपाल ने कहा कि प्रधानमंत्री राष्ट्रीय विकास एवं सुधार ग्राम अभियान पिछले वर्ष शुरू किया गया था। इस परियोजना में राज्य के कई गांव शामिल हैं। राज्यपाल ने कहा कि सरकार राज्य में अनुसूचित जाति, अन्य पिछड़ा वर्ग और अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों के सामाजिक और आर्थिक विकास के लिए काम कर रही है। प्रधानमंत्री द्वारा प्रायोजित जाति अभ्युदय योजना के अंतर्गत प्रदेश में 1,915 लाभार्थियों को लाभकारी रोजगार हेतु सहायता प्रदान की गई है। राज्यपाल ने कहा कि राज्य सरकार दिव्यांगजनों के सकारात्मक सशक्तिकरण के लिए प्रतिबद्ध है। त्रिपुरा राज्य दिव्यांगजन सशक्तिकरण नीति 2024 शुरू की गई है, जो एक ऐतिहासिक कदम है। पीएम-जनमन परियोजना के तहत जनजातीय क्षेत्रों में, विशेष रूप से उपेक्षित और कमजोर वर्गों के लिए 77 नए आंगनवाड़ी केंद्र खोले गए हैं। राज्यपाल ने विधानसभा में कहा कि भारत सरकार, त्रिपुरा, मिजोरम सरकार और ब्लू संगठन के बीच हुए चतुर्पक्षीय समझौते के तहत प्रत्येक पुनर्वासित ब्लू परिवार को स्थायी मकान बनाने के लिए 1.50 लाख रुपये, आवास निर्माण के लिए 4 लाख रुपये दिए जाएंगे। एकमुश्त वित्तीय सहायता, 5,000 रुपये मासिक वित्तीय सहायता और 2 साल तक मुफ्त राशन उपलब्ध कराया जा रहा है। पुनर्वास क्षेत्रों में बेहतर बुनियादी ढांचे के विकास के लिए भी पहल की गई है। युवाओं के लिए कौशल विकास परियोजनाएं भी चल रही हैं। राज्यपाल ने कहा कि मिजोरम से आकर त्रिपुरा में बसाए गए ब्लू परिवारों को खाद्य एवं पोषण सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए सार्वजनिक वितरण प्रणाली के अंतर्गत लाया गया है। अब तक 6,250 ब्लू परिवारों के 22,000 व्यक्तियों को सार्वजनिक वितरण प्रणाली के अंतर्गत लाया जा चुका है। इसके अतिरिक्त, 600 उचित मूल्य दुकानों को आदर्श उचित मूल्य दुकानों में परिवर्तित करने की पहल की गई है। उपभोक्ता जागरूकता बढ़ाने के लिए राज्य के 100 चयनित स्कूलों और 18 महाविद्यालयों एवं विश्वविद्यालयों में उपभोक्ता क्लब स्थापित किए गए हैं। राज्यपाल ने विधानसभा में कहा, “मेरी सरकार ने राज्य में कानून-व्यवस्था की स्थिति सुधारने में महत्वपूर्ण सफलता हासिल की है।” अक्टूबर 2024-25 तक नशा मुक्त अभियान के तहत 14,350 किलोग्राम मारिजुआना, 75,318 बोतल कफ सिरप, 5,83,465 गोलियां और 7,520 ग्राम हेरोइन जब्त की गई है। कुल 6,302,955 भांग के पौधे नष्ट किये गये हैं। इस संबंध में 260 मामले दर्ज किये गये हैं और 426 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। बेरोजगार युवाओं को रोजगार उपलब्ध कराने के उद्देश्य से 916 कांस्टेबल और 218 उपनिरीक्षकों की भर्ती प्रक्रिया शुरू हो गई है।
इसके अलावा पुलिस विभाग में 6,067 विशेष कार्यकारियों की नियुक्ति की प्रक्रिया चल रही है। उन्होंने कहा, “त्रिपुरा स्टेट राइफल्स के जवानों के कल्याण के लिए मेरी सरकार ने टीएसआर जवानों, सूबेदारों और राज्य पुलिस के पुलिस निरीक्षकों के राशन भत्ते और वार्षिक वस्त्र भत्ते में वृद्धि की है।” विशेष पुलिस अधिकारियों का मासिक मानदेय बढ़ाकर 12,000 टका तथा विशेष कार्यकारी अधिकारियों का मानदेय बढ़ाकर 13,000 टका कर दिया गया है। होमगार्डों का वेतन बढ़ाकर 20,097 टका प्रति माह कर दिया गया है। राज्यपाल ने कहा कि मुख्यमंत्री चाय श्रमिक कल्याण योजना के तहत सरकार ने 1,343 चाय श्रमिक परिवारों को बिना प्रीमियम के 53.72 एकड़ जमीन आवंटित की है। राज्यपाल ने विधानसभा में कहा कि राज्य सरकार ने राज्य के विभिन्न जातीय समूहों की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत को पुनर्जीवित करने, संरक्षित करने और बढ़ाने के लिए पहल की है। वित्तीय वर्ष 2024-25 में राज्य के विविध सांस्कृतिक कार्यक्रमों को प्रस्तुत करने के लिए 501 कार्यक्रमों के साथ 122 आयोजनों की योजना बनाई गई है। देवी दुर्गा को विदाई देने के लिए मातृ प्रस्थान कार्निवल का तीसरी बार 14 अक्टूबर 2024 को सफलतापूर्वक आयोजन किया गया। राज्य के सभी जिलों के 47 क्लबों को शरद सम्मान 2024 पुरस्कार प्रदान किए गए हैं। उन्होंने कहा, “मेरी सरकार ने सांस्कृतिक आदान-प्रदान कार्यक्रमों को बढ़ावा देने तथा देश के विभिन्न क्षेत्रों के बीच भाईचारा बढ़ाने के लिए असम और राजस्थान जैसे विभिन्न राज्यों में सांस्कृतिक टीमें भेजी हैं तथा उत्तर प्रदेश सरकार के संस्कृति विभाग के साथ समझौते पर हस्ताक्षर की प्रक्रिया चल रही है।” चल रहा है।” राज्य सरकार पत्रकारों के कल्याण के लिए पत्रकार कल्याण योजना एवं पत्रकार पेंशन योजना लागू कर रही है। विभिन्न मुद्दों के समाधान के लिए प्रमुख मीडिया प्रतिनिधियों की एक मीडिया सलाहकार समिति गठित की गई है। उन्होंने कहा कि सरकार राज्य में खेल क्षेत्र के समग्र विकास के लिए भी प्रतिबद्ध है। इसी कारण राज्य में बेहतर बुनियादी ढांचे का निर्माण किया जा रहा है। इसके अलावा, राज्य में खेल क्षेत्र को विकसित करने के लिए मुख्यमंत्री खेल विकास योजना शुरू की गई है। राज्यपाल ने कहा कि मुख्यमंत्री राज्य प्रतिभा खोज कार्यक्रम के तहत प्रतिभाशाली महिला खिलाड़ियों को एकमुश्त वित्तीय सहायता प्रदान की जा रही है। मुख्यमंत्री प्रतिभा पुरस्कार योजना के तहत पदक विजेता खिलाड़ियों और प्रशिक्षकों को आर्थिक पुरस्कार दिया जा रहा है। मुख्यमंत्री खेल विकास योजना खिलाड़ियों को स्वास्थ्य बीमा भी प्रदान करती है। राज्य सरकार ‘जागो युवा शक्ति’ के नारे पर विश्वास करती है। उन्होंने कहा कि सरकार पारदर्शी प्रक्रिया के माध्यम से रोजगार के अवसर सृजित करने के लिए भी प्रतिबद्ध है। संप्रति ने जेआरबीटी के माध्यम से 2,410 उम्मीदवारों को नौकरी दिलाई है। इसके अलावा, सरकार कौशल विकास और अन्य तरीकों के माध्यम से बेरोजगार युवाओं के लिए रोजगार के अवसर पैदा करने के अपने प्रयास जारी रखे हुए है। उन्होंने कहा कि सहकारिता मंत्रालय ने सहकारिता क्षेत्र को मजबूत करने के लिए राज्य में 8 पैक्स की पहचान की है। गोमती जिले में खिलपारा पैक्स का काम पहले ही पूरा हो चुका है। राज्यपाल ने विधानसभा को संबोधित करते हुए कहा कि 19 से 23 अगस्त तक भारी बारिश और भूस्खलन के कारण 38 नागरिकों की जान चली गई। 3.7 लाख लोगों को विभिन्न राहत शिविरों में शरण लेनी पड़ी। विधानसभा में राज्यपाल ने बाढ़ और भूस्खलन में मारे गए लोगों के प्रति गहरी संवेदना व्यक्त की। उन्होंने कहा कि इस बाढ़ में कृषि बुनियादी ढांचे और आजीविका सहित विभिन्न महत्वपूर्ण क्षेत्रों को भारी नुकसान हुआ है। क्षति का वित्तीय मूल्य 14,247 करोड़ टका से अधिक है। इस गंभीर स्थिति से निपटने के लिए राज्य सरकार ने एसडीआरएफ, एनडीआरएफ, भारतीय वायु सेना, राज्य सरकार के अधिकारियों और स्वयंसेवकों को तैनात किया। राज्य में 889 राहत शिविर खोले गए, जहां बाढ़ पीड़ितों को आश्रय के अलावा भोजन और चिकित्सा सेवाएं भी उपलब्ध कराई गईं। अंत में, राज्यपाल इंद्रसेन रेड्डी नन्नू ने विधान सभा के सदस्यों से राज्य के विकास के लिए एकजुट और ईमानदारी से काम करने का आह्वान किया।