
नजरुल कलाक्षेत्र में त्रिपुरा फिल्म एवं टेलीविजन संस्थान का उद्घाटन त्रिपुरा फिल्म एवं टेलीविजन संस्थान राज्य के युवाओं की सांस्कृतिक प्रतिभा को विकसित करने में अहम भूमिका निभाएगा: मुख्यमंत्री
ऑनलाइन डेस्क, 28 नवंबर, 2022। ऑनलाइन डेस्क, 28 नवंबर, 2022। राज्य के जाति वर्गों के कई युवाओं में सांस्कृतिक प्रतिभा है। प्रतिभा को निखारने के लिए एक उपयुक्त मंच की जरूरत है त्रिपुरा फिल्म और टेलीविजन संस्थान उनकी सांस्कृतिक प्रतिभाओं को विकसित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा मुख्यमंत्री प्रोफेसर (डॉ.) माणिक साहा ने आज शाम नजरूल कलाक्षेत्र में त्रिपुरा फिल्म एवं टेलीविजन संस्थान का उद्घाटन करते हुए यह बात कही। यह कोलकाता के सत्यजीत रे फिल्म और टेलीविजन संस्थान के सहयोग से राज्य का पहला फिल्म संस्थान है।
उपमुख्यमंत्री यिष्णु देबबर्मा, सूचना और संस्कृति मंत्री सुशांत चौधरी, अगरतला के मेयर दीपक मजूमदार, बांग्लादेशी प्रसिद्ध अभिनेता फिरदौस अहमद और एसआरएफटीआई, कोलकाता के निदेशक हिमांशु शेखर कठुआ सम्मानित अतिथि के रूप में उपस्थित थे। इस संस्थान में स्क्रीन एक्टिंग, फिल्म एप्रिसिएशन, प्रोडक्शन मैनेजमेंट और न्यूज रिपोर्टिंग, एंकरिंग, न्यूज रूम ऑटोमेशन नाम से 4 कोर्स हैं। इस वर्ष इस संस्थान में 47 छात्रों को प्रवेश दिया गया है। फिल्म और टेलीविजन संस्थान का उद्घाटन करते हुए मुख्यमंत्री प्रोफेसर (डॉ.) माणिक साहा ने कहा, हमने कभी नहीं सोचा था कि हमारे राज्य में एक फिल्म संस्थान स्थापित होगा.
राज्य सरकार के प्रयासों से यह हकीकत बन गया है उन्होंने चर्चा में प्रसिद्ध संगीत कलाकार, संगीतकार सचिन देववर्मन और राहुल देववर्मन पर भी प्रकाश डाला। मुख्यमंत्री ने कहा कि संगीत, संगीत, सांस्कृतिक विचार हर इंसान में छिपे होते हैं। उसे विकसित होना है उचित बुनियादी ढांचे के बिना प्रतिभा का पूर्ण विकास संभव नहीं है। उन्होंने कहा कि इस संस्थान की सफलता छात्रों पर निर्भर करेगी, इसलिए इसमें शिक्षकों की भी महत्वपूर्ण भूमिका होगी। मुख्यमंत्री ने आशा व्यक्त की कि यह संस्थान भविष्य में प्रतिष्ठा प्राप्त करेगा।आयोजन के माननीय अतिथि, उपमुख्यमंत्री यिष्णु देबवर्मा ने कहा कि त्रिपुरा राज्य में विभिन्न क्षेत्रों में प्रतिभा की कोई कमी नहीं है।
लेकिन जिस तरह एक हीरे की कीमत तब समझी जाती है जब उसे और अधिक रूप दिया जाता है, उसी तरह प्रतिभा के लिए भी प्रशिक्षण और अभ्यास की आवश्यकता होती है। तभी उसकी कीमत बढ़ती है उन्होंने आज के दिन को ऐतिहासिक बताते हुए कहा कि एसडी बर्मन की वजह से त्रिपुरा का फिल्मी दुनिया और बॉलीवुड से पुराना नाता है। अब त्रिपुरा फिल्म एंड टेलीविजन इंस्टीट्यूट की स्थापना से भी फिल्म प्रतिभाओं को तराशने में आई कमी को पूरा किया जा सकेगा। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की संस्कारी सोच का जिक्र करते हुए कहा, ‘हर राज्य की अपनी संस्कृति होती है और फिल्म इस संस्कृति को दिखाने का सशक्त माध्यम है।’
उन्होंने आशा व्यक्त की कि यह नया संस्थान एक दिन त्रिपुरा में एक प्रतिष्ठित संस्थान के रूप में उभरेगा। क्योंकि त्रिपुरा की जड़ें सांस्कृतिक विकास में हैं, इसके लोगों और मिश संस्कृति की समृद्ध विरासत है अब टीएफटीआई की स्थापना से त्रिपुरा फिल्म जगत में एक दिन बड़ा नाम करेगा उन्होंने टीएफटीआई में भर्ती छात्रों की सफलता की कामना की और इस पहल में शामिल सभी को धन्यवाद दिया इस अवसर पर विशिष्ट अतिथि सूचना एवं संस्कृति मंत्री सुशांत चौधरी ने इस संस्थान के निर्माण के संदर्भ पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा, हमारे राज्य की समृद्ध संस्कृति है इस राज्य का प्राकृतिक सौंदर्य बेमिसाल है
इस फिल्म संस्थान के माध्यम से प्रदेश के प्राकृतिक सौन्दर्य एवं समृद्ध संस्कृति को और अधिक प्रदर्शित किया जायेगा। यह फिल्म संस्थान प्रदेश के युवाओं की सामाजिक-आर्थिक स्थिति को सुधारने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। इस फिल्म संस्थान के माध्यम से प्रदेश के युवा देश की जनता के सामने अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन कर सकेंगे। उन्होंने उम्मीद जताई कि यह संस्थान सुचारू रूप से आगे बढ़ेगा। अगरतला पूर्णिगम के मेयर दीपक मजूमदार ने कहा कि राज्य के लोगों के लिए आज का दिन ऐतिहासिक है। जो लोग कला-संस्कृति से जुड़े हैं, उन्होंने आज लंबे समय से अपनी उम्मीदों पर खरा उतरा है उन्होंने आशा व्यक्त की कि राज्य के विभिन्न सांस्कृतिक व्यक्तित्व अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन करने में सक्षम होंगे।
सूचना एवं संस्कृति विभाग के सचिव ने इस अवसर पर सभी का स्वागत किया। एसआरएफटीआई, कोलकाता के निदेशक हिमांशु शेखर कठुआ ने कहा कि त्रिपुरा सरकार के पास फिल्मों के लिए दूरगामी दृष्टिकोण है। टीएफटीआई उस लक्ष्य की ओर सिर्फ एक शुरुआत है कोलकाता स्थित एसआरएफटीआई ने पहले ही फिल्म जगत में ख्याति प्राप्त कर ली है और सफलता के साथ विभिन्न पाठ्यक्रमों का संचालन कर रही है। प्राकृतिक सौंदर्य और सांस्कृतिक प्रतिभा से संपन्न इस राज्य के प्रतिभाशाली बच्चों को प्रशिक्षित करने के लिए त्रिपुरा को भी ऐसी संस्था की जरूरत थी। उन्होंने कहा कि दिसंबर के पहले सप्ताह में यहां कक्षाएं शुरू हो जाएंगी SRFT ने इसलिए लघु पाठ्यक्रम तैयार किए हैं।
भविष्य में डिप्लोमा और यहां तक कि स्नातकोत्तर पाठ्यक्रम जैसे लंबी अवधि के पाठ्यक्रम शुरू करने की भी योजना है। प्रसिद्ध बांग्लादेशी अभिनेता फिरदौस अहमद ने कहा, त्रिपुरा और बांग्लादेश के बीच लंबे समय से घनिष्ठ संबंध हैं इसका जिक्र करते हुए उन्होंने आज इस ऐतिहासिक क्षण का साक्षी बनने के लिए त्रिपुरा सरकार को धन्यवाद दिया। उन्होंने यह भी कहा कि त्रिपुरा और बांग्लादेश जल्द ही एक संयुक्त फिल्म महोत्सव आयोजित करेंगे। साथ ही भविष्य में बांग्लादेश के बच्चे भी यहां फिल्म पढ़ने का अवसर प्राप्त करने आएंगे।
अंत में उन्होंने कहा कि भविष्य में जब भी जरूरत होगी, वह टीएफटीआई के विकास में यथासंभव मदद करेंगे। कार्यक्रम के प्रारंभ में त्रिपुरा फिल्म एवं टेलीविजन संस्थान की स्थापना पर एक वृत्तचित्र दिखाया गया सूचना एवं संस्कृति मंत्री सुशांत चौधरी और सचिव पीके चक्रवर्ती ने अतिथियों को स्मृति चिन्ह भेंट किए। इस संस्थान में अब 4 शॉर्ट टर्म कोर्स शुरू किए जाएंगे। ट्यूशन की लागत का 90 प्रतिशत राज्य सरकार द्वारा वहन किया जाएगा। दस फीसदी राशि छात्रों को देनी होगी उद्घाटन समारोह में सूचना एवं संस्कृति विभाग के निदेशक रतन विश्वास मौजूद थे।